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09 अगस्त 2011

सोने-चांदी में उफान, दूसरी जिंसों में नुकसान


मुंबई August 08, 2011
वैश्विक आर्थिक संकट के समय निवेशकों ने सुरक्षित ठिकाने की तलाश में सोने की खरीदारी की, लिहाजा सोना नए रिकॉर्ड पर पहुंच गया। कुछ दिन पहले एसऐंडपी ने अमेरिकी रेटिंग में कमी की है और इसके चलते संकट गहरा गया है। इसके उलट आधार धातुओं व कृषि जिंसों में गिरावट दर्ज की गई क्योंकि नुकसान की भरपाई के लिए निवेशकों ने इन क्षेत्रों से रकम निकालकर दूसरी जगह निवेश किया।लंदन के हाजिर बाजार में शुरुआती कारोबार के दौरान सोना 1715.75 डॉलर की रिकॉर्ड ऊंचाई तक पहुंच गया, लेकिन मुनाफावसूली के चलते यह गिरकर 1706.47 डॉलर प्रति आउंस पर टिका। इस तरह शुक्रवार के बंद भाव 1663.80 डॉलर प्रति आउंस के मुकाबले सोने में 2.56 फीसदी की बढ़ोतरी दर्ज की गई। इसके मुकाबले सोने में अपेक्षाकृत शांति नजर आई और इसका कारोबार 39.80 डॉलर प्रति आउंस पर हुआ। इस तरह इसके ठीक पहले कारोबारी सत्र के 38.55 डॉलर प्रति आउंस के मुकाबले इसमें बहुत ज्यादा बढ़ोतरी नहीं हुई। ऐंजल ब्रोकिंग के सहायक निदेशक (जिंस व मुद्रा) नवीन माथुर ने कहा - शेयर बाजार में हुई भारी बिकवाली से सोने को लाभ मिला है और इस वजह से सोना रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गया है। सोने-चांदी को छोड़कर बाकी जिंसों मसलन कच्चे तेल, औद्योगिक धातुओं, खाद्य तेल, मसाले व अनाज में गिरावट दर्ज की गई है। इन जिंसों में गिरावट की वजह अमेरिकी क्रेडिट रेटिंग में कमी और यूरो जोन की अर्थव्यवस्थाओं की जारी चिंताएं हैं। उन्होंने कहा कि निवेशक जोखिम से दूर रहने की कोशिश जारी रखेंगे।इस बीच, गोल्डमैन सैक्स ने सोने की कीमतों के अनुमान में बढ़ोतरी कर दी है। गोल्डमैन का कहना है कि अमेरिका की वास्तविक दरें और अमेरिका व यूरोप में गहराते कर्ज संकट के चलते ऐसा हुआ है। मौजूदा संशोधन में गोल्डमैन ने तीन महीने के लिए सोने की कीमत का अनुमान 1565 डॉलर प्रति आउंस से बढ़ाकर 1645 डॉलर प्रति आउंस कर दिया है। इसके अलावा 6 महीने व 12 महीने के कीमत अनुमान अब क्रमश: 1730 डॉलर व 1860 डॉलर प्रति आउंस कर दिए गए हैं। इसका मतलब यह हुआ कि सोने की कीमतों में बढ़ोतरी जारी रहेगी।उधर, जस्ता, टिन व अन्य आधार धातुओं में अमेरिकी अर्थव्यवस्था की डांवाडोल स्थिति के चलते रिकॉर्ड गिरावट आई है। चीन के बाद अमेरिका इन जिंसों का सबसे ज्यादा इस्तेमाल करता है। रेटिंग एजेंसी स्टैंडर्ड ऐंड पुअर्स ने दुनिया की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था की रेटिंग एएए से घटाकर एए (+) कर दी है। इसका मतलब यह हुआ कि अमेरिकी अर्थव्यवस्था कुल मिलाकर जोखिम भरी है। घबराए हुए निवेशकोंं ने इन धातुओं से मुनाफावसूली की क्योंकि उनका अनुमान था कि इसमें और गिरावट आ सकती है।जस्ते की कीमतों में 4.95 फीसदी की गिरावट आई और यह सोमवार को 2148 डॉलर प्रति टन पर टिका। अन्य औद्योगिक धातुएं मसलन निकल व टिन में शुक्रवार की कीमत के मुकाबले 3 से 4 फीसदी की गिरावट दर्ज की गई। तांबा व एल्युमीनियम मेंं हालांकि थोड़ी मजबूती रही क्योंकि निवेशकोंं ने इन धातुओं में आशावाद का प्रदर्शन किया।इसी ढर्रे पर चलते हुए कृषि जिंसों में 1 से 2 फीसदी की गिरावट आई। केयर रेटिंग के मुख्य अर्थशास्त्री मदन सबनवीस ने कहा कि वैश्विक अर्थव्यवस्था के डांवाडोल होने के चलते ऐसा हुआ है यानी उसके प्रत्युत्तर में जिंसों में गिरावट आई है। इस दौरान कपास में 1.4 फीसदी जबकि सोयाबीन, चीनी व रिफाइंड सोया तेल में करीब 1 फीसदी की गिरावट आई।सबनवीस ने कहा कि अमेरिकी अर्थव्यवस्था की रेटिंग में कटौती से वैश्विक कारोबार में कमजोर मांग के चलते कृषि जिंसों की कीमतें ढलान पर रहने की संभावना है। हालांकि मौजूदा गिरावट मुख्य रूप से सभी बाजारों से निवेशकों के हाथ खींचने से आई है। सबनवीस ने कहा कि घरेलू फंडामेंटल हालांकि मजबूत है और यह अपरिवर्तित रहेगा।सोमवार को एनसीडीईएक्स पर चीनी वायदा 0.91 फीसदी गिरकर 2613 रुपये प्रति क्विंटल पर बंद हुआ क्योंंकि कॉमेक्स पर भी यही हाल था, जहां चीनी वायदा 4 फीसदी लुढ़कर 26.99 सेंट प्रति पाउंड पर आ गया। (BS Hindi)

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