आर एस राणा
नई दिल्ली। देश के कई राज्यों में पिछले साल मानसूनी बारिश समाान्य से कम होने के कारण कपास उत्पादन में कमी आई है। कॉटन एडवाईजारी बोर्ड (सीएबी) ने फसल सीजन 2018-19 में कपास के उत्पादन में 24 लाख गांठ (एक गांठ-170 किलो) की कटौती की। सीएबी के अनुसार चालू सीजन में कपास का उत्पादन घटकर 337 लाख गांठ ही होने का अनुमान है जबकि इससे पहले 361 लाख गांठ का उत्पादन होने का अनुमान था। पिछले साल देश में 370 लाख गांठ कपास का उत्पादन हुआ था।
सीएबी के अनुसार चालू फसल सीजन 2018-19 में कपास का निर्यात घटकर 50 लाख गांठ का ही होने का अनुमान है जबकि पिछले साल 67.59 लाख गांठ कपास का निर्यात हुआ था। विश्व बाजार में कपास की कीमतें नीचे होने एवं घरेलू बाजार में दाम उंचे होने के कारण चालू सीजन में कपास का आयात बढ़कर 22 लाख गांठ होने का अनुमान है जबकि पिछले साल कुल आयात 15.80 लाख गांठ का हुआ था। कपास के उत्पादन में कमी आने के परिणामस्वरूप पहली अक्टूबर 2019 से शुरू होने वाले नए सीजन के समय कपास का बकाया स्टॉक भी घटकर 40.41 लाख गांठ ही बचने का अनुमान है जबकि पिछले साल नई फसल के समय 42.91 लाख गांठ कपास का बकाया स्टॉक बचा हुआ था।
मध्य और दक्षिण भारत के राज्यों में उत्पादन घटा
कॉटन एडवाईजारी बोर्ड के अनुसार मध्य भारत के राज्यों गुजरात, महाराष्ट्र और मध्य प्रदेश में चालू फसल सीजन 2018-19 में कपास का उत्पादन घटकर 188 लाख गांठ ही होने का अनुमान है जबकि पिछले साल 209.33 लाख गांठ का उत्पादन हुआ था। दक्षिण भारत के राज्यों तेलंगाना, आंध्रप्रदेश, कर्नाटक और तमिलनाडु में कपास का उत्पादन घटकर 83 लाख गांठ ही होने का अनुमान है जबकि पिछले साल 98.52 लाख गांठ का उत्पादन हुआ था। उत्तर भारत के राज्यों पंजाब, हरियाणा और राजस्थान में जरुर चालू फसल सीजन 2018—19 में कपास का उत्पादन बढ़कर 59.50 लाख गांठ होने का अनुमान है जबकि पिछले साल 56.50 लाख गांठ का उत्पादन हुआ था।
उद्योग के अनुसार 316 लाख गांठ उत्पादन का अनुमान
कपास की बुवाई चालू फसल सीजन 2018-19 में 126.07 लाख हेक्टेयर में हुई थी जबकि इसके पिछले साल 125.86 लाख हेक्टेयर में ही बुवाई हो पाई थी। उद्योग के अनुसार चालू फसल सीजन में कपास का उत्पादन घटकर केवल 315 लाख गांठ ही होने का अनुमान है। उद्योग ने सीजन के आरंभ में 348 लाख गांठ कपास के उत्पादन का अनुमान जारी किया था, उसके बाद से पांच बार में 33 लाख गांठ की कटौती की जा चुकी है।...... आर एस राणा
नई दिल्ली। देश के कई राज्यों में पिछले साल मानसूनी बारिश समाान्य से कम होने के कारण कपास उत्पादन में कमी आई है। कॉटन एडवाईजारी बोर्ड (सीएबी) ने फसल सीजन 2018-19 में कपास के उत्पादन में 24 लाख गांठ (एक गांठ-170 किलो) की कटौती की। सीएबी के अनुसार चालू सीजन में कपास का उत्पादन घटकर 337 लाख गांठ ही होने का अनुमान है जबकि इससे पहले 361 लाख गांठ का उत्पादन होने का अनुमान था। पिछले साल देश में 370 लाख गांठ कपास का उत्पादन हुआ था।
सीएबी के अनुसार चालू फसल सीजन 2018-19 में कपास का निर्यात घटकर 50 लाख गांठ का ही होने का अनुमान है जबकि पिछले साल 67.59 लाख गांठ कपास का निर्यात हुआ था। विश्व बाजार में कपास की कीमतें नीचे होने एवं घरेलू बाजार में दाम उंचे होने के कारण चालू सीजन में कपास का आयात बढ़कर 22 लाख गांठ होने का अनुमान है जबकि पिछले साल कुल आयात 15.80 लाख गांठ का हुआ था। कपास के उत्पादन में कमी आने के परिणामस्वरूप पहली अक्टूबर 2019 से शुरू होने वाले नए सीजन के समय कपास का बकाया स्टॉक भी घटकर 40.41 लाख गांठ ही बचने का अनुमान है जबकि पिछले साल नई फसल के समय 42.91 लाख गांठ कपास का बकाया स्टॉक बचा हुआ था।
मध्य और दक्षिण भारत के राज्यों में उत्पादन घटा
कॉटन एडवाईजारी बोर्ड के अनुसार मध्य भारत के राज्यों गुजरात, महाराष्ट्र और मध्य प्रदेश में चालू फसल सीजन 2018-19 में कपास का उत्पादन घटकर 188 लाख गांठ ही होने का अनुमान है जबकि पिछले साल 209.33 लाख गांठ का उत्पादन हुआ था। दक्षिण भारत के राज्यों तेलंगाना, आंध्रप्रदेश, कर्नाटक और तमिलनाडु में कपास का उत्पादन घटकर 83 लाख गांठ ही होने का अनुमान है जबकि पिछले साल 98.52 लाख गांठ का उत्पादन हुआ था। उत्तर भारत के राज्यों पंजाब, हरियाणा और राजस्थान में जरुर चालू फसल सीजन 2018—19 में कपास का उत्पादन बढ़कर 59.50 लाख गांठ होने का अनुमान है जबकि पिछले साल 56.50 लाख गांठ का उत्पादन हुआ था।
उद्योग के अनुसार 316 लाख गांठ उत्पादन का अनुमान
कपास की बुवाई चालू फसल सीजन 2018-19 में 126.07 लाख हेक्टेयर में हुई थी जबकि इसके पिछले साल 125.86 लाख हेक्टेयर में ही बुवाई हो पाई थी। उद्योग के अनुसार चालू फसल सीजन में कपास का उत्पादन घटकर केवल 315 लाख गांठ ही होने का अनुमान है। उद्योग ने सीजन के आरंभ में 348 लाख गांठ कपास के उत्पादन का अनुमान जारी किया था, उसके बाद से पांच बार में 33 लाख गांठ की कटौती की जा चुकी है।...... आर एस राणा
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