आर एस राणा
नई दिल्ली। चालू फसल सीजन 2018-19 में देश में गेहूं की रिकार्ड पैदावार 10.12 करोड़ टन होने के बाद भी न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर खरीद पिछले साल की तुलना में 17.33 फीसदी घटकर केवल 340.62 लाख टन की हुई है जबकि पिछले साल 357.95 लाख टन गेहूं खरीदा गया था। समर्थन मूल्य पर गेहूं की खरीद में कमी उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश और राजस्थान में दर्ज की गई।
भारतीय खाद्य निगम (एफसीआई) के अनुसार चालू रबी में समर्थन मूल्य पर 340.62 लाख टन गेहूं ही खरीदा गया है जबकि खरीद का लक्ष्य केंद्र सरकार ने 357.95 लाख टन का तय किया था। पिछले रबी में समर्थन मूल्य पर 356.50 लाख टन गेहूं की खरीद हुई थी। कृषि मंत्रालय के तीसरे आरंभिक अनुमान के अनुसार फसल सीजन 2018—19 में गेहूं का रिकार्ड उत्पादन 10.12 करोड़ टन होने का अनुमान है जबकि पिछले साल 9.98 करोड़ टन का उत्पादन हुआ था।
उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश और राजस्थान से खरीद घटी
एफसीआई के अनुसार चालू रबी में उत्तर प्रदेश से गेहूं की खरीद में 16.55 फीसदी की कमी आकर कुल खरीद 36.39 लाख टन की ही हुई है जबकि पिछले साल राज्य से 52.94 लाख टन गेहूं खरीदा गया था। राज्य से खरीद का लक्ष्य चालू रबी में 50 लाख टन का तय किया था। इसी तरह से मध्य प्रदेश से चालू रबी में समर्थन मूल्य पर गेहूं की खरीद में 5.88 फीसदी की कमी आकर कुल खरीद 67.25 लाख टन की ही हुई है जबकि पिछले साल राज्य से 73.13 लाख टन गेहूं की खरीद हुई थी। राज्य से चालू रबी में खरीद का लक्ष्य 75 लाख टन का तय किया गया था। राजस्थान से एमएसपी पर गेहूं की खरीद 1.30 फीसदी की कमी आकर कुल खरीद 14.02 लाख टन की ही हुई है जबकि पिछले साल राज्य से 15.32 लाख टन गेहूं की खरीद हुई थी।
पंजाब और हरियाणा से खरीद हुई ज्यादा
पंजाब से चालू रबी में समर्थन मूल्य पर गेहूं की खरीद 129.12 लाख टन की हुई है जोकि पिछले साल के 126.92 लाख टन की तुलना में 2.20 फीसदी ज्यादा है। चालू रबी में राज्य से खरीद का लक्ष्य 125 लाख टन का तय किया गया था। हरियाणा से समर्थन मूल्य पर चालू रबी में गेहूं की खरीद 5.36 फीसदी बढ़कर रिकार्ड 93.20 लाख टन की हुई है जबकि राज्य से पिछले साल केवल 87.84 लाख टन गेहूं खरीदा गया था। चालू रबी में राज्य से खरीद का लक्ष्य 85 लाख टन का तय किया गया था।
अन्य राज्यों से खरीद लक्ष्य से कम
अन्य राज्यों में उत्तराखंड से चालू रबी में समर्थन मूल्य पर 42 हजार टन, चंडीगढ़ से 13 हजार टन, गुजरात से 5 हजार टन और बिहार से 3 हजार टन तथा हिमाचल प्रदेश से एक हजार टन की ही खरीद हुई है। चालू रबी में इन राज्यों से गेहूं की खरीद का लक्ष्य उत्तराखंड से 2 लाख टन, गुजरात से 50 हजार टन और बिहार से 2 लाख टन का तय किया गया था।
मध्य प्रदेश सरकार ने दिया 160 रुपये का बोसन
केंद्र सरकार ने चालू रबी विपणन सीजन 2019-20 के लिए गेहूं का एमएसपी 1,840 रुपये प्रति क्विंटल किया हुआ था, जबकि इसके पिछले साल रबी में गेहूं की खरीद 1,735 रुपये प्रति क्विंटल की दर पर हुई थी। मध्य प्रदेश सरकार ने राज्य के किसानों के लिए 160 रुपये प्रति क्विंटल का बोनस घोषित किया हुआ था, जिससे राज्य के किसानों से गेहूं की खरीद 2,000 रुपये प्रति क्विंटल की दर पर की गई।
केंद्रीय पूल में बकाया स्टॉक ज्यादा
केंद्रीय पूल में पहली जून को गेहूं का बफर स्टॉक 465.60 लाख टन का है जोकि पिछले साल की समान अवधि के 437.55 लाख टन से ज्यादा है। सरकार खुले बाजार बिक्री योजना (ओएमएसएस) के तहत 2,080 रुपये क्विंटल की दर से गेहूं बेच रही है। उत्पादक मंडियों में गेहूं के भाव कम होने के कारण ओएमएसएस से मिलों की खरीद नाममात्र की ही हो रही है। ................आर एस राणा
नई दिल्ली। चालू फसल सीजन 2018-19 में देश में गेहूं की रिकार्ड पैदावार 10.12 करोड़ टन होने के बाद भी न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर खरीद पिछले साल की तुलना में 17.33 फीसदी घटकर केवल 340.62 लाख टन की हुई है जबकि पिछले साल 357.95 लाख टन गेहूं खरीदा गया था। समर्थन मूल्य पर गेहूं की खरीद में कमी उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश और राजस्थान में दर्ज की गई।
भारतीय खाद्य निगम (एफसीआई) के अनुसार चालू रबी में समर्थन मूल्य पर 340.62 लाख टन गेहूं ही खरीदा गया है जबकि खरीद का लक्ष्य केंद्र सरकार ने 357.95 लाख टन का तय किया था। पिछले रबी में समर्थन मूल्य पर 356.50 लाख टन गेहूं की खरीद हुई थी। कृषि मंत्रालय के तीसरे आरंभिक अनुमान के अनुसार फसल सीजन 2018—19 में गेहूं का रिकार्ड उत्पादन 10.12 करोड़ टन होने का अनुमान है जबकि पिछले साल 9.98 करोड़ टन का उत्पादन हुआ था।
उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश और राजस्थान से खरीद घटी
एफसीआई के अनुसार चालू रबी में उत्तर प्रदेश से गेहूं की खरीद में 16.55 फीसदी की कमी आकर कुल खरीद 36.39 लाख टन की ही हुई है जबकि पिछले साल राज्य से 52.94 लाख टन गेहूं खरीदा गया था। राज्य से खरीद का लक्ष्य चालू रबी में 50 लाख टन का तय किया था। इसी तरह से मध्य प्रदेश से चालू रबी में समर्थन मूल्य पर गेहूं की खरीद में 5.88 फीसदी की कमी आकर कुल खरीद 67.25 लाख टन की ही हुई है जबकि पिछले साल राज्य से 73.13 लाख टन गेहूं की खरीद हुई थी। राज्य से चालू रबी में खरीद का लक्ष्य 75 लाख टन का तय किया गया था। राजस्थान से एमएसपी पर गेहूं की खरीद 1.30 फीसदी की कमी आकर कुल खरीद 14.02 लाख टन की ही हुई है जबकि पिछले साल राज्य से 15.32 लाख टन गेहूं की खरीद हुई थी।
पंजाब और हरियाणा से खरीद हुई ज्यादा
पंजाब से चालू रबी में समर्थन मूल्य पर गेहूं की खरीद 129.12 लाख टन की हुई है जोकि पिछले साल के 126.92 लाख टन की तुलना में 2.20 फीसदी ज्यादा है। चालू रबी में राज्य से खरीद का लक्ष्य 125 लाख टन का तय किया गया था। हरियाणा से समर्थन मूल्य पर चालू रबी में गेहूं की खरीद 5.36 फीसदी बढ़कर रिकार्ड 93.20 लाख टन की हुई है जबकि राज्य से पिछले साल केवल 87.84 लाख टन गेहूं खरीदा गया था। चालू रबी में राज्य से खरीद का लक्ष्य 85 लाख टन का तय किया गया था।
अन्य राज्यों से खरीद लक्ष्य से कम
अन्य राज्यों में उत्तराखंड से चालू रबी में समर्थन मूल्य पर 42 हजार टन, चंडीगढ़ से 13 हजार टन, गुजरात से 5 हजार टन और बिहार से 3 हजार टन तथा हिमाचल प्रदेश से एक हजार टन की ही खरीद हुई है। चालू रबी में इन राज्यों से गेहूं की खरीद का लक्ष्य उत्तराखंड से 2 लाख टन, गुजरात से 50 हजार टन और बिहार से 2 लाख टन का तय किया गया था।
मध्य प्रदेश सरकार ने दिया 160 रुपये का बोसन
केंद्र सरकार ने चालू रबी विपणन सीजन 2019-20 के लिए गेहूं का एमएसपी 1,840 रुपये प्रति क्विंटल किया हुआ था, जबकि इसके पिछले साल रबी में गेहूं की खरीद 1,735 रुपये प्रति क्विंटल की दर पर हुई थी। मध्य प्रदेश सरकार ने राज्य के किसानों के लिए 160 रुपये प्रति क्विंटल का बोनस घोषित किया हुआ था, जिससे राज्य के किसानों से गेहूं की खरीद 2,000 रुपये प्रति क्विंटल की दर पर की गई।
केंद्रीय पूल में बकाया स्टॉक ज्यादा
केंद्रीय पूल में पहली जून को गेहूं का बफर स्टॉक 465.60 लाख टन का है जोकि पिछले साल की समान अवधि के 437.55 लाख टन से ज्यादा है। सरकार खुले बाजार बिक्री योजना (ओएमएसएस) के तहत 2,080 रुपये क्विंटल की दर से गेहूं बेच रही है। उत्पादक मंडियों में गेहूं के भाव कम होने के कारण ओएमएसएस से मिलों की खरीद नाममात्र की ही हो रही है। ................आर एस राणा
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें