आर एस राणा
नई दिल्ली। देश में सूखे की गहराती आशंका के बीच केंद्र सरकार ने इससे निपटने के लिए तैयारी शुरू कर दी है। कृषि मंत्रालय ने राज्यों के साथ बातचीत करके 648 जिलों के लिए कंटीजेंसी प्लान तैयार किया है।
सूत्रों के अनुसार देश के 648 जिलों के सूखे की चपेट में आने की आशंका है। अब तक मॉनसूनी बारिश में 43 फीसदी की कमी देखी गई है। आगे भी मॉनसून की चाल कमजोर रहने की आशंका है। देश के 91 जलाशयों में भी मात्र 18 फीसदी पानी ही बचा है जिसे देखते हुए सरकार मनरेगा फंड, लेबर के इस्तेमाल पर विचार कर रही है।
कृषि मंत्रालय ने ग्रामीण विकास मंत्रालय को जल संकट तैयार रहने के निर्देश दिए हैं। साथ ही आईसीएआर को ऐसे बीज तैयार करने के लिए कहा गया है जिनमें कम पानी का इस्तेमाल हो सकें। साथ ही खरीफ की बुवाई भी देर से शुरू करने की भी सलाह देने की योजना है।
कई राज्यों में सूखे जैसे हालात
प्री-मानसून के साथ ही मानसूनी बारिश सामान्य से कम होने के कारण देश के कई राज्यों में सूखे जैसे हालात बने हुए हैं। पहले तो मानसून का आगमन ही 8 दिन की देरी से हुआ, उसके बाद चक्रवात वायु ने मानसून को रोक दिया। ऐसे में सूखे की आशंका गहरा गई है। चालू मानसूनी सीजन में अभी तक देशभर में 43 फीसदी बारिश सामान्य से कम हुई है।
देश में अभी तक 43 फीसदी बारिश कम
भारतीय मौसम विभाग (आईएमडी) के अनुसार चालू मानूसनी सीजन में पहली जून से 19 जून तक देशभर में सामान्य से 43 फीसदी कम बारिश हुई है, इस दौरान 20 राज्यों में सामान्य से कम बारिश हुई है जबकि 10 राज्यों में सामान्य से भी काफी कम बारिश दर्ज की गई। आईएमडी के अनुसार उत्तर प्रदेश में इस दौरान सामान्य से 80 फीसदी कम, उत्तराखंड में 58 फीसदी कम, बिहार में 52 फीसदी कम, पश्चिमी बंगाल में 56 फीसदी कम, छत्तीसगढ़ में 56 फीसदी कम तथा महाराष्ट्र में सामान्य से 71 फीसदी बारिश कम हुई है। तेलंगाना में भी सामान्य से 63 फीसदी और आंधप्रदेश में भी सामान्य से 57 फीसदी बारिश कम हुई है। गुजरात, महाराष्ट्र, ओडिशा, कर्नाटक आदि राज्यों में पिछले खरीफ सीजन में भी बारिश सामान्य से कम हुई थी। जिससे इन राज्यों में सूखे जैसे हालात बने हुए हैं।
खरीफ फसलों की बुवाई पिछड़ी
बारिश कम होने के कारण खरीफ फसलों की बुवाई भी चालू खरीफ में पिछड़ी है। कृषि मंत्रालय के अनुसार चालू खरीफ में अभी तक 82.20 लाख हेक्टयेर में ही खरीफ फसलों की बुवाई हो पाई है जबकि पिछले साल इस समय तक 90.34 लाख हेक्टेयर में बुवाई हो चुकी थी।......... आर एस राणा
नई दिल्ली। देश में सूखे की गहराती आशंका के बीच केंद्र सरकार ने इससे निपटने के लिए तैयारी शुरू कर दी है। कृषि मंत्रालय ने राज्यों के साथ बातचीत करके 648 जिलों के लिए कंटीजेंसी प्लान तैयार किया है।
सूत्रों के अनुसार देश के 648 जिलों के सूखे की चपेट में आने की आशंका है। अब तक मॉनसूनी बारिश में 43 फीसदी की कमी देखी गई है। आगे भी मॉनसून की चाल कमजोर रहने की आशंका है। देश के 91 जलाशयों में भी मात्र 18 फीसदी पानी ही बचा है जिसे देखते हुए सरकार मनरेगा फंड, लेबर के इस्तेमाल पर विचार कर रही है।
कृषि मंत्रालय ने ग्रामीण विकास मंत्रालय को जल संकट तैयार रहने के निर्देश दिए हैं। साथ ही आईसीएआर को ऐसे बीज तैयार करने के लिए कहा गया है जिनमें कम पानी का इस्तेमाल हो सकें। साथ ही खरीफ की बुवाई भी देर से शुरू करने की भी सलाह देने की योजना है।
कई राज्यों में सूखे जैसे हालात
प्री-मानसून के साथ ही मानसूनी बारिश सामान्य से कम होने के कारण देश के कई राज्यों में सूखे जैसे हालात बने हुए हैं। पहले तो मानसून का आगमन ही 8 दिन की देरी से हुआ, उसके बाद चक्रवात वायु ने मानसून को रोक दिया। ऐसे में सूखे की आशंका गहरा गई है। चालू मानसूनी सीजन में अभी तक देशभर में 43 फीसदी बारिश सामान्य से कम हुई है।
देश में अभी तक 43 फीसदी बारिश कम
भारतीय मौसम विभाग (आईएमडी) के अनुसार चालू मानूसनी सीजन में पहली जून से 19 जून तक देशभर में सामान्य से 43 फीसदी कम बारिश हुई है, इस दौरान 20 राज्यों में सामान्य से कम बारिश हुई है जबकि 10 राज्यों में सामान्य से भी काफी कम बारिश दर्ज की गई। आईएमडी के अनुसार उत्तर प्रदेश में इस दौरान सामान्य से 80 फीसदी कम, उत्तराखंड में 58 फीसदी कम, बिहार में 52 फीसदी कम, पश्चिमी बंगाल में 56 फीसदी कम, छत्तीसगढ़ में 56 फीसदी कम तथा महाराष्ट्र में सामान्य से 71 फीसदी बारिश कम हुई है। तेलंगाना में भी सामान्य से 63 फीसदी और आंधप्रदेश में भी सामान्य से 57 फीसदी बारिश कम हुई है। गुजरात, महाराष्ट्र, ओडिशा, कर्नाटक आदि राज्यों में पिछले खरीफ सीजन में भी बारिश सामान्य से कम हुई थी। जिससे इन राज्यों में सूखे जैसे हालात बने हुए हैं।
खरीफ फसलों की बुवाई पिछड़ी
बारिश कम होने के कारण खरीफ फसलों की बुवाई भी चालू खरीफ में पिछड़ी है। कृषि मंत्रालय के अनुसार चालू खरीफ में अभी तक 82.20 लाख हेक्टयेर में ही खरीफ फसलों की बुवाई हो पाई है जबकि पिछले साल इस समय तक 90.34 लाख हेक्टेयर में बुवाई हो चुकी थी।......... आर एस राणा
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