आर एस राणा
नई दिल्ली। दाल मिलों की कमजोर मांग से दिल्ली के नया बाजार में सोमवार को अरहर, उड़द और कनाडा की मसूर में मंदा आया।
पुरानी अरहर (2017-2018) में मांग कमजोर होने से आज दिल्ली में 200 रुपये की गिरावट आकर भाव 6,300 रुपये प्रति क्विंटल रह गए। इसकी क्वालिटी काफी हल्की बताई जा रही है, जबकि अन्य बाजारों में भी गिरावट का रुख रहा।
इसी तरह आगे के सौदों में, चेन्नई से नवंबर डिलीवरी के लिए अरहर की कीमत 100 रुपये की गिरावट आकर भाव 6,100 रुपये प्रति क्विंटल रह गए। खरीदार आगे के सौदे कम कर रहे हैं, तथा हाजिर में व्यापार हो रहा है।
केंद्र सरकार ने 15 नवंबर, 2020 से 4 लाख मीट्रिक टन के अरहर आयात के लिए आयात की समय सीमा को 31 दिसंबर 2020 तक बढ़ा दिया। इससे आगे विदेशी मालों की आपूर्ति बढ़ेगी।
सूत्रों के अनुसार नेफेड ने आज महाराष्ट्र में खरीफ 2019 अरहर की 6,604-6,650 रुपये प्रति क्विंटल की निविदा को मंजूरी दी।
चैन्नई में कीमतों में आई गिरावट के आरण आज बर्मा नई उड़द एफएक्यू और एसक्ययू की कीमतों में आज दिल्ली में 50 से 100 रुपये प्रति क्विंटल की गिरावट दर्ज की गई।
इसी तरह, महाराष्ट्र लाईन की नई उड़द भी 100 रुपये घटकर 7,800 रुपये प्रति क्विंटल रह गई। जबकि मध्य प्रदेश की पुरानी नेफेड की उड़द के भाव 7,000 रुपये प्रति क्विंटल पर स्थिर बने रहे।
मिलों की हाजिर मांग कम होने से कनाडा की मसूर के भाव में दिल्ली में आज भी 25 रुपये प्रति क्विंटल की गिरावट दर्ज की गई जबकि मध्य प्रदेश की मसूर के भाव स्थिर बने रहे।
व्यापारियों के अनुसार, आयातित मसूर की उपलब्धता ज्यादा है, साथ में मसूर दाल में ग्राहकी सीमित मात्रा में ही आ रही है। केंद्र सरकार ने 10 फीसदी के आयात शुल्क पर मसूर के आयात की अविध को बढ़ाकर 31 दिसंबर 2020 कर दिया है, जिससे कीमतों पर दबाव है।...........आर एस राणा
02 नवंबर 2020
दाल मिलों की कमजोर मांग से दिल्ली में अरहर, उड़द एवं कनाडा की मसूर में मंदा
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