09 अगस्त 2011
मानसून की बेरुखी से चावल उत्पादन घटने की आशंका
चालू खरीफ में चावल के रिकॉर्ड उत्पादन संबंधी केंद्र सरकार के अनुमान पर मानसून की बेरुखी का असर पडऩे की आशंका है। आधा मानूसन बीत चुका है तथा देशभर में मानसूनी बारिश सामान्य से 6 फीसदी कम हुई है लेकिन पंजाब, हरियाणा, उड़ीसा, असम और मेघालय, गुजरात तथा विदर्भ में सामान्य से 21 से 37 फीसदी तक कम बारिश हुई है। कृषि मंत्रालय ने वर्ष 2011-12 में 1,000 लाख टन से ज्यादा चावल के उत्पादन का अनुमान लगाया है।
भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि अगस्त में उत्तर-पश्चिमी भारत के राज्यों में बारिश कम होने की आशंका है। जबकि गुजरात, राजस्थान, महाराष्ट्र और पूर्वोत्तर राज्यों में अगस्त के मध्य तक अच्छी बारिश होने की संभावना है।
आईएमडी की रिपोर्ट के मुताबिक एक जून से तीन अगस्त के दौरान हरियाणा में 33 फीसदी, हिमाचल में 28 फीसदी, पंजाब में 26 फीसदी, जम्मू-कश्मीर में 21 फीसदी, असम और मेघालय में 33 फीसदी, उड़ीसा में 22 फीसदी, गुजरात में 37 फीसदी, विदर्भ में 21 फीसदी, बिहार में 6 फीसदी, झारखंड में 11 फीसदी और पूर्वी उत्तर प्रदेश में सात फीसदी कम बारिश हुई है। 28 जुलाई से तीन अगस्त के दौरान बारिश की कमी और ज्यादा रही है। इस दौरान हिमाचल में 73 फीसदी, जम्मू-कश्मीर में 88 फीसदी, पंजाब में 66 फीसदी, हरियाणा में 57 फीसदी सामान्य से कम बारिश हुई है।
हालांकि केंद्रीय चावल अनुसंधान संस्थान के निदेशक डॉ. टी. के. आध्या ने बताया कि उत्तर भारत के राज्यों में बारिश की कमी से पैदावार पर ज्यादा फर्क नहीं पड़ेगा क्योंकि यहां सिचांई के प्रयाप्त साधन हैं। लेकिन पूर्वोत्तर राज्यों में चावल की खेती पूरी तरह से बारिश पर निर्भर है इसीलिए वहां उत्पादन घट सकता है। चालू महीना चावल की फसल के लिए काफी महत्वपूर्ण है।अगर अगस्त में बारिश कम हुई हो पैदावार प्रभावित हो सकती है। भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान (पूसा) के एग्रोनॉमी के डॉ. शिवधर मिश्र ने बताया कि सिचिंत क्षेत्रों में बारिश की कमी से किसानों की उत्पादन लागत बढ़ रही है। असिचिंत क्षेत्रों में प्रति हैक्टेयर पैदावार में कमी आएगी। कृषि मंत्रालय द्वारा जारी बुवाई आंकड़ों के अनुसार देशभर में 260.36 लाख हैक्टेयर में धान की रोपाई हो चुकी है जबकि पिछले साल की समान अवधि में 244.79 लाख हैक्टेयर में हुई थी।
पंजाब में 27.12 लाख हैक्टेयर में, उत्तर प्रदेश में 54.19 लाख हैक्टेयर में, छत्तीसगढ़ में 30.33 लाख हैक्टेयर में, बिहार में 19.68 लाख हैक्टेयर में, असम में 17.39 लाख हैक्टेयर में हरियाणा में 10.32 लाख हैक्टेयर में, पश्चिम बंगाल में 25.45 लाख हैक्टेयर और मध्य प्रदेश में 10.52 लाख हैक्टेयर में धान की रोपाई हो चुकी है। (Business Bhaskar....R S Rana)
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