आर एस राणा
नई दिल्ली। चालू सीजन में कपास के उत्पादन में आई भारी गिरावट से घरेलू बाजार में इसकी कीमतों में तेजी तो आई है, लेकिन तेजी का फायदा किसानों को नहीं मिला। अहमदाबाद में शंकर-6 किस्म की कपास का भाव बढ़कर मंगलवार को 46,000 से 46,500 रुपये प्रति कैंडी (एक कैंडी-356 किलो) हो गया। घरेलू बाजार में कपास की कीमतों में आई तेजी से चालू सीजन में कपास का आयात बढ़कर 31-32 लाख गांठ (एक गांठ-170 किलोग्राम) से ज्यादा ही होने का अनुमान है।
नार्थ इंडिया कॉटन एसोसिएशन आफ इंडिया के अध्यक्ष राकेश राठी ने आउटलुक को बताया कि उत्पादक राज्यों में कपास का बकाया स्टॉक कम होने के कारण उत्पादक मंडियों में दैनिक आवक सीमित मात्रा ही हो रही है। सप्ताहभर में ही कपास की कीमतों में करीब 2,000 रुपये प्रति कैंडी की तेजी आकर भाव 46,000 से 46,500 रुपये प्रति कैंडी हो गए, जबकि गत सप्ताह इसके भाव 44,000 से 44,500 रुपये प्रति कैंडी थे। दिसंबर के शुरू में अहमदाबाद में शंकर-6 किस्म की कपास का भाव 43,700 से 43,800 रुपये प्रति कैंडी थे। उत्पादक राज्यों में बकाया स्टॉक कम है जबकि नई फसल आने में अभी तीन-चार महीने बचे हुए हैं, इसलिए मौजूदा कीमतों में आगे और तेजी बन सकती है।
आयात बढ़ेगा, निर्यात में आयेगी कमी
कॉटन एसोसिएशन आफ इंडिया (सीएआई) के अनुसार घरेलू बाजार में कपास की कीमतों में आई तेजी से कपास का आयात बढ़कर 31-32 लाख गांठ होने का अनुमान है जबकि पिछले सीजन में केवल 15 लाख गांठ का ही आयात हुआ था। चालू सीजन में अभी तक करीब 25 लाख गांठ के आयात सौदे हो भी चुके हैं। कपास का निर्यात घटकर चालू सीजन में 42 से 43 लाख गांठ का ही होने का अनुमान है जबकि पिछले फसल सीजन में 69 लाख गांठ का निर्यात हुआ था। चालू फसल सीजन 2018-19 में कपास का उत्पादन घटकर 315 लाख गांठ (एक गांठ-170 किलोग्राम) ही होने का अनुमान है जबकि पिछले साल 365 लाख गांठ का उत्पादन हुआ था।
उत्पादक राज्यों में भाव तेज
मुक्तसर के कपास कारोबारी संजीव गुप्ता ने बताया कि उत्पादक राज्यों पंजाब और हरियाणा की मंडियों में नरमा कपास के भाव बढ़कर 6,100 से 6500 रुपये प्रति क्विंटल हो गए है। अक्टूबर 2018 में फसल की आवक के समय इसके भाव 5,100 से 5,200 रुपये प्रति क्विंटल थे। महाराष्ट्र की मंडियों में कपास के भाव 5,900 से 6,400 रुपये प्रति क्विंटल चल रहे हैं जबकि गुजरात की मंडियों में कपास के भाव 1,200 से 1,310 रुपये प्रति 20 किलो हो गए हैं। केंद्र सरकार ने खरीफ विपणन सीजन 2018-19 के लिए मीडियम स्टेपल कपास का न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) 5,150 रुपये और लौंग स्टेपल कपास का भाव 5,450 रुपये प्रति क्विंटल तय किया हुआ है।
उत्तर भारत के राज्यों में बुवाई शुरू
न्यूयार्क में कपास के जुलाई वायदा का भाव 68.39 सेंट प्रति पाउंड हो गया, जबकि पिछले सप्ताह में इसका भाव नीचे में 65.99 सेंट प्रति पाउंड रह गया था। राकेश राठी ने बताया कि आगे कपास की कीमतों में तेजी-मंदी उत्पादक राज्यों में होने वाली मानसूनी बारिश पर निर्भर करेगी। उत्तर भारत के राज्यों पंजाब, हरियाणाा और राजस्थान में कपास की बुवाई शुरू हो गई है, तथा अन्य राज्यों में बुवाई जून में शुरू होगी।....... आर एस राणा
नई दिल्ली। चालू सीजन में कपास के उत्पादन में आई भारी गिरावट से घरेलू बाजार में इसकी कीमतों में तेजी तो आई है, लेकिन तेजी का फायदा किसानों को नहीं मिला। अहमदाबाद में शंकर-6 किस्म की कपास का भाव बढ़कर मंगलवार को 46,000 से 46,500 रुपये प्रति कैंडी (एक कैंडी-356 किलो) हो गया। घरेलू बाजार में कपास की कीमतों में आई तेजी से चालू सीजन में कपास का आयात बढ़कर 31-32 लाख गांठ (एक गांठ-170 किलोग्राम) से ज्यादा ही होने का अनुमान है।
नार्थ इंडिया कॉटन एसोसिएशन आफ इंडिया के अध्यक्ष राकेश राठी ने आउटलुक को बताया कि उत्पादक राज्यों में कपास का बकाया स्टॉक कम होने के कारण उत्पादक मंडियों में दैनिक आवक सीमित मात्रा ही हो रही है। सप्ताहभर में ही कपास की कीमतों में करीब 2,000 रुपये प्रति कैंडी की तेजी आकर भाव 46,000 से 46,500 रुपये प्रति कैंडी हो गए, जबकि गत सप्ताह इसके भाव 44,000 से 44,500 रुपये प्रति कैंडी थे। दिसंबर के शुरू में अहमदाबाद में शंकर-6 किस्म की कपास का भाव 43,700 से 43,800 रुपये प्रति कैंडी थे। उत्पादक राज्यों में बकाया स्टॉक कम है जबकि नई फसल आने में अभी तीन-चार महीने बचे हुए हैं, इसलिए मौजूदा कीमतों में आगे और तेजी बन सकती है।
आयात बढ़ेगा, निर्यात में आयेगी कमी
कॉटन एसोसिएशन आफ इंडिया (सीएआई) के अनुसार घरेलू बाजार में कपास की कीमतों में आई तेजी से कपास का आयात बढ़कर 31-32 लाख गांठ होने का अनुमान है जबकि पिछले सीजन में केवल 15 लाख गांठ का ही आयात हुआ था। चालू सीजन में अभी तक करीब 25 लाख गांठ के आयात सौदे हो भी चुके हैं। कपास का निर्यात घटकर चालू सीजन में 42 से 43 लाख गांठ का ही होने का अनुमान है जबकि पिछले फसल सीजन में 69 लाख गांठ का निर्यात हुआ था। चालू फसल सीजन 2018-19 में कपास का उत्पादन घटकर 315 लाख गांठ (एक गांठ-170 किलोग्राम) ही होने का अनुमान है जबकि पिछले साल 365 लाख गांठ का उत्पादन हुआ था।
उत्पादक राज्यों में भाव तेज
मुक्तसर के कपास कारोबारी संजीव गुप्ता ने बताया कि उत्पादक राज्यों पंजाब और हरियाणा की मंडियों में नरमा कपास के भाव बढ़कर 6,100 से 6500 रुपये प्रति क्विंटल हो गए है। अक्टूबर 2018 में फसल की आवक के समय इसके भाव 5,100 से 5,200 रुपये प्रति क्विंटल थे। महाराष्ट्र की मंडियों में कपास के भाव 5,900 से 6,400 रुपये प्रति क्विंटल चल रहे हैं जबकि गुजरात की मंडियों में कपास के भाव 1,200 से 1,310 रुपये प्रति 20 किलो हो गए हैं। केंद्र सरकार ने खरीफ विपणन सीजन 2018-19 के लिए मीडियम स्टेपल कपास का न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) 5,150 रुपये और लौंग स्टेपल कपास का भाव 5,450 रुपये प्रति क्विंटल तय किया हुआ है।
उत्तर भारत के राज्यों में बुवाई शुरू
न्यूयार्क में कपास के जुलाई वायदा का भाव 68.39 सेंट प्रति पाउंड हो गया, जबकि पिछले सप्ताह में इसका भाव नीचे में 65.99 सेंट प्रति पाउंड रह गया था। राकेश राठी ने बताया कि आगे कपास की कीमतों में तेजी-मंदी उत्पादक राज्यों में होने वाली मानसूनी बारिश पर निर्भर करेगी। उत्तर भारत के राज्यों पंजाब, हरियाणाा और राजस्थान में कपास की बुवाई शुरू हो गई है, तथा अन्य राज्यों में बुवाई जून में शुरू होगी।....... आर एस राणा
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