आर एस राणा
नई दिल्ली। चालू फसल सीजन में उद्योग पहली अक्टूबर 2018 से अभी तक छह बार कपास उत्पादन अनुमान में कटौती कर चुका है। ताजा अनुमान के अनुसार चालू फसल सीजन 2018-19 में कपास का उत्पादन घटकर 312 लाख गांठ (एक गांठ-170 किलोग्राम) ही होने का अनुमान है जबकि इससे पहले 315 लाख गांठ का अनुमान था। पिछले साल देश में 365 लाख गांठ का उत्पादन हुआ था।
कॉटन एसोसिएशन आफ इंडिया (सीएआई) के अध्यक्ष अतुल एस. गणात्रा के अनुसार पानी की कमी के कारण कई राज्यों में कपास की तीसरी और चौथी पिकिंग नहीं हो पाई थी जिस कारण चालू सीजन में उत्पादन में कमी आई है।
उद्योग ने अभी तक 36 लाख गांठ की उत्पादन में की है कमी
सीएआई ने कपास सीजन के आरंभ में अक्टूबर 2018 में 348 लाख गांठ कपास के उत्पादन का अनुमान जारी किया था, उसके बाद से अभी इसमें पांच बार में 36 लाख गांठ की कटौती की जा चुकी है। उद्योग के नए अनुमान के अनुसार प्रमुख उत्पादक राज्य महाराष्ट्र में 71 लाख गांठ कपास का उत्पादन ही होने का अनुमान है पिछले साल महाराष्ट्र में 83 लाख गांठ का उत्पादन हुआ था। इसके अलावा तेलंगाना में 35.50 लाख गांठ, आंध्रप्रदेश में 12 और मध्य प्रदेश में 23.18 लाख गांठ कपास के उत्पादन का अनुमान है। पिछले साल इन राज्यों में क्रमश: 51.50, 18.50 और 21.50 लाख गांठ का उत्पादन हुआ था। गुजरात में कपास का उत्पादन 86 लाख गांठ और उत्तर भारत के राज्यों में 59 लाख गांठ के उत्पादन का अनुमान है।
जून अंत तक 303.56 लाख गांठ का हो चुका है आयात
पहली अक्टूबर 2018 से शुरू हुए चालू सीजन में 30 जून तक उत्पादक मंडियों में 303.56 लाख गांठ कपास की आवक हो चुकी है। चालू सीजन में उत्पादन में कमी आने का असर निर्यात पर भी पड़ेगा। चालू सीजन में निर्यात घटकर 46 लाख गांठ ही होने का अनुमान है जबकि पिछले साल 69 लाख गांठ कपास का निर्यात हुआ था। उद्योग के अनुसार चालू सीजन में कपास का कुल आयात बढ़कर 31 लाख गांठ होने का अनुमान है जबकि पिछले साल 15 लाख गांठ का ही आयात हुआ था। पहली अक्टूबर 2018 से 30 जून 2019 तक 11.28 लाख गांठ कपास का आयात हो चुका है तथा निर्यात 44.10 लाख गांठ का हुआ है।
नए सीजन के समय बकाया होगा कम
उद्योग के अनुसार चालू सीजन के अंत में 30 सितंबर 2019 को घरेलू मंडियों में कपास का बकाया स्टॉक घटकर केवल 15 लाख गांठ ही बचने का अनुमान है जबकि पिछले साल नई फसल की आवक के समय बकाया स्टॉक 28 लाख गांठ का था।....आर एस राणा
नई दिल्ली। चालू फसल सीजन में उद्योग पहली अक्टूबर 2018 से अभी तक छह बार कपास उत्पादन अनुमान में कटौती कर चुका है। ताजा अनुमान के अनुसार चालू फसल सीजन 2018-19 में कपास का उत्पादन घटकर 312 लाख गांठ (एक गांठ-170 किलोग्राम) ही होने का अनुमान है जबकि इससे पहले 315 लाख गांठ का अनुमान था। पिछले साल देश में 365 लाख गांठ का उत्पादन हुआ था।
कॉटन एसोसिएशन आफ इंडिया (सीएआई) के अध्यक्ष अतुल एस. गणात्रा के अनुसार पानी की कमी के कारण कई राज्यों में कपास की तीसरी और चौथी पिकिंग नहीं हो पाई थी जिस कारण चालू सीजन में उत्पादन में कमी आई है।
उद्योग ने अभी तक 36 लाख गांठ की उत्पादन में की है कमी
सीएआई ने कपास सीजन के आरंभ में अक्टूबर 2018 में 348 लाख गांठ कपास के उत्पादन का अनुमान जारी किया था, उसके बाद से अभी इसमें पांच बार में 36 लाख गांठ की कटौती की जा चुकी है। उद्योग के नए अनुमान के अनुसार प्रमुख उत्पादक राज्य महाराष्ट्र में 71 लाख गांठ कपास का उत्पादन ही होने का अनुमान है पिछले साल महाराष्ट्र में 83 लाख गांठ का उत्पादन हुआ था। इसके अलावा तेलंगाना में 35.50 लाख गांठ, आंध्रप्रदेश में 12 और मध्य प्रदेश में 23.18 लाख गांठ कपास के उत्पादन का अनुमान है। पिछले साल इन राज्यों में क्रमश: 51.50, 18.50 और 21.50 लाख गांठ का उत्पादन हुआ था। गुजरात में कपास का उत्पादन 86 लाख गांठ और उत्तर भारत के राज्यों में 59 लाख गांठ के उत्पादन का अनुमान है।
जून अंत तक 303.56 लाख गांठ का हो चुका है आयात
पहली अक्टूबर 2018 से शुरू हुए चालू सीजन में 30 जून तक उत्पादक मंडियों में 303.56 लाख गांठ कपास की आवक हो चुकी है। चालू सीजन में उत्पादन में कमी आने का असर निर्यात पर भी पड़ेगा। चालू सीजन में निर्यात घटकर 46 लाख गांठ ही होने का अनुमान है जबकि पिछले साल 69 लाख गांठ कपास का निर्यात हुआ था। उद्योग के अनुसार चालू सीजन में कपास का कुल आयात बढ़कर 31 लाख गांठ होने का अनुमान है जबकि पिछले साल 15 लाख गांठ का ही आयात हुआ था। पहली अक्टूबर 2018 से 30 जून 2019 तक 11.28 लाख गांठ कपास का आयात हो चुका है तथा निर्यात 44.10 लाख गांठ का हुआ है।
नए सीजन के समय बकाया होगा कम
उद्योग के अनुसार चालू सीजन के अंत में 30 सितंबर 2019 को घरेलू मंडियों में कपास का बकाया स्टॉक घटकर केवल 15 लाख गांठ ही बचने का अनुमान है जबकि पिछले साल नई फसल की आवक के समय बकाया स्टॉक 28 लाख गांठ का था।....आर एस राणा
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