आर एस राणा
नई दिल्ली। उत्तर प्रदेश की चीनी मिलों में गन्ने की पेराई बंद हो चुकी है लेकिन मिलों पर अभी भी 10,400 करोड़ रुपये से ज्यादा का बकाया बचा हुआ है। बकाया में चालू पेराई सीजन का 10,343 करोड़ रुपये है जबकि इसके पिछले दो पेराई सीजन 2017-18 और 2016-17 का भी 72.24 करोड़ रुपये बचा हुआ है।
उत्तर प्रदेश के चीनी उद्योग एवं गन्रा विकास विभाग के अनुसार पहली अक्टूबर 2018 से शुरू चालू पेराई सीजन में राज्य की चीनी मिलों ने किसानों से 33,015 करोड़ रुपये का गन्ना खरीदा है जिसमें से 14 जून 2019 तक भुगतान 22,608 करोड़ रुपये का किया है। अत: गन्ना खरीदने के 14 दिन के अंदर बकाया भुगतान के आधार पर राज्य की चीनी मिलों पर 10,343 करोड़ रुपये का बकाया बचा हुआ है। कुल बकाया में सबसे ज्यादा हिस्सेदारी राज्य की प्राइवेट चीनी मिलों पर 9,838 करोड़ रुपये तथा राज्य की को-आपरेटिव चीनी मिलों पर 444 करोड़ रुपये बकाया है।
पिछले दो पेराई सीजन का भी बचा हुआ है बकाया
राज्य की चीनी मिलों पर पेराई सीजन 2017-18 का भी 49.95 करोड़ रुपये बकाया बचा हुआ है जोकि निजी चीनी मिलों पर है। इसके पिछले पेराई सीजन 2016-17 का भी राज्य की निजी चीनी मिलों ने 22.29 करोड़ रुपये का बकाया किसानों को अभी तक भुगतान नहीं किया है। पेराई सीजन 2017-18 में राज्य की चीनी मिलों ने किसानों से 35,463 करोड़ रुपये का गन्ना खरीदा था, जबकि इसके पिछले पेराई सीजन में 25,386 करोड़ रुपये मूल्य का गन्ना खरीदा था।
चीनी उत्पादन में आई पिछले साल से कमी
चालू पेराई सीजन में राज्य में गन्ने में रिकवरी की दर औसतन 11.48 फीसदी की आई है जोकि इसके पिछले पेराई सीजन के 10.85 फीसदी से ज्यादा है। पहली अक्टूबर 2018 से शुरू हुए चालू पेराई सीजन में राज्य में चीनी का उत्पादन घटकर 118.23 लाख टन का ही हुआ है जबकि इसके पिछले पेराई सीजन में राज्य में 120.50 लाख टन का उत्पादन हुआ था जोकि रिकार्ड था। ....... आर एस राणा
नई दिल्ली। उत्तर प्रदेश की चीनी मिलों में गन्ने की पेराई बंद हो चुकी है लेकिन मिलों पर अभी भी 10,400 करोड़ रुपये से ज्यादा का बकाया बचा हुआ है। बकाया में चालू पेराई सीजन का 10,343 करोड़ रुपये है जबकि इसके पिछले दो पेराई सीजन 2017-18 और 2016-17 का भी 72.24 करोड़ रुपये बचा हुआ है।
उत्तर प्रदेश के चीनी उद्योग एवं गन्रा विकास विभाग के अनुसार पहली अक्टूबर 2018 से शुरू चालू पेराई सीजन में राज्य की चीनी मिलों ने किसानों से 33,015 करोड़ रुपये का गन्ना खरीदा है जिसमें से 14 जून 2019 तक भुगतान 22,608 करोड़ रुपये का किया है। अत: गन्ना खरीदने के 14 दिन के अंदर बकाया भुगतान के आधार पर राज्य की चीनी मिलों पर 10,343 करोड़ रुपये का बकाया बचा हुआ है। कुल बकाया में सबसे ज्यादा हिस्सेदारी राज्य की प्राइवेट चीनी मिलों पर 9,838 करोड़ रुपये तथा राज्य की को-आपरेटिव चीनी मिलों पर 444 करोड़ रुपये बकाया है।
पिछले दो पेराई सीजन का भी बचा हुआ है बकाया
राज्य की चीनी मिलों पर पेराई सीजन 2017-18 का भी 49.95 करोड़ रुपये बकाया बचा हुआ है जोकि निजी चीनी मिलों पर है। इसके पिछले पेराई सीजन 2016-17 का भी राज्य की निजी चीनी मिलों ने 22.29 करोड़ रुपये का बकाया किसानों को अभी तक भुगतान नहीं किया है। पेराई सीजन 2017-18 में राज्य की चीनी मिलों ने किसानों से 35,463 करोड़ रुपये का गन्ना खरीदा था, जबकि इसके पिछले पेराई सीजन में 25,386 करोड़ रुपये मूल्य का गन्ना खरीदा था।
चीनी उत्पादन में आई पिछले साल से कमी
चालू पेराई सीजन में राज्य में गन्ने में रिकवरी की दर औसतन 11.48 फीसदी की आई है जोकि इसके पिछले पेराई सीजन के 10.85 फीसदी से ज्यादा है। पहली अक्टूबर 2018 से शुरू हुए चालू पेराई सीजन में राज्य में चीनी का उत्पादन घटकर 118.23 लाख टन का ही हुआ है जबकि इसके पिछले पेराई सीजन में राज्य में 120.50 लाख टन का उत्पादन हुआ था जोकि रिकार्ड था। ....... आर एस राणा
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