आर एस राणा
नई दिल्ली। आठ दिनों की देरी के बाद केरल में मानसून ने दस्तक दे दी है। भारतीय मौसम विभाग (आईएमडी) के अनुसार अगले 24 घंटों के दौरान केरल और लक्षद्वीप में भारी बारिश होने का अनुमान है इसलिए मछुआरों को समुद्र में नहीं जाने की सलाह दी गयी है। आईएमडी के अनुसार राष्ट्रीय राजधानी में भी मानसून पहुंचने में एक-दो दिनों की देरी होने की आशंका है।
आईएमडी के अनुसार दक्षिण-पश्चिम अरब सागर, लक्षद्वीप, मालदीव क्षेत्र, दक्षिण पूर्व अरब सागर और मन्नार की खाड़ी के ऊपर 35-45 किलोमीटर की रफ्तार से तेज हवा चलने का अनुमान है। विज्ञप्ति के अनुसार मौसम खराब होने के कारण राज्य के मछुआरों को 9, 10 और 11 जून को समुद्र में नहीं जाने की सलाह दी गयी है।
16 जून तक महाराष्ट्र में मानसूनी बारिश का अनुमान
मौसम विभाग के अनुसार हैदराबाद और पूर्वोत्तर के सिक्किम में 11 जून को मॉनसून की बारिश होने का अनुमान है। 13 जून तक मानसून के कनार्टक पहुंचने का अनुमान है जबकि महाराष्ट्र, छत्तीसगढ़, ओडिशा, पश्चिम बंगाल और बिहार में 15 जून के बाद ही मॉनसून के पहुंचने की संभावना है। 20 जून तक गुजरात और मध्य प्रदेश के कई इलाकों में मॉनसून पहुंच जाएगा। मॉनसून पर अगला अनुमान 10 जून के बाद जारी होगा। अगर मॉनसून की चाल में कोई बदलाव आता है तो 16 जून को यह महराष्ट्र में सक्रिय हो सकता है।
उत्तर भारत के राज्यों में जुलाई के आरंभ में पहुंचेगा मानसून
देश की राष्ट्रीय राजधानी नई दिल्ली में आमतौर पर बारिश जून के अंत तक होती है। लेकिन, इस बार यहां भी थोड़ा विलंब हो सकता है। अनुमान है कि पहली जुलाई तक यह दिल्ली-एनसीआर के इलाकों में दस्तक दे सकता है। हालांकि, उससे पहले प्री-मॉनसून की बारिश से मौसम अच्छा होने की उम्मीद है। साथ ही पारा गिरने से भी राहत मिल सकती है। राजस्थान और हिमाचल प्रदेश में भी मॉनसून एक-दो जुलाई तक ही पहुंचेगा। जम्मू-कश्मीर में मॉनसून का आगमन आमतौर पर एक जुलाई तक तक होता है, लेकिन इस बार यह 3 जुलाई तक पहुंचने का अनुमान है। मानसूनी बारिश शुरू होने के बाद खरीफ फसलों की बुवाई में भी तेजी आती है।
पहले अनुमान से दो दिन की देरी से पहुंचा है मानसून
भारतीय मौसम विभाग (आईएमडी) का कहना है कि जून में बारिश में थोड़ी कमी हो सकती है, लेकिन मानसून पूरी तरह सामान्य रहेगा। आईएमडी ने पहले 6 जून तक मॉनसून के केरल में पहुंचने का अनुमान जताया था लेकिन, इसमें दो दिन की देरी हुई है। आईएमडी के अनुसार इस साल औसत की 96 फीसदी बारिश हो सकती है। भारतीय मौसम विभाग 96 से 104 फीसदी बारिश को सामान्य मानता है।
कम बारिश होने की संभावना बेहद कम
मौसम विभाग के मुताबिक इस साल देश के हर इलाके में सामान्य बारिश होने का अनुमान है। वहीं, कम बारिश होने की संभावना बेहद कम है। मॉनसून की चाल पर मौसम विभाग का अगला अनुमान 10 जून को जारी कर सकता है।
अल-नीनो का खतरा नहीं
मौसम विभाग के मुताबिक, मॉनसून को प्रभावित करने वाला प्रशांत महासागर की सतह का तापमान अभी तक मॉनसून के अनुकूल है। अल-नीनो का खतरा दिखाई नहीं देता। प्रशांत महासागर में विषुवत रेखा के पास समुद्र के तापमान में कमी बनी हुई है। जून तक इसमें बदलाव की उम्मीदें नगण्य हैं। ऐसे में यहां लॉ नीना इफेक्ट पैदा होता है, जिससे विषुवत रेखा के पास चलने वाली हवाएं ट्रेंड विंग के दबाव में जल्दी आती हैं। यह अच्छे मॉनसून का प्रतीक है।
उत्तर भारत को सताएगी गर्मी
आईएमडी के मुताबिक आने वाले दिनों में उत्तर भारत में आसमान पूरी तरह साफ रहेगा। साथ ही ऐंटी-साइक्लोनिक हवाओं से तापमान ज्यादा रहने का अनुमान है। सामान्य से ज्यादा तापमान ग्लोबल वॉर्मिंग का संकेत है। उत्तर और पूर्वी भारत में अधिकतम तापमान सामान्य के करीब रह सकता है, जो आसमान में बादल और क्षेत्र में प्री-मॉनसून बारिश का संकेत है।.............. आर एस राणा
नई दिल्ली। आठ दिनों की देरी के बाद केरल में मानसून ने दस्तक दे दी है। भारतीय मौसम विभाग (आईएमडी) के अनुसार अगले 24 घंटों के दौरान केरल और लक्षद्वीप में भारी बारिश होने का अनुमान है इसलिए मछुआरों को समुद्र में नहीं जाने की सलाह दी गयी है। आईएमडी के अनुसार राष्ट्रीय राजधानी में भी मानसून पहुंचने में एक-दो दिनों की देरी होने की आशंका है।
आईएमडी के अनुसार दक्षिण-पश्चिम अरब सागर, लक्षद्वीप, मालदीव क्षेत्र, दक्षिण पूर्व अरब सागर और मन्नार की खाड़ी के ऊपर 35-45 किलोमीटर की रफ्तार से तेज हवा चलने का अनुमान है। विज्ञप्ति के अनुसार मौसम खराब होने के कारण राज्य के मछुआरों को 9, 10 और 11 जून को समुद्र में नहीं जाने की सलाह दी गयी है।
16 जून तक महाराष्ट्र में मानसूनी बारिश का अनुमान
मौसम विभाग के अनुसार हैदराबाद और पूर्वोत्तर के सिक्किम में 11 जून को मॉनसून की बारिश होने का अनुमान है। 13 जून तक मानसून के कनार्टक पहुंचने का अनुमान है जबकि महाराष्ट्र, छत्तीसगढ़, ओडिशा, पश्चिम बंगाल और बिहार में 15 जून के बाद ही मॉनसून के पहुंचने की संभावना है। 20 जून तक गुजरात और मध्य प्रदेश के कई इलाकों में मॉनसून पहुंच जाएगा। मॉनसून पर अगला अनुमान 10 जून के बाद जारी होगा। अगर मॉनसून की चाल में कोई बदलाव आता है तो 16 जून को यह महराष्ट्र में सक्रिय हो सकता है।
उत्तर भारत के राज्यों में जुलाई के आरंभ में पहुंचेगा मानसून
देश की राष्ट्रीय राजधानी नई दिल्ली में आमतौर पर बारिश जून के अंत तक होती है। लेकिन, इस बार यहां भी थोड़ा विलंब हो सकता है। अनुमान है कि पहली जुलाई तक यह दिल्ली-एनसीआर के इलाकों में दस्तक दे सकता है। हालांकि, उससे पहले प्री-मॉनसून की बारिश से मौसम अच्छा होने की उम्मीद है। साथ ही पारा गिरने से भी राहत मिल सकती है। राजस्थान और हिमाचल प्रदेश में भी मॉनसून एक-दो जुलाई तक ही पहुंचेगा। जम्मू-कश्मीर में मॉनसून का आगमन आमतौर पर एक जुलाई तक तक होता है, लेकिन इस बार यह 3 जुलाई तक पहुंचने का अनुमान है। मानसूनी बारिश शुरू होने के बाद खरीफ फसलों की बुवाई में भी तेजी आती है।
पहले अनुमान से दो दिन की देरी से पहुंचा है मानसून
भारतीय मौसम विभाग (आईएमडी) का कहना है कि जून में बारिश में थोड़ी कमी हो सकती है, लेकिन मानसून पूरी तरह सामान्य रहेगा। आईएमडी ने पहले 6 जून तक मॉनसून के केरल में पहुंचने का अनुमान जताया था लेकिन, इसमें दो दिन की देरी हुई है। आईएमडी के अनुसार इस साल औसत की 96 फीसदी बारिश हो सकती है। भारतीय मौसम विभाग 96 से 104 फीसदी बारिश को सामान्य मानता है।
कम बारिश होने की संभावना बेहद कम
मौसम विभाग के मुताबिक इस साल देश के हर इलाके में सामान्य बारिश होने का अनुमान है। वहीं, कम बारिश होने की संभावना बेहद कम है। मॉनसून की चाल पर मौसम विभाग का अगला अनुमान 10 जून को जारी कर सकता है।
अल-नीनो का खतरा नहीं
मौसम विभाग के मुताबिक, मॉनसून को प्रभावित करने वाला प्रशांत महासागर की सतह का तापमान अभी तक मॉनसून के अनुकूल है। अल-नीनो का खतरा दिखाई नहीं देता। प्रशांत महासागर में विषुवत रेखा के पास समुद्र के तापमान में कमी बनी हुई है। जून तक इसमें बदलाव की उम्मीदें नगण्य हैं। ऐसे में यहां लॉ नीना इफेक्ट पैदा होता है, जिससे विषुवत रेखा के पास चलने वाली हवाएं ट्रेंड विंग के दबाव में जल्दी आती हैं। यह अच्छे मॉनसून का प्रतीक है।
उत्तर भारत को सताएगी गर्मी
आईएमडी के मुताबिक आने वाले दिनों में उत्तर भारत में आसमान पूरी तरह साफ रहेगा। साथ ही ऐंटी-साइक्लोनिक हवाओं से तापमान ज्यादा रहने का अनुमान है। सामान्य से ज्यादा तापमान ग्लोबल वॉर्मिंग का संकेत है। उत्तर और पूर्वी भारत में अधिकतम तापमान सामान्य के करीब रह सकता है, जो आसमान में बादल और क्षेत्र में प्री-मॉनसून बारिश का संकेत है।.............. आर एस राणा
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