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31 अगस्त 2011

दूसरे विकल्पों के मुकाबले ई-गोल्ड का प्रदर्शन बेहतर


मुंबई February 16, 2011
लेनदेन, ब्रोकरेज व डिलिवरी की कम लागत के चलते साल 2010 में सोने में निवेश के अन्य विकल्पों के मुकाबले नैशनल स्पॉट एक्सचेंज लिमिटेड (एनएसईएल) में ई-गोल्ड का प्रदर्शन शानदार रहा। हाजिर बाजार में सोने ने थोड़ा बेहतर रिटर्न दिया, लेकिन सोना रखने से जुड़े खतरों को देखते हुए कई निवेशकों ने ई-गोल्ड में निवेश को प्राथमिकता दी।पिछले साल मार्च महीने में पेश ई-गोल्ड ने अब तक 23.64 फीसदी का रिटर्न दिया है। एमसीएक्स गोल्ड फ्यूचर्स समेत सोने में निवेश के अन्य विकल्पों में रिटर्न इसके मुकाबले कम रहा है। रिलायंस गोल्ड ईटीएफ में 17.82 फीसदी का रिटर्न मिला है। ई-गोल्ड वैसे छोटे निवेशकों के लिए बाजार में पेश किया गया था, जो बड़ी मात्रा में सोना नहीं खरीद सकते। इसमें निवेश में काफी बढ़ोतरी हुई है और एक्सचेंज में रोजाना औसतन टर्नओवर 50 से 100 करोड़ रुपये का रहा है। 19 जनवरी को इसने हालांकि 129.55 करोड़ रुपये का सर्वाधिक टर्नओवर हासिल करने में कामयाबी हासिल की थी।एनएसईएल के प्रबंध निदेशक व सीईओ अंजनी सिन्हा कहते हैं - ई-गोल्ड की खरीद-बिक्री में आसानी, सुरक्षा, शून्य होल्डिंग लागत, डीमैट स्टेटमेंट, हाजिर सोने में आसानी से परिवर्तन आदि कुछ ऐसी चीजें हैं जो निवेशकों को आकर्षित करती हैं। एनएसईएल ने ऐसी ही सुविधा ई-सीरीज के दूसरे उत्पादों मसलन चांदी, तांबा व जस्ते में भी उपलब्ध कराया है। साल 2011 के दौरान यह और उत्पाद पेश करने की योजना बना रहा है।विश्लेषक छोटे निवेशकों को सिस्टमैटिक इन्वेस्टमेंट प्लान के सिद्धांत अपनाने की सलाह देते हैं और सोने या चांदी को धीरे-धीरे जमा करने को कहते हैं। उन्हें इसकी बिक्री कीमत बढऩे पर ही करने की सलाह दी जाती है। पिछले कुछ सालों में सोने ने निवेशकों को करीब 40 फीसदी का रिटर्न दिया है और अगर लंबी अवधि तक इसमें निवेश जारी रखा जाए तो भविष्य में भी ऐसा ही रिटर्न मिलने की उम्मीद है। निवेशक हमेशा ही जिंसों में फायदा कमाते हैं, ऐसे में खुदरा निवेशकों को निवेश करना चाहिए न कि बाजार के कयासोंं पर ध्यान देना चाहिए। ई-सीरीज के उत्पादों का मकसद रोजाना, साप्ताहिक या मासिक आधार पर छोटी-छोटी रकम का निवेश करने को प्रोत्साहन देने का है, ताकि निवेशक लंबी अवधि में सबसे अच्छा रिटर्न हासिल कर सकें।हाजिर बाजार के प्रतिभागियों, सोने-चांदी के कारोबारी, आभूषण के कारोबारी आदि के लिए एनएसईएल ऑप्शन उपलब्ध कराता है, जहां एक किलोग्राम या 100 ग्राम के आयातित सिल्लियों की डिलिवरी की पेशकश की जाती है। एनएसईएल ने ऐसे अनुबंध विभिन्न स्थानों पर पेश किया है। विश्लेषकों का कहना है कि छोटे व खुदरा निवेशकों को छोटी अवधि में बेचना नहीं चाहिए बल्कि बने रहना चाहिए। उन्हें हमेशा लंबी अवधि के बारे में सोचना चाहिए। ऐसा करने वाले निवेशक अपनी रकम नहीं गंवाते। ई-गोल्ड व ई-सिल्वर को डीमैट से आभूषण में बदलने के लिए एनएसईएल देश भर के करीब 100 से ज्यादा आभूषण निर्माताओं के साथ बातचीत कर रहा है। इस साल मार्च तक इसके शुरू होने की संभावना है।

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