आर एस राणा
नई दिल्ली। खरीफ फसलों की बुवाई के लिए प्री-मानसून की बारिश काफी अहम होती है, लेकिन चालू सीजन में पहली मार्च से 31 मई तक देशभर में प्री-मानसून की बारिश सामान्य से 25 फीसदी कम हुई है। देश के कुल 36 सबडिवीजनों में 23 में बारिश सामान्य से कम हुई है, जबकि 9 में इस दौरान सामान्य बारिश हुई है। देश के केवल एक डिवीजन में ही इस दौरान औसत से ज्यादा बारिश हुई है।
भारतीय मौसम विभाग (आईएमडी) के अनुसार पहली मार्च से 31 मई तक देशभर में केवल 99 मिलीमीटर बारिश ही हुई है, जबकि सामान्यत: इस दौरान 131.5 मिलीमीटर बारिश होती है। राज्यवार बात करे तो इस दौरान देश के 7 राज्य ऐसे हैं जहां प्री-मानसून की बारिश में भारी कमी आई है, दो राज्यों में बारिश हुई ही नहीं है जबकि 13 राज्यों में सामान्य से कम बारिश हुई है। देश के केवल 12 राज्यों में ही प्री-मानसून की सामान्य बारिश हुई है जबकि दो राज्य में सामान्य से ज्यादा बारिश हुई है।
देश के कई राज्य पहले ही सूखे की चपेट में
देश के कई राज्यों में सूखे जैसे हालात बने हुए हैं, ऐसे में प्री-मानसून की बारिश कम होने से किसानों के सामने खरीफ फसलों की बुवाई का संकट पैदा हो गया है। बारिश कम होने के कारण देशभर के कई राज्यों के जलाशयों में पानी औसत स्तर से काफी नीचे आ गया है, जिस कारण आईएमडी पहले ही छह राज्यों को चेतावनी जारी कर चुका है। केंद्र सरकार पत्र लिखकर महाराष्ट्र, गुजरात, कर्नाटक, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना और तमिलनाडु को सलाह दे चुका है कि वो समझदारी से पानी का इस्तेमाल करें।
गुजरात और महाराष्ट्र के साथ दक्षिण के राज्यों में भी कम बरसा पानी
आईएमडी के अनुसार गुजरात में प्री-मानसून की बारिश पहली मार्च से 31 मई तक 86 फीसदी कम हुई है, जबकि महाराष्ट्र में इस दौरान 80 फीसदी बारिश कम हुई है। इन दोनों राज्यों में पिछले खरीफ में मानसूनी बारिश कम होने के कारण पहले ही सूखे जैसे हालात बने हुए हैं। तमिलनाडु में प्री-मानसून की बारिश पहली मार्च से 31 मई तक 60 फीसदी कम हुई है, जबकि तेलंगाना में 51 फीसदी, आंध्रप्रदेश में 43 फीसदी, कर्नाटक में 35 फीसदी और केरल में 55 फीसदी कम हुई है।
उत्तर और पूर्वोंतर के राज्यों में भी बारिश कम
उत्तर भारत के राज्यों उत्तर प्रदेश में प्री-मानसून की बारिश पहली मार्च से 31 मई तक 58 फीसदी कम हुई है जबकि उत्तराखंड में इस दौरान 35 फीसदी और हिमाचल में 45 फीसदी कम हुई है। इसी तरह से पूर्वोतर भारत के मणिपुर में प्री-मानसून की बारिश 56 फीसदी और मिजोरम में 70 फीसदी तथा नागालैंड में 30 फीसदी और अरूणाचल प्रदेश में भी सामान्य से 27 फीसदी कम बारिश हुई है। बिहार में भी चालू सीजन में प्री-मानसून की बारिश सामान्य से 10 फीसदी कम हुई है। ....... आर एस राणा
नई दिल्ली। खरीफ फसलों की बुवाई के लिए प्री-मानसून की बारिश काफी अहम होती है, लेकिन चालू सीजन में पहली मार्च से 31 मई तक देशभर में प्री-मानसून की बारिश सामान्य से 25 फीसदी कम हुई है। देश के कुल 36 सबडिवीजनों में 23 में बारिश सामान्य से कम हुई है, जबकि 9 में इस दौरान सामान्य बारिश हुई है। देश के केवल एक डिवीजन में ही इस दौरान औसत से ज्यादा बारिश हुई है।
भारतीय मौसम विभाग (आईएमडी) के अनुसार पहली मार्च से 31 मई तक देशभर में केवल 99 मिलीमीटर बारिश ही हुई है, जबकि सामान्यत: इस दौरान 131.5 मिलीमीटर बारिश होती है। राज्यवार बात करे तो इस दौरान देश के 7 राज्य ऐसे हैं जहां प्री-मानसून की बारिश में भारी कमी आई है, दो राज्यों में बारिश हुई ही नहीं है जबकि 13 राज्यों में सामान्य से कम बारिश हुई है। देश के केवल 12 राज्यों में ही प्री-मानसून की सामान्य बारिश हुई है जबकि दो राज्य में सामान्य से ज्यादा बारिश हुई है।
देश के कई राज्य पहले ही सूखे की चपेट में
देश के कई राज्यों में सूखे जैसे हालात बने हुए हैं, ऐसे में प्री-मानसून की बारिश कम होने से किसानों के सामने खरीफ फसलों की बुवाई का संकट पैदा हो गया है। बारिश कम होने के कारण देशभर के कई राज्यों के जलाशयों में पानी औसत स्तर से काफी नीचे आ गया है, जिस कारण आईएमडी पहले ही छह राज्यों को चेतावनी जारी कर चुका है। केंद्र सरकार पत्र लिखकर महाराष्ट्र, गुजरात, कर्नाटक, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना और तमिलनाडु को सलाह दे चुका है कि वो समझदारी से पानी का इस्तेमाल करें।
गुजरात और महाराष्ट्र के साथ दक्षिण के राज्यों में भी कम बरसा पानी
आईएमडी के अनुसार गुजरात में प्री-मानसून की बारिश पहली मार्च से 31 मई तक 86 फीसदी कम हुई है, जबकि महाराष्ट्र में इस दौरान 80 फीसदी बारिश कम हुई है। इन दोनों राज्यों में पिछले खरीफ में मानसूनी बारिश कम होने के कारण पहले ही सूखे जैसे हालात बने हुए हैं। तमिलनाडु में प्री-मानसून की बारिश पहली मार्च से 31 मई तक 60 फीसदी कम हुई है, जबकि तेलंगाना में 51 फीसदी, आंध्रप्रदेश में 43 फीसदी, कर्नाटक में 35 फीसदी और केरल में 55 फीसदी कम हुई है।
उत्तर और पूर्वोंतर के राज्यों में भी बारिश कम
उत्तर भारत के राज्यों उत्तर प्रदेश में प्री-मानसून की बारिश पहली मार्च से 31 मई तक 58 फीसदी कम हुई है जबकि उत्तराखंड में इस दौरान 35 फीसदी और हिमाचल में 45 फीसदी कम हुई है। इसी तरह से पूर्वोतर भारत के मणिपुर में प्री-मानसून की बारिश 56 फीसदी और मिजोरम में 70 फीसदी तथा नागालैंड में 30 फीसदी और अरूणाचल प्रदेश में भी सामान्य से 27 फीसदी कम बारिश हुई है। बिहार में भी चालू सीजन में प्री-मानसून की बारिश सामान्य से 10 फीसदी कम हुई है। ....... आर एस राणा
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें