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01 दिसंबर 2012

हल्दी में बिकवाली कर कमा सकते हैं मुनाफा

भारी मात्रा में मौजूदा स्टॉक के बाद जनवरी के अंत तक हल्दी की नई फसल की आवक भी बाजार में शुरू हो जाएगी। ऐसे में इसकी कीमतों में और अधिक गिरावट का रुख देखने को मिल सकता है नेशनल कमोडिटी एंड डेरिवेटिव एक्सचेंज पर पिछले एक माह में हल्दी की वायदा कीमतें 5,060 रुपये से घटकर शुक्रवार तक 4,976 रुपये प्रति क्विंटल के स्तर पर आ गई है पिछले साल उत्पादन अधिक रहने के कारण आगामी जनवरी में बाजार में 50-55 लाख बोरी का स्टॉक रहने की संभावना है। नई फसल की आवक के समय स्टॉक अधिक रहने का असर कीमतों पर देखने को मिलेगा निवेशक हल्दी में बिकवाली कर कमा सकते हैं मुनाफा हल्दी के भारी मात्रा में मौजूदा स्टॉक को देखते हुए वायदा कारोबार में इसकी कीमतों में लगातार गिरावट जारी रहने के संकेत हैं। ऐसे में हल्दी के वायदा कारोबार में निवेश करने वाले निवेशकों को हल्दी में बिकवाली से लाभ हो सकता है। विश्लेषकों के मुताबिक भारी मात्रा में मौजूदा स्टॉक के बाद जनवरी के अंत तक हल्दी की नई फसल की आवक भी बाजार में शुरू हो जाएगी। ऐसे में इसकी कीमतों में और अधिक गिरावट का रुख देखने को मिल सकता है। इसलिए निवेशक हल्दी में बिकवाली कर मुनाफा कमा सकते हैं। नेशनल कमोडिटी एंड डेरिवेटिव एक्सचेंज पर पिछले एक माह में हल्दी की वायदा कीमतें 5,060 रुपये से घटकर शुक्रवार तक 4,976 रुपये प्रति क्विंटल के स्तर पर आ गई। इसके अलावा इसके हाजिर भाव में भी गिरावट का रुख दर्ज किया गया है। व्यापारियों के मुताबिक हल्दी के भारी स्टॉक के कारण इसकी कीमतों में लगातार गिरावट का रुख दर्ज किया जा रहा है। हालांकि किसानों की ओर से मौजूदा भावों पर हल्दी की सप्लाई बाजार में नहीं किए जाने के कारण कीमतों में सीमित गिरावट है। कर्वी कॉमट्रेड की विश्लेषक शिखा मित्तल ने बताया कि पिछले साल उत्पादन अधिक रहने के कारण हल्दी के 80-90 लाख बोरी का उत्पादन दर्ज किया गया था। इस कारण इसके मौजूदा स्टॉक में भारी बढ़ोतरी दर्ज की गई है। उन्होंने बताया कि जनवरी अंत से शुरू होने वाले आवक के सीजन में भी हल्दी के 50-55 लाख बोरी उत्पादन का अनुमान है। ऐसे में कीमतों में गिरावट को समर्थन मिलने की संभावना है। इनके मुताबिक निवेशकों को मौजूदा भावों पर हल्दी में बिकवाली करनी चाहिए। इससे निवेशकों को मुनाफा होगा। शिखा ने बताया कि मौजूदा समय में घरेलू बाजार में हल्दी की मांग कमजोर रहने के कारण भी इसकी कीमतों में गिरावट का रुख देखने को मिल रहा है। हालांकि दिसंबर के दौरान उम्मीद है कि हल्दी की निर्यात मांग में तेजी आए। इसे देखते हुए अल्पावधि में कीमतों में कुछ सुधार हो सकता है। लेकिन लंबी अवधि के दौरान हल्दी की कीमतों में गिरावट जारी रहने के आसार हैं। जयपुर के थोक कारोबारी उत्सव लाल ओस्तवल ने बताया कि पिछले साल उत्पादन अधिक रहने के कारण आगामी जनवरी में बाजार में 50-55 लाख बोरी का स्टॉक रहने की संभावना है। नई फसल की आवक के समय स्टॉक अधिक रहने का असर कीमतों पर देखने को मिलेगा। उन्होंने बताया कि पिछले सीजन में 60-70 लाख बोरी हल्दी का उत्पादन किया गया था। इस समय बाजार में मौजूदा स्टॉक 15 लाख बोरी के आसपास था। इसे मिलाकर कुल स्टॉक एक करोड़ बोरी से भी अधिक का दर्ज किया गया था। घरेलू व निर्यात मांग के अनुसार हल्दी की खपत 75 लाख बोरी के आसपास है। ऐसे में इस साल भी स्टॉक में भारी तेजी दर्ज किए जाने की संभावना है। (Business Bhaskar)

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