22 अगस्त 2011
सोना आयात एक हजार टन के पार होने की संभावना
सोने की कीमतें आसमान छू रहीं हैं। इसके बावजूद सोने का देश में आयात चालू साल में 1,000 टन का आंकड़ा पार कर जा सकता है। विश्लेषकों की राय है कि इस साल सोने के निवेश में बहुत ज्यादा बढ़ोतरी होने की वजह से इसके आयात में बढ़ोतरी दर्ज की गई है। अमेरिका की क्रेडिट रेटिंग घटने के बाद यूरो क्षेत्र की अर्थव्यवस्था के लिए नया खतरा उत्पन्न होने से सोना में गजब की तेजी आ रही है।
चालू महीने में अब तक पीले धातु में 14 फीसदी की तेजी आ चुकी है। इस समय निवेशक शेयरों में निवेश से दूरी बना रहे हैं जबकि सोने में निवेश को बहुत सुरक्षित मान रहे हैं। पिछली बार वर्ष 1999 में एक महीने में सोने में 14 फीसदी तक की बढ़ोतरी दर्ज की गई थी। ब्रोकरेज कंपनी माया आयरन ओर्स के उपाध्यक्ष प्रवीण कुमार ने कहा कि घरेलू बाजार में सोना वायदा 28,150 रुपये प्रति 10 ग्राम पर शीर्ष पर पहुंच चुका है जबकि वैश्विक बाजार में बीते शुक्रवार को सोना 1,877 डॉलर प्रति औंस तक पहुंच गया। घरेलू बाजार में सोना एक दिन में 1,310 रुपये प्रति दस ग्राम बढ़ा।
उन्होंने कहा कि देश का गोल्ड ईटीएफ निवेश 15 टन तक पहुंच चुका है और एक साल में इसमें निवेश बढ़कर दोगुना हो जाएगा। कुमार ने कहा कि हालांकि बाजार में सोना के जेवर बनाने के खर्च में बढ़ोतरी की वजह से गोल्ड ज्वैलरी की मांग में कमी आई है। वल्र्ड गोल्ड काउंसिल (डब्ल्यूजीसी) द्वारा जारी किए गए आंकड़ों के अनुसार भारत सोने का सबसे बड़ा उपभोक्ता देश है और वर्ष 2010 में 958 टन का आयात किया गया था।
चालू साल के पहले छह महीने के दौरान 553 टन से ज्यादा सोने का आयात किया गया। कुमार के अनुसार, ज्वैलरी की मांग में कमी आ सकती है और बढ़ी हुई कीमत का फायदा उठाने के लिए लोग इसे बेचकर निकलना चाहेंगे। इससे ज्वैलरी बनाने की कीमत में तेजी आएगी और ज्वैलर्स के स्टॉक में कमी आएगी। (Business Bhaskar)
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