आर एस राणा
नई दिल्ली। वर्ष 2022 तक किसानों की आय दोगुनी करने का लक्ष्य लेकर चल रही केंद्र सरकार ने कृषि में व्यापाक बदलाव लाने के उपाय सुझाने के लिए उच्च स्तरीय समिति का गठन किया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा गठित समिति के संयोजक महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेन्द्र फड़नवीस होंगे तथा समिति दो माह में अपनी रिपोर्ट देगी।
उच्च स्तरीय समिति में नीति आयोग में कृषि मामले देखने वाले सदस्य रमेश चंद बतौर सदस्य-सचिव शामिल होंगे। इसके अलावा कर्नाटक के मुख्यमंत्री एच डी कुमारास्वामी, हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर, अरुणाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री पेमा खांडू, गुजरात के मुख्यमंत्री विजय रूपानी, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ और कृषि मंत्री नरेंद्र तोमर इस समिति के सदस्य होंगे। समिति अधिसूचना जारी होने के दो माह के भीतर रिपोर्ट देगी।
कृषि क्षेत्र में बदलाव तथा किसानों की आय दोगुनी करने पर रहेगा जोर
पिछले महीने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई नीति आयोग की गवर्निंग काउंसिल की बैठक में यह समिति गठित करने का निर्णय किया गया था। समिति कृषि क्षेत्र में बदलाव और किसानों की आय दोगुनी करने के मुद्दे पर विचार करेगी और राज्यों द्वारा समयबद्ध ढंग से सुधारों को लागू करने की रूपरेखा सुझायेगी।
आवश्यक वस्तु अधिनियम 1955 के प्रावधानों की करेगी समीक्षा
समिति आवश्यक वस्तु अधिनियम (ईसीए) 1955 के विभिन्न प्रावधानों की भी समीक्षा करेगी। साथ ही कृषि विपणन और बुनियादी ढांचा क्षेत्र में निजी निवेश आकर्षित करने के लिए ईसीए में बदलाव के सुझाव देगी। साथ ही समिति कृषि निर्यात को बढ़ाने, खाद्य प्रसंस्करण में वृद्धि को गति देने, आधुनिक बाजार ढांचागत सुविधा, मूल्य श्रृंखला और लॉजिस्टिक में निवेश आकर्षित करने के बारे में भी सुझाव देगी। इसके अलावा समिति कृषि प्रौद्योगिकी को बेहतर करने और किसानों के लिए बेहतर गुणवत्ता वाले बीज, कृषि उपकरण आदि की उपलब्धता सुनिश्चित करने पर भी सुझाव देगी।
एग्री उत्पादों के निर्यात को बढ़ावा देने के साथ विश्वस्तरीय प्रौद्योगिकी पर देगी सुझाव
इसके अलावा समिति कृषि मार्केटिंग एवं ढांचागत सुविधाओं में निजी निवेश आकर्षित करने के लिए आवश्यक वस्तु अधिनियम 1955 के कुछ प्रावधानों में संशोधन पर भी विचार करेगी। साथ ही यह समिति ई-नाम और ग्राम यानी जीआरएएम जैसी केंद्र प्रायोजित योजनाओं को कृषि में बाजार सुधारों के साथ लिंक करने का तंत्र भी सुझायेगी। समिति कृषि वस्तुओं के निर्यात को बढ़ावा देने के लिए उपाय भी सुझायेगी। इसके अलावा किसानों को विश्वस्तरीय प्रौद्योगिकी उपलब्ध कराने, बीज उपलब्ध कराने के संबंध में भी समिति अपने सुझाव देगी।........... आर एस राणा
नई दिल्ली। वर्ष 2022 तक किसानों की आय दोगुनी करने का लक्ष्य लेकर चल रही केंद्र सरकार ने कृषि में व्यापाक बदलाव लाने के उपाय सुझाने के लिए उच्च स्तरीय समिति का गठन किया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा गठित समिति के संयोजक महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेन्द्र फड़नवीस होंगे तथा समिति दो माह में अपनी रिपोर्ट देगी।
उच्च स्तरीय समिति में नीति आयोग में कृषि मामले देखने वाले सदस्य रमेश चंद बतौर सदस्य-सचिव शामिल होंगे। इसके अलावा कर्नाटक के मुख्यमंत्री एच डी कुमारास्वामी, हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर, अरुणाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री पेमा खांडू, गुजरात के मुख्यमंत्री विजय रूपानी, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ और कृषि मंत्री नरेंद्र तोमर इस समिति के सदस्य होंगे। समिति अधिसूचना जारी होने के दो माह के भीतर रिपोर्ट देगी।
कृषि क्षेत्र में बदलाव तथा किसानों की आय दोगुनी करने पर रहेगा जोर
पिछले महीने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई नीति आयोग की गवर्निंग काउंसिल की बैठक में यह समिति गठित करने का निर्णय किया गया था। समिति कृषि क्षेत्र में बदलाव और किसानों की आय दोगुनी करने के मुद्दे पर विचार करेगी और राज्यों द्वारा समयबद्ध ढंग से सुधारों को लागू करने की रूपरेखा सुझायेगी।
आवश्यक वस्तु अधिनियम 1955 के प्रावधानों की करेगी समीक्षा
समिति आवश्यक वस्तु अधिनियम (ईसीए) 1955 के विभिन्न प्रावधानों की भी समीक्षा करेगी। साथ ही कृषि विपणन और बुनियादी ढांचा क्षेत्र में निजी निवेश आकर्षित करने के लिए ईसीए में बदलाव के सुझाव देगी। साथ ही समिति कृषि निर्यात को बढ़ाने, खाद्य प्रसंस्करण में वृद्धि को गति देने, आधुनिक बाजार ढांचागत सुविधा, मूल्य श्रृंखला और लॉजिस्टिक में निवेश आकर्षित करने के बारे में भी सुझाव देगी। इसके अलावा समिति कृषि प्रौद्योगिकी को बेहतर करने और किसानों के लिए बेहतर गुणवत्ता वाले बीज, कृषि उपकरण आदि की उपलब्धता सुनिश्चित करने पर भी सुझाव देगी।
एग्री उत्पादों के निर्यात को बढ़ावा देने के साथ विश्वस्तरीय प्रौद्योगिकी पर देगी सुझाव
इसके अलावा समिति कृषि मार्केटिंग एवं ढांचागत सुविधाओं में निजी निवेश आकर्षित करने के लिए आवश्यक वस्तु अधिनियम 1955 के कुछ प्रावधानों में संशोधन पर भी विचार करेगी। साथ ही यह समिति ई-नाम और ग्राम यानी जीआरएएम जैसी केंद्र प्रायोजित योजनाओं को कृषि में बाजार सुधारों के साथ लिंक करने का तंत्र भी सुझायेगी। समिति कृषि वस्तुओं के निर्यात को बढ़ावा देने के लिए उपाय भी सुझायेगी। इसके अलावा किसानों को विश्वस्तरीय प्रौद्योगिकी उपलब्ध कराने, बीज उपलब्ध कराने के संबंध में भी समिति अपने सुझाव देगी।........... आर एस राणा
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