22 अगस्त 2011
भारत-चीन में बढ़ेगा हीरे का कारोबार
कोलकाता August 19, 2011
अगले कुछ सालों में हीरे के वैश्विक आभूषण बाजार में भारत और चीन की संयुक्त हिस्सेदारी मौजूदा 15 फीसदी से बढ़कर 20 फीसदी पर पहुंच जाएगी। कच्चे हीरे के सबसे बड़े वैश्विक उत्पादक डी बीयर्स ग्रुप ने यह अनुमान व्यक्त किया है।फॉरएवरमार्क की प्रबंध निदेशक बिनीता कूपर ने कहा - भारत और चीन के बाजार तेजी से विकसित हो रहे हैं। हीरे के वैश्विक बाजार में 7 फीसदी की हिस्सेदारी रखने वाला भारतीय बाजार 30 फीसदी की रफ्तार से आगे बढ़ रहा है। अच्छी परिवर्तित दरों की पृष्ठभूमि में यह बढ़त आगे भी जारी रहेगी। फॉरईवर मार्क डी बीयर्स का इकलौता ब्रांड है।क्रिसिल की एक रिपोर्ट के मुताबिक, भारत और चीन की आबादी तेजी से हीरे का ग्राहक बन रही है, खासतौर से इस तथ्य को देखते हुए कि दोनों ही देशों के बाजार मोटे तौर पर 25 फीसदी की रफ्तार से आगे बढ़ रहे हैं। इस रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि महंगाई के बावजूद कच्चा हीरे व प्रसंस्कृत हीरे, दोनों ही क्षेत्र में बढ़त दर्ज की जा रही है।फॉरएवरमार्क एक ऐसा ब्रांड है जो डीटीसी (डी बीयर्स का सेलिंग आर्म) का हिस्सा है और भारत में यह ब्रांड फॉरएवरमार्क इंडिया के तहत है। इसके प्रबंध निदेशक ने कहा कि कंपनी अगले कुछ सालों में कुल कारोबार का 20 फीसदी भारत और चीन के बाजारों से होने की उम्मीद कर रही है। कूपर ने कहा कि 'अगले कुछ वर्षों में हम बाजार में नेतृत्वकर्ता की स्थिति प्राप्त करना चाहते हैं और इसमें उभरते हुए बाजारों जैसे भारत और चीन की प्रमुख भूमिका रहेगी। हमारी रणनीति साझेदारों के साथ मिलकर काम करने की होगी। हमारे वर्तमान स्टोरों की संख्या 30 है, जिसे बढ़ाकर 45 करने की योजना है।सोने के महंगा होने से हीरे का रुख करने वालों की बढ़ रही है संख्या सोने की कीमतें वैश्विक रूप से लगातार बढ़ रही हैं, इसके कारण ज्यादा से ज्यादा लोग हीरे को इसका विकल्प देख रहे हैं। भारत में हीरे की खरीदारी में कन्जर्वजन रेट 30 तक जा चुकी है, जिनमें से 18 फीसदी पहली बार हीरे खरीदने वाले हैं। कोलकाता स्थित आभूषण की दुकान सावनसुख ज्वैलर्स के सीईओ सिद्धार्थ सावनसुख ने कहा कि 'हीरे के बाजार में तेजी का रुख बना हुआ है। इसके प्रमुख कारण आकांक्षी मध्यम वर्ग में बढ़ोतरी होना है। वहीं दूसरा कारण यह है कि लोग हीरे को निवेश का एक प्रमुख विकल्प मानने लगे हैं।सावनसुख और कूपर दोनों का ही कहना है कि महंगाई की वजह से त्योहारी सीजन में हीरों की खरीदारी पर कोई असर नहीं पड़ेगा। सावनसुख ने कहा कि 'सालाना कारोबार की 35 फीसदी से अधिक आमदनी त्योहारी सीजन से आती है। मैं नहीं मानता हूं कि महंगाई से खरीदारी में गिरावट आएगी। हमें पहले की तरह इस साल भी अच्छा सीजन रहने की उम्मीद है। (BS Hindi)
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