आर एस राणा
नई दिल्ली। राज्य की राइस मिलों को राहत देने के लिए हरियाणा सरकार ने धान का मिलिंग चार्ज 10 रुपये से बढ़ाकर 15 रुपये प्रति किलो करने के लिए भारतीय खाद्य निगम (एफसीआई) से मंजूरी मांगी है। इससे राज्य की करीब 1,000 चावल मिलों को फायदा होगा।
राज्य के खाद्य एवं आपूर्ति विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि केंद्रीय पूल में दिए जाने वाले धान की मिलिंग करने वाली चावल मिलों के लिए मिलिंग चार्ज को 10 रुपये से बढ़ाकर 15 रुपये प्रति किलो करने का प्रस्ताव एफसीआई के पास भेजा गया है, जैसे ही एफसीआई से मंजूरी मिलेगी चावल मिलों को इस आधार पर भुगतान कर दिया जायेगा। उन्होंने बताया कि राज्य की चावल मिलें धान की मिलिंग कर चुकी है। उन्होंने बताया कि इससे राज्य की लगभग 1,000 से ज्यादा चावल मिलों को लाभ मिलेगा।
चावल की मिलिंग का चार्ज अलग-अलग है राज्यवार
उन्होंने बताया कि धान का मिलिंग चार्ज राज्यों के हिसाब से अलग-अलग है तथा इस समय सबसे ज्यादा मिलिंग चार्ज केरल में 25 रुपये प्रति किलो है। उन्होंने बताया कि हाल ही में राज्य सरकार ने एफसीआई के कर्मचारियों की हड़ताल के कारण केंद्रीय पूल में कस्टम मिलिंग का चावल जमा नहीं कराने वाली चावल मिलों को भी राहत दी थी। राज्य की चावल मिलों पर लगे होल्डिंग चार्ज को माफ कर दिया था, जबकि यह राशि करोड़ों रुपये में है।
पिछले खरीफ में आठ लाख टन चावल की मिलिंग में हुई थी देरी
राज्य की चावल मिलों ने पिछले साल सितंबर-अक्टूबर में करीब आठ लाख मीट्रिक टन चावल केंद्रीय पूल में जमा कराना था, लेकिन एफसीआई के कर्मचारियों हड़ताल चल रही थी जिस कारण यह चावल समय पर केंद्रीय पूल में जमा नहीं हो सका। केंद्र व राज्य सरकार ने इसके लिए चावल मिलों को दोषी मानते हुए उन पर होल्डिंग चार्ज लगा दिया। भारतीय खाद्य निगम 31 मार्च तक राज्य सरकार से कोई होल्डिंग चार्ज वसूल नहीं करती। इसके बाद 300 रुपये प्रति वैगन प्रतिदिन के हिसाब से होल्डिंग चार्ज वसूल किया जाता है। एक वैगन में 27 टन चावल होता है।
राज्य से करीब 60 लाख टन धान की होती है खरीद
हरियाणा से एफसीआई खरीफ विपणन सीजन में न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर करीब 60 लाख टन धान की खरीद करती है, जिसकी मिलिंग राज्य की चावल मिलें करती है इसके बाद इस चावल को केंद्रीय पूल में भेजा जाता है। ...... आर एस राणा
नई दिल्ली। राज्य की राइस मिलों को राहत देने के लिए हरियाणा सरकार ने धान का मिलिंग चार्ज 10 रुपये से बढ़ाकर 15 रुपये प्रति किलो करने के लिए भारतीय खाद्य निगम (एफसीआई) से मंजूरी मांगी है। इससे राज्य की करीब 1,000 चावल मिलों को फायदा होगा।
राज्य के खाद्य एवं आपूर्ति विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि केंद्रीय पूल में दिए जाने वाले धान की मिलिंग करने वाली चावल मिलों के लिए मिलिंग चार्ज को 10 रुपये से बढ़ाकर 15 रुपये प्रति किलो करने का प्रस्ताव एफसीआई के पास भेजा गया है, जैसे ही एफसीआई से मंजूरी मिलेगी चावल मिलों को इस आधार पर भुगतान कर दिया जायेगा। उन्होंने बताया कि राज्य की चावल मिलें धान की मिलिंग कर चुकी है। उन्होंने बताया कि इससे राज्य की लगभग 1,000 से ज्यादा चावल मिलों को लाभ मिलेगा।
चावल की मिलिंग का चार्ज अलग-अलग है राज्यवार
उन्होंने बताया कि धान का मिलिंग चार्ज राज्यों के हिसाब से अलग-अलग है तथा इस समय सबसे ज्यादा मिलिंग चार्ज केरल में 25 रुपये प्रति किलो है। उन्होंने बताया कि हाल ही में राज्य सरकार ने एफसीआई के कर्मचारियों की हड़ताल के कारण केंद्रीय पूल में कस्टम मिलिंग का चावल जमा नहीं कराने वाली चावल मिलों को भी राहत दी थी। राज्य की चावल मिलों पर लगे होल्डिंग चार्ज को माफ कर दिया था, जबकि यह राशि करोड़ों रुपये में है।
पिछले खरीफ में आठ लाख टन चावल की मिलिंग में हुई थी देरी
राज्य की चावल मिलों ने पिछले साल सितंबर-अक्टूबर में करीब आठ लाख मीट्रिक टन चावल केंद्रीय पूल में जमा कराना था, लेकिन एफसीआई के कर्मचारियों हड़ताल चल रही थी जिस कारण यह चावल समय पर केंद्रीय पूल में जमा नहीं हो सका। केंद्र व राज्य सरकार ने इसके लिए चावल मिलों को दोषी मानते हुए उन पर होल्डिंग चार्ज लगा दिया। भारतीय खाद्य निगम 31 मार्च तक राज्य सरकार से कोई होल्डिंग चार्ज वसूल नहीं करती। इसके बाद 300 रुपये प्रति वैगन प्रतिदिन के हिसाब से होल्डिंग चार्ज वसूल किया जाता है। एक वैगन में 27 टन चावल होता है।
राज्य से करीब 60 लाख टन धान की होती है खरीद
हरियाणा से एफसीआई खरीफ विपणन सीजन में न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर करीब 60 लाख टन धान की खरीद करती है, जिसकी मिलिंग राज्य की चावल मिलें करती है इसके बाद इस चावल को केंद्रीय पूल में भेजा जाता है। ...... आर एस राणा
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