आर एस राणा
नई दिल्ली। देश के कई राज्यों में सूखे से जूझ रहे किसानों को मानसून भी दगा रहा है। पहले ही आठ दिन की देरी से आए मानसून की धीमी चाल ने किसानों का इंतजार और बढ़ा दिया है। चालू खरीफ में अभी तक देशभर में सामान्य से 44 फीसदी कम बारिश हुई है। इस दौरान जहां 10 राज्यों में बारिश से सामान्य से बहुत ही कम हुई है, वहीं 21 में सामान्य से कम बारिश दर्ज की गई। भारतीय मौसम विभाग (आईएमडी) के कारण अगले दो-तीन दिनों में मानसून के आगे बढ़ने की संभावना है।
आईएमडी के अनुसार 19-20 जून तक देश के दो तिहाई हिस्सों में मानसून सक्रिय हो जाता है लेकिन इस बार अभी तक केवल 12 से 15 फीसदी हिस्से में ही मानसून पहुंचा है। मानसून की इस धीमी रफ्तार का कारण अरब सागर में उठने वाला चक्रवात वायु भी है। जिसने मानसूनी बादलों को आगे बढ़ने से रोका। पिछले 12 साल में यह पहली बार हुआ है जब मानसून इतनी धीमी रफ्तार से आगे बढ़ रहा है।
खरीफ फसलों की बुवाई पिछड़ी
प्री-मानसून के साथ ही मानसूनी बारिश कम होने के कारण खरीफ फसलों की बुवाई भी पिछड़ी है। कृषि मंत्रालय के अनुसार चालू खरीफ में अभी तक 82.20 लाख हेक्टयेर में ही खरीफ फसलों की बुवाई हो पाई है जबकि पिछले साल इस समय तक 90.34 लाख हेक्टेयर में बुवाई हो चुकी थी। हालांकि खरीफ फसलों की बुवाई अभी शुरूआती चरण में है तथा आगामी दिनों में बुवाई में तेजी आने का अनुमान है।
मध्य भारत में सबसे कम 57 फीसदी बारिश
मौसम विभाग के अनुसार मानसून केरल, कर्नाटक, तमिलनाडु, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, ओडिशा और उत्तर पूर्व के कुछ राज्यों तक पहुंंच गया है। मानसून में देरी का सबसे ज्यादा असर मध्य भारत पर पड़ा है। मौसम विभाग के अनुसार पहली जून से 18 जून तक मध्य भारत में बारिश में 57 फीसदी की कमी दर्ज की गई। दक्षिण भारत में मानसून सामान्य से 38 फीसदी, पूर्वोत्तर भारत में 43 फीसदी और उत्तर पश्चिमी भारत में मानसूनी बारिश सामान्य से 27 फीसदी कम हुई है।
अगले दो-तीन दिन में बढ़ेगा मानसून
आईएमडी के अनुसार अगले दो-तीन दिनों में दक्षिण-पश्चिम मानसून के आगे बढ़ने के लिए स्थितियां मध्य अरब सागर, कर्नाटक के कुछ और हिस्सों, दक्षिण कोंकण और गोवा, आंध्रप्रदेश के कुछ हिस्सों, तमिलनाडु के शेष हिस्सों, बंगाल की खाड़ी के कुछ और हिस्सों के साथ ही उत्तर भारत की तरफ बढ़ने के लिए स्थितियां अनुकूल होती जा रही है। मौसम विभाग के अनुसार महाराष्ट्र में रविवार तक पूरे राज्य में हल्की बारिश होने का अनुमान है। पानी की कमी से जूझ रहे महाराष्ट्र में मानसून अपने तय समय से 10 दिन की देरी से पहुंचने की आशंका है।
दिल्ली-एनसीआर में महीने के अंत तक मानसून पहुंचने की उम्मीद
मौसम वैज्ञानिकों के अनुसार, दिल्ली में मानसून इस महीने के अंत तक पहुंचने की संभावना है। हालांकि एनसीआर में हो रही प्री-मानसूनी बारिश ने लोगों को गर्मी से राहत दी है। मौसम विभाग का अनुमान है कि आगामी दो-तीन दिनों में दिल्ली एनसीआर में भी हल्की बारिश होने व तेज हवाएं चलने की संभावना है। मौसम की जानकारी देने वाली निजी कंपनी स्काइमेट के मुताबिक, 18 से 24 जून के बीच पंजाब के कई हिस्सों में आंधी और मध्य बारिश होगी। तेलंगाना में 23 से 25 जून के बीच हल्की बारिश हो सकती है।..... आर एस राणा
नई दिल्ली। देश के कई राज्यों में सूखे से जूझ रहे किसानों को मानसून भी दगा रहा है। पहले ही आठ दिन की देरी से आए मानसून की धीमी चाल ने किसानों का इंतजार और बढ़ा दिया है। चालू खरीफ में अभी तक देशभर में सामान्य से 44 फीसदी कम बारिश हुई है। इस दौरान जहां 10 राज्यों में बारिश से सामान्य से बहुत ही कम हुई है, वहीं 21 में सामान्य से कम बारिश दर्ज की गई। भारतीय मौसम विभाग (आईएमडी) के कारण अगले दो-तीन दिनों में मानसून के आगे बढ़ने की संभावना है।
आईएमडी के अनुसार 19-20 जून तक देश के दो तिहाई हिस्सों में मानसून सक्रिय हो जाता है लेकिन इस बार अभी तक केवल 12 से 15 फीसदी हिस्से में ही मानसून पहुंचा है। मानसून की इस धीमी रफ्तार का कारण अरब सागर में उठने वाला चक्रवात वायु भी है। जिसने मानसूनी बादलों को आगे बढ़ने से रोका। पिछले 12 साल में यह पहली बार हुआ है जब मानसून इतनी धीमी रफ्तार से आगे बढ़ रहा है।
खरीफ फसलों की बुवाई पिछड़ी
प्री-मानसून के साथ ही मानसूनी बारिश कम होने के कारण खरीफ फसलों की बुवाई भी पिछड़ी है। कृषि मंत्रालय के अनुसार चालू खरीफ में अभी तक 82.20 लाख हेक्टयेर में ही खरीफ फसलों की बुवाई हो पाई है जबकि पिछले साल इस समय तक 90.34 लाख हेक्टेयर में बुवाई हो चुकी थी। हालांकि खरीफ फसलों की बुवाई अभी शुरूआती चरण में है तथा आगामी दिनों में बुवाई में तेजी आने का अनुमान है।
मध्य भारत में सबसे कम 57 फीसदी बारिश
मौसम विभाग के अनुसार मानसून केरल, कर्नाटक, तमिलनाडु, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, ओडिशा और उत्तर पूर्व के कुछ राज्यों तक पहुंंच गया है। मानसून में देरी का सबसे ज्यादा असर मध्य भारत पर पड़ा है। मौसम विभाग के अनुसार पहली जून से 18 जून तक मध्य भारत में बारिश में 57 फीसदी की कमी दर्ज की गई। दक्षिण भारत में मानसून सामान्य से 38 फीसदी, पूर्वोत्तर भारत में 43 फीसदी और उत्तर पश्चिमी भारत में मानसूनी बारिश सामान्य से 27 फीसदी कम हुई है।
अगले दो-तीन दिन में बढ़ेगा मानसून
आईएमडी के अनुसार अगले दो-तीन दिनों में दक्षिण-पश्चिम मानसून के आगे बढ़ने के लिए स्थितियां मध्य अरब सागर, कर्नाटक के कुछ और हिस्सों, दक्षिण कोंकण और गोवा, आंध्रप्रदेश के कुछ हिस्सों, तमिलनाडु के शेष हिस्सों, बंगाल की खाड़ी के कुछ और हिस्सों के साथ ही उत्तर भारत की तरफ बढ़ने के लिए स्थितियां अनुकूल होती जा रही है। मौसम विभाग के अनुसार महाराष्ट्र में रविवार तक पूरे राज्य में हल्की बारिश होने का अनुमान है। पानी की कमी से जूझ रहे महाराष्ट्र में मानसून अपने तय समय से 10 दिन की देरी से पहुंचने की आशंका है।
दिल्ली-एनसीआर में महीने के अंत तक मानसून पहुंचने की उम्मीद
मौसम वैज्ञानिकों के अनुसार, दिल्ली में मानसून इस महीने के अंत तक पहुंचने की संभावना है। हालांकि एनसीआर में हो रही प्री-मानसूनी बारिश ने लोगों को गर्मी से राहत दी है। मौसम विभाग का अनुमान है कि आगामी दो-तीन दिनों में दिल्ली एनसीआर में भी हल्की बारिश होने व तेज हवाएं चलने की संभावना है। मौसम की जानकारी देने वाली निजी कंपनी स्काइमेट के मुताबिक, 18 से 24 जून के बीच पंजाब के कई हिस्सों में आंधी और मध्य बारिश होगी। तेलंगाना में 23 से 25 जून के बीच हल्की बारिश हो सकती है।..... आर एस राणा
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