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14 जुलाई 2019

कमजोर मानसून से खरीफ फसलों की बुआई 8.61 फीसदी पिछड़ी, दलहन पर असर ज्यादा

आर एस राणा
नई दिल्ली। आधा जुलाई बीतने को है लेकिन देश के कई राज्यों में मानसूनी बारिश सामान्य से कम होने के कारण खरीफ फसलों की बुआई 8.61 फीसदी पिछड़ कर 413.34 लाख हेक्टेयर में ही हो पाई है जबकि पिछले साल इस समय तक 452.30 लाख हेक्टयेर में हो चुकी थी। दलहन की बुआई में सबसे ज्यादा 25.16 फीसदी की कमी आई है। पहली जून से 12 जुलाई तक देशभर में बारिश सामान्य से 12 फीसदी कम हुई है तथा आगे भी बारिश कम हुई तो इसका असर महंगाई पर भी पड़ने की आशंका है।
भारतीय मौसम विभाग (आईएमडी) के अनुसार चालू मानसूनी सीजन में पहली जून से 12 जुलाई तक देशभर में मानसूनी बारिश सामान्य से 12 फीसदी कम दर्ज की गई। इस दौरान सामान्यत: 270.09 मिलीमीटर बारिश होती है जबकि चालू खरीफ में 239.2 मिलीमीटर ही बारिश हुई है। इस दौरान आंध्रप्रदेश, तेलंगाना, तमिलनाडु, केरल और गुजरात के साथ ही हरियाणा, उत्तराखंड, पंजाब और हिमाचल प्रदेश में बारिश कम होने के कारण इन राज्यों के किसानों की चिंता बढ़ गई है।
दलहन उत्पादक राज्यों में हुई है सामान्य से कम बारिश
पूर्व कृषि सचिव सिराज हुसैन ने कहा कि जिन राज्यों में दालों का उत्पादन ज्यादा होता है उन राज्यों में बारिश सामान्य से कम हुई है। गुजरात में भी बारिश सामान्य से कम हुई है जिसका असर मूंगफली की बुआई पर पड़ेगा। मोटे अनाजों में मक्का का उत्पादन भी प्रभावित होने की आशंका है। उन्होंने कहा कि आगामी दिनों में भी बारिश कम हुई तो फिर दलहन, तिलहन के साथ ही मोटे अनाजों खासकर के मक्का के उत्पादन पर असर पड़ेगा, जिस कारण खाद्य तेलों के साथ ही दालों के आयात पर निर्भरता बढ़ेगी। इसका असर आगे महंगाई पर भी पड़ने की आशंका है।
15 जुलाई के बाद भी कम हुई बारिश तो उत्पादन पर पड़ेगा असर
काउंसिल फॉर सोशल डेवलपमेंट में प्रोफेसर और कृषि लागत एवं मूल्य आयोग के पूर्व चेयरमैन डॉ. टी हक ने कहा कि खरीफ फसलों की बुआई अभी तो पिछे चल रही है लेकिन उत्पादन का अनुमान लगाना अभी जल्द—बाजी होगा। कई राज्यों में बारिश अच्छी हो रही है तथा 15 जुलाई तक कुछ और राज्यों में भी बारिश होने का अनुमान है। हां अगर 15 जुलाई के बाद मानसूनी बारिश कम होती है, तो फिर फसलों के उत्पादन पर असर पड़ सकता है।
दलहन के साथ धान की रोपाई कम
कृषि मंत्रालय के अनुसार चालू खरीफ में दालों की बुआई घटकर 34.22 लाख हेक्टेयर में ही पाई है जोकि पिछले साल की समान अवधि के मुकाबले 25.16 फीसदी पिछे है। पिछले साल इस समय तक देशभर में 45.73 लाख हेक्टेयर में दालों की बुआई हो चुकी थी। खरीफ की प्रमुख फसल धान की रोपाई चालू खरीफ में अभी तक केवल 97.77 लाख हेक्टेयर में ही हो पाई है जबकि पिछले साल इस समय तक 109.88 लाख हेक्टेयर में रोपाई हो चुकी थी।
मोटे अनाज की बुआई घटी
मोटे अनाजों की बुआई पिछले साल के 76.22 लाख हेक्टेयर की तुलना में चालू खरीफ में अभी तक केवल 71.17 लाख हेक्टेयर में ही हुई है। मोटे अनाजों में मक्का की बुआई चालू खरीफ में अभी तक केवल 40.47 लाख हेक्टेयर में ही हुई है जबकि पिछले साल इस समय तक 41.59 लाख हेक्टेयर में हो चुकी थी। बाजरा की बुआई भी चालू खरीफ में घटकर 23.05 लाख हेक्टेयर में ही हो पाई है जबकि पिछले साल इस समय तक 24.45 लाख हेक्टेयर में ही बुवाई हो पाई है।
गन्ने की बुआई कम, कपास की थोड़ी बढ़ी
तिलहन की बुआई चालू खरीफ में अभी तक केवल 75.68 लाख हेक्टेयर में ही हो पाई है जबकि पिछले साल इस समय तक 83.78 लाख हेक्टेयर में बुआई हो चुकी थी। तिलहन में सोयाबीन की बुआई पिछले साल के 64.08 लाख हेक्टेयर से घटकर 51.94 लाख हेक्टेयर में ही हो पाई है।  कपास की बुआई जरुर चालू खरीफ में पिछले साल के 77.50 लाख हेक्टेयर से थोड़ी सुधरकर 77.71 लाख हेक्टेयर में हो चुकी है। गन्ने की बुआई चालू खरीफ में 49.98 लाख हेक्टेयर में ही हुई है जबकि पिछले साल इस समय तक 52.04 लाख हेक्टेयर में बुआई हो चुकी थी।.............  आर एस राणा

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