नेशनल स्पॉट एक्सचेंज लिमिटेड (एनएसईएल) ने हाल ही एक उत्पाद लांच किया है - ई-गोल्ड। यह आज के नए जमाने में निवेश का नया जरिया बन गया है जो गोल्ड के निवेशकों में बड़ी तेजी से लोकप्रिय हो रहा है। ई-गोल्ड में सोने की दोनों खास विशेषताओं - भौतिक व इलेक्ट्रॉनिक का मिश्रण होता है। यह कैसे काम करता है?चूंकि ई-गोल्ड सिर्फ इलेक्ट्रॉनिक रूप में खरीदा जा सकता है लिहाजा इसमें निवेश करने के लिए आपके पास डीमैट खाता होना जरूरी है। ध्यान रहे इसमें आपका रेगुलर शेयर डीमैट खाता किसी काम का नहीं होगा। आपको एनएसईएल की सूची में शामिल डिपॉजिटरी पार्टीसिपैंन्ट्स (डीपी) में से किसी एक के पास डीमैट खाता खुलवाना होगा। डीपी की सूची एनएसईएल की वेबसाइट से ली जा सकती है। डीपी एकाउंट के बाद आपको एनएसईएल के किसी सदस्य के पास क्लाइंट एकाउंट भी खुलवाना होगा। आपकी सुविधा के लिए एनएसईएल के पास सूचीबद्ध 300 से भी ज्यादा कारोबारी सदस्य हैं जो देश भर में फैले हुए हैं। ये कारोबारी सदस्य आपको देश के तकरीबन सभी छोटे-बड़े शहरों में मिल जाएंगे। यानी अगर आप रायपुर, इंदौर, जयपुर, जोधपुर या भोपाल में रहते हैं तो भी आप ई-गोल्ड में निवेश करने के लिए बड़ी आसानी से एनएसईएल के कारोबारी सदस्यों की सेवाएं प्राप्त कर सकते हैं। इन कारोबारी सदस्यों की सूची भी एनएसईएल की वेबसाइट से ली जा सकती है।ई-गोल्ड में ट्रेडिंग सोमवार से शुक्रवार के बीच सुबह 10 बजे से रात 11.30 बजे के बीच की जा सकती है। जिस ब्रोकर सदस्य के पास आपने अपना क्लाइंट एकाउंट खोला है आप उसे फोन करके बता सकते हैं कि आप क्या और कितना खरीदना चाहते हैं। इसके साथ ही ब्रोकर सदस्य द्वारा मुहैया कराए जाने वाले उपरोक्त कारोबारी समय के दौरान आप ऑनलाइन भी ई-गोल्ड की खरीदारी कर सकते हैं।कितना आता है खर्चजिस तरह शेयरों की खरीद या बिक्री में आपको ब्रोकरेज देना होता है ठीक उसी प्रकार प्रति यूनिट ई-गोल्ड की खरीदारी या बिक्री में ब्रोकर ब्रोकरेज चार्ज कर सकते हैं। अमूमन यह चार्ज 0.25 फीसदी से 0.50 फीसदी के बीच होता है। इसके अलावा ब्रोकर प्रति एक लाख रुपये के लिए 20 रुपये की दर से ट्रांजैक्शन चार्ज भी वसूलते हैं। ट्रांजैक्शन चार्ज एक्सचेंज का प्रभार होता है। डीपी को इलेक्ट्रॉनिक रूप में यूनिटों की बिक्री के प्रत्येक लेनदेन के लिए भी आपको प्रभार देना होता है, हालांकि यह नाममात्र का ही होता है।डीमैट एकाउंट को मेनटेन करने के लिए भी आपसे तकरीबन 300 रुपये का सालाना लिए जाएंगे। इसके पहले एक्सचेंज सेफ डिपॉजिट वॉल्ट में सोने को सुरक्षित रखने का खर्च वसूलते थे, पर अब यह नहीं होता। आपको दिन के दौरान ई-गोल्ड की यूनिटों में कारोबार करने की अनुमति होती है पर कारोबार का समय खत्म होने तक सभी यूनिटों की स्थिति डिलीवरी या पेमेंट मे होनी ही चाहिए। डिलीवरी व पेमेंट मैकेनिज्म शेयर बाजार सरीखा ही होता है। शार्ट डिलीवरी के मामले में यहां भी शेयर बाजार जैसी ऑक्शन व्यवस्था है।सोने में कन्वर्जन सभी ई-गोल्ड यूनिटों के पीछे समान मात्रा का सोना रहता है। आप एक्सचेंज से यह निवेदन कर सकते हैं कि आपको आपके डीमैट खाते में पड़ी ई-गोल्ड यूनिटों की समान मात्रा का सोना दे दिया जाए। इसके लिए आपको निवेदन के साथ इलेक्ट्रॅनिक यूनिटें सरेंडर करनी होंगी। आप मुंबई, दिल्ली या अहमदाबाद में स्थित एनएसईएल के किसी भी डिलीवरी केंद्र से सोने की डिलीवरी ले सकते हैं। यूनिटें 8, 10, 100 ग्राम या एक किलोग्राम के सिक्कों/बार्स या दोनों के कॉम्बीनेशन में कन्वर्ज कराई जा सकती हैं। एक्सचेंज 8 व 10 ग्राम के सिक्कों में प्रत्येक कन्वर्जन के लिए 200 रुपये वसूलता है। 100 ग्राम के सिक्के के लिए प्रभार 100 रुपये है, लेकिन अगर आप एक किग्रा का बार लेते हैं तो इसके लिए एक्सचेंज की कोई फीस नहीं है।
31 अगस्त 2011
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