आर एस राणा
नई दिल्ली। स्काईमेट के अनुसार पिछले हफ्ते तक दीर्घावधि औसत वर्षा (एलपीए) 108 फीसदी पर बनी हुई थी। पंजाब, हरियाणा और पश्चिमी उत्तर प्रदेश को छोड़कर देश के बाकी हिस्सों में बारिश का वितरण औसत या फिर औसत से बेहतर हुआ है। मानसून की वापसी पश्चिमी राजस्थान से अगले सप्ताह शुरू होने की संभावना है। सितंबर के अंत तक पूरे उत्तर भारत, गुजरात और पश्चिम मध्य प्रदेश से मानसून की वापसी पूरी हो जाती है।
इस वर्ष बेहतर मानसून की बदौलत खरीफ फसलों की कुल बुआई 1,082 लाख हेक्टेयर पहुँच गई है, जो पिछले वर्ष की बुआई (1,010 लाख हेक्टेयर) के मुकाबले 7 फीसदी अधिक है। इसके अलावा इस साल की बुआई पिछले पाँच वर्षों की औसत बुआई (1,066 लाख हेक्टेयर) से भी अधिक है। धान, तिलहन और दलहन फसलों की बुआई में इस साल व्यापक वृद्धि से खेती के क्षेत्र में यह उपलब्धि हासिल हुई है।
कोविड-19 महामारी और इसके चलते देशभर में पूर्ण बंदी के बावजूद किसानों की कड़ी मेहनत और संघर्ष का परिणाम है कि देश में कृषि क्षेत्र ने आज मजबूटी दिखाई है। पूर्णबन्दी के बीच मजदूरों के पलायन के चलते सीजन के शुरुआती समय में आशंका पैदा हुई थी कि खरीफ फसलों की बुआई पर इसका प्रतिकूल प्रभाव पड़ेगा। लेकिन खेती की नवीन तकनीकों और किसानों के अथक प्रयास के चलते यह आशंका निर्मूल साबित हुई। तमाम आशंकाओं के बावजूद कृषि क्षेत्र महामारी के प्रतिकूल प्रभाव से बच गया है। संभवतः फसल वर्ष 2020-21 में ऑल टाइम रिकॉर्ड उत्पादन हो सकता है। खाद्यान्न उत्पादन भी 298 मिलियन टन के निर्धारित लक्ष्य को पार कर सकता है। अगस्त में जोरदार मॉनसून के चलते बड़े पैमाने पर बुआई और बंपर उत्पादन की संभावनाएं बनी हैं।
मध्य प्रदेश में हाल के दिनों में भारी बारिश दर्ज की गई, जिससे 52 जिलों में से 21 जिलों में खरीफ की फसलों पर आंशिक नकारात्मक असर भी पड़ा है। एक अनुमान के अनुसार भारी बारिश के चलते बाढ़ के कारण लगभग 7 लाख हेक्टेयर के अनुमानित क्षेत्र में सोयाबीन, मक्का और धान की खड़ी फसलों को नुकसान पहुंचा है। हालांकि किसानों को सरकार ने आश्वस्त किया है कि उनके नुकसान के एवज में मुआवजा दिया जाएगा।
अगस्त के अंतिम सप्ताह में देश के कई इलाकों में भारी मानसून वर्षा के चलते कुछ हिस्सों में जलप्रलय देखा गया। उसके बाद सितंबर के पहले सप्ताह में सामान्य से कम बारिश हुई। मानसून की बारिश उत्तर, मध्य और पूर्वी भारत में ज्यादातर हल्की से मध्यम रही। दक्षिण प्रायद्वीप में कुछ क्षेत्रों में भरपूर बारिश हुई। इस सप्ताह 10 सितंबर को बंगाल की खाड़ी में एक नया निम्न दबाव का क्षेत्र बनने की संभावना है। इसके चलते मानसून की गतिविधियां एक बार फिर से मध्य भागों में बढ़ जाएंगी।
उत्तर भारत में इस सप्ताह कम सक्रिय रहेगा मानसून
इस सप्ताह के दौरान उत्तर भारत में मौसम बहुत कम सक्रिय रहेगा। पहाड़ी राज्यों में केवल उत्तराखंड और मैदानी राज्यों में उत्तर प्रदेश में पूरे सप्ताह बारिश और गरज के साथ बारिश होगी। साथ ही, पूर्वी राजस्थान के कुछ हिस्सों में 7, 8 और 9 सितंबर को हल्की से मध्यम बारिश की उम्मीद है। सप्ताह के अंत तक, या अगले सप्ताह की शुरुआत में पश्चिमी राजस्थान से मॉनसून की वापसी शुरू हो सकती है।
पूर्व और उत्तर-पूर्व भारत रहेगा जोर
इस सप्ताह पूर्वी भारत में मौसम सक्रिय होने जा रहा है। मानसून ट्रफ के उत्तर की दिशा में है और इसके पास एक चक्रवाती हवाओं का क्षेत्र बनेगा। इसके परिणामस्वरूप बिहार, झारखंड और उत्तरी बंगाल में काफी व्यापक बारिश होगी। कुछ भागों में बिजली गिरने और गरज के साथ भारी वर्षा होने की भी आशंका है। सप्ताह के दौरान सिक्किम, असम, मेघालय और अरुणाचल प्रदेश में भी भारी वर्षा होने की संभावना है। पूर्वोत्तर भारत के बाकी राज्यों में मध्यम बारिश से अधिक की उम्मीद नहीं है।
मध्य भाग में 10 से 13 सितंबर बारिश की उम्मीद
सप्ताह के शुरुआती दिनों में सामान्य मानसून वर्षा की उम्मीद है। 10 से 13 सितंबर के बीच छत्तीसगढ़ और ओडिशा में हल्की से मध्यम बारिश होने की संभावना है। सप्ताह के मध्य से मध्य प्रदेश, विदर्भ, मराठवाड़ा और मध्य महाराष्ट्र में वर्षा की गतिविधियां बढ़ने की संभावना है। कोंकण क्षेत्र में मानसून की सक्रियता बनी रहेगा। मुंबई सहित कोंकण गोवा क्षेत्र में सप्ताहांत में कुछ स्थानों पर भारी बारिश होने की संभावना है। गुजरात के पूर्वी क्षेत्र में भी सप्ताह के अंत में कुछ स्थानों पर गरज के साथ बारिश के आसार हैं।
दक्षिण भारत जारी रहेगी बारिश
दक्षिण भारत में इस सप्ताह मानसून सक्रिय रहेगा। कर्नाटक, केरल, रायलसीमा और तमिलनाडु के अंदरूनी इलाकों में मुख्यतः बारिश होगी। बेंगलुरु, मैसूरु, मैंगलोर, कोच्चि, त्रिवेंद्रम, कोयम्बटूर और सलेम में गरज के साथ अच्छी मानसून वर्षा की उम्मीद की जा सकती है। बारिश की गतिविधियां इन भागों में ज्यादातर शाम और रात के दौरान होती हैं। हैदराबाद सहित तेलंगाना के अधिकांश हिस्सों में सप्ताह के दौरान मध्यम बारिश होगी।
दिल्ली एनसीआर में बारिश की अब उम्मीद नहीं
इस सप्ताह दिल्ली एनसीआर में कोई विशेष बारिशह होने की उम्मीद नहीं है। अधिकांश दिनों में अधिकतम तापमान 35-डिग्री सेल्सियस के आसपास रहने की संभावना है। पूरे सप्ताह गर्मी और उमस दिल्ली वालों को परेशान करती रहेगी।................... आर एस राणा
07 सितंबर 2020
अगले सप्ताह मानसून की वपासी होगी शुरू - स्काईमेट
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