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26 सितंबर 2020

कपास खली के साथ ही बिनौले का बकाया स्टॉक ज्यादा, कीमतों पर दबाव

आर एस राणा
नई दिल्ली। कपास के प्रमुख उत्पादक राज्यों में कपास खली के साथ ही बिनौले का बकाया स्टॉक ज्यादा है जबकि उत्पादक मंडियों में नए बिनौले के साथ ही कपास खली की आवक शुरू हो गई है, इसलिए इनकी मौजूदा कीमतों में और भी 100 से 150 रुपये प्रति क्विंटल की गिरावट आने का अनुमान है। बुधवार को राजस्थान के अलवर में बिनौले का भाव 2,550 से 2,600 रुपये ओर खल का भाव 2,450 से 2,550 रुपये प्रति क्विंटल रहा। हरियाणा के आदमपुर में बिनौले का भाव एक्स फैक्ट्री 2,600 से 2,800 रुपये और खल का भाव 2,450 से 2,550 रुपये प्रति क्विंटल रहा।
अबोहर मंडी के कारोबारी संदीप बंसल के अनुसार लॉकडाउन के समय मार्च से मई के दौरान कपास खली के साथ ही बिनौले की बिक्री में भारी कमी आई थी, जबकि पिछले साल कपास का उत्पादन ज्यादा हुआ था, जिस कारण बिनौले के साथ कपास खली की उपलब्धता ज्यादा रही। इसीलिए वर्तमान में उत्पादक मंडियों में बिनौले के साथ ही कपास खली का बकाया स्टॉक ज्यादा बचा हुआ है। उन्होंने बताया कि इस समय नए बिनौले के साथ ही कपास खली की आवक शुरू हो गई है, लेकिन पुराने मालों में ग्राहकी गायब है। चालू सीजन में भी कपास का उत्पादन अनुमान ज्यादा है इसलिए खल और बिनौले की उपलब्धता ज्यादा रहेगा। आगे उत्पादक मंडियों में दैनिक आवक बढ़ेगी, इसलिए इनकी कीमतों पर दबाव बना रहेगा। उन्होंने बताया कि कृषि विधेयकों के विरोध के कारण कपास की आवक भी कम हो रही है, आगे जैसे ही स्थिति सामान्य होगी, कपास की आवक बढ़ेगी।
राजस्थान के अलवर के खल कारोबारी के अनुसार नए माल आने शुरू हो गए हैं, जिस कारण पुराने मालों में मांग लगभग बंद हो गई है। उन्होंने बताया कि चालू सीजन में कपास का उत्पादन अनुमान ज्यादा है, जिस कारण कपास खली के साथ ही बिनौले की उपलब्धता भी बढ़ेगी। अगस्त और सितंबर में बिनौले के साथ ही कपास खली की मांग में सुधार तो आया है लेकिन कुल मांग अभी भी सामान्य की तुलना में 20 से 25 फीसदी कम है, इसलिए इनकी मौजूदा कीमतों में आगे नई आवक बढ़ने और भी 100 से 150 रुपये प्रति क्विंटल का मंदा आने का अनुमान है।
कृषि मंत्रालय के पहले आरंभिक अनुमान के अनुसार कपास का उत्पादन चालू खरीफ सीजन में 371.18 लाख गांठ (एक गांठ-170 किलो) होने का अनुमान है जबकि पिछले साल 354.91 लाख गांठ कपास का उत्पादन हुआ था।..... आर एस राणा

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