नई दिल्ली July 31, 2011
सरकार ने ओपन जनरल लाइसेंस (ओजीएल) के जरिए कपास निर्यात की अनुमति दे दी है। वाणिज्य वाणिज्य सचिव राहुल खुल्लर ने बताया कि ओजीएल के तहत निर्यात के लिए किसी भी प्राधिकरण से अनुमति लेने की जरूरत नहीं होगी। एक सरकारी बयान में वाणिज्य मंत्री के हवाले से कहा गया है कि इस बाबत नीतिगत निर्णय ले लिया गया है।हालांकि उनका बयान स्पष्ट नहीं करता कि मौजूदा समय में जिस तरह से कपास निर्यात के लिए विदेश व्यापार महानिदेशक की अनुमति ली जाती है और निर्यात पर सीमा लगी हुई है, वह जारी रहेगी या नहीं। इस बीच, उद्योग से जुड़े लोगों ने कहा, 'ऐसा लगता है कि 65 लाख गांठ कपास निर्यात की मौजूदा सीमा हटा ली गई है, लेकिन ज्यादा जानकारी तभी मिल पाएगी जब इस बाबत अधिसूचना जारी होगी।Ó उद्योग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि खुले बाजार में जिस तरह से कपास की कीमतें पिछले छह महीने में 62,000 रुपये प्रति कैंडी से घटकर 31,000 रुपये प्रति कैंडी पर आ गई है, उसे देखते हुए कपास निर्यात की सीमा हटाना स्वाभाविक नजर आ रही है। सरकार ने पहले 55 लाख गांठ कपास निर्यात की अनुमति दी थी। बाद में इसमें 10 लाख गांठ और जोड़ दी गई थी, क्योंकि मांग के मुकाबले उत्पादन बढ़ गया था। कपास उत्पादक काफी समय से निर्यात सीमा में 20 लाख गांठ की बढ़ोतरी करने की मांग करते रहे हैं क्योंकि बाजार में पूर्व अनुमान के मुकाबले ज्यादा आवक हो रही है और इसी वजह से कीमतों में तेजी से गिरावट आई है। कृषि मंत्रालय के चौथे अग्रिम अनुमान के मुताबिक, सितंबर में समाप्त होने वाले 2010-11 के फसली विपणन वर्ष में करीब 334 लाख गांठ कपास का उत्पादन हुआ, जो पिछले साल के मुकाबले 38 फीसदी ज्यादा है। उधर, वाणिज्य सचिव ने मार्बल आयात की नीई नीति का भी ऐलान किया है, इसके तहत आयातित मात्रा में इजाफा किया गया है। खुल्लर ने कहा है कि मानदंड में भी संशोधन किया गया है, ताकि ज्यादा से ज्यादा लोग लाइसेंस हासिल करने के योग्य हों। (BS Hindi)
01 अगस्त 2011
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