आर एस राणा
नई दिल्ली। जुलाई का पहला सप्ताह बीतने के बावजूद भी उत्तर भारत के प्रमुख धान उत्पादक राज्यों पंजाब, हरियाणा के साथ ही उत्तर प्रदेश में मानसूनी बारिश कम होने से धान किसानों को ट्यूबवैलों से रोपाई करनी पड़ रही है जिससे उनकी लागत बढ़ गई है। पहली जून से 7 जुलाई तक हरियाणा में मानसूनी बारिश सामान्य से 55 फीसदी, पंजाब में 50 फीसदी और उत्तर प्रदेश में 42 फीसदी कम हुई है।
भारतीय मौसम विभाग (आईएमडी) के अनुसार पंजाब, हरियाणा और उत्तर प्रदेश के कई हिस्सों में मानसून पहुंच चुका है लेकिन इन राज्यों में चालू सीजन में मानसूनी बारिश अभी तक सामान्य से कम हुई है। पंजाब में पहली जून से 7 जुलाई तक सामान्यत: 80 मिलीमीटर बारिश होती है जबकि चालू सीजन में अभी तक केवल 40.2 मिलीमीटर बारिश ही हुई है, इसी तरह से हरियाणा में इस दौरान 70.6 मिलीमीटर बारिश होती है जबकि अभी तक हुई है केवल 31.4 मिलीमीटर ही। इसी तरह से चालू मानसूनी सीजन में उत्तर प्रदेश में पहली जून से 7 जुलाई तक 80 मिलीमीटर बारिश ही हुई है जबकि सामान्य इस दौरान राज्य में 138.5 मिलीमीटर बारिश होती है।
बारिश नहीं होने से ट्यूबवैल चलाकर कर रहे हैं किसान धान की रोपाई
हरियाणा के सोनीपत जिले के गोहाना के किसान राजेश कुमार ने बताया कि जून के अंत तक बारिश हो जाती है, जिससे धान की रोपाई भी शुरू हो जाती है लेकिन इस बार जुलाई का पहला सप्ताह बीच चुका है लेकिन बारिश नहीं हुई है। पांच एकड़ में पूसा-1,121 की रोपाई के लिए धान की पौध तैयार कर रखी है, लेकिन बारिश नहीं होने के कारण अभी तक ट्यूबवैल से दो एकड़ में ही रोपाई की है। धान के खेत में पानी ज्यादा चाहिए, इसलिए ट्यूबवैल लगातार चलाना पड़ रहा है, जिससे डीजल खर्च बढ़ गया है। उत्तर प्रदेश के अमरोहा जिले के किसान जोगिंद्र आर्य ने बताया कि अभी बारिश नाममात्र की ही हुई है जबकि धान की नर्सरी तैयार हो चुकी है ऐसे में बारिश नहीं के कारण ट्यूबवैल से सिंचाई कर रोपाई की जा रही है।
हरियाणा और उत्तर प्रदेश में रोपाई पिछड़ी
कृषि मंत्रालय के अनुसार चालू खरीफ सीजन में हरियाणा में धान की रोपाई अभी तक केवल 2.51 लाख हेक्टेयर में ही हो पाई है जबकि पिछले साल इस समय तक 4.71 लाख हेक्टेयर में रोपाई हो चुकी थी। उत्तर प्रदेश में भी चालू सीजन में धान की रोपाई 3.15 लाख हेक्टेयर में ही हुई है जबकि पिछले साल की समान अवधि में 7.10 हेक्टेयर में हो चुकी थी। पंजाब में जरुर चालू सीजन में धान की रोपाई बढ़कर 21.07 लाख हेक्टेयर में हुई है जोकि पिछले साल की समान अवधि के 19.06 लाख हेक्टेयर से ज्यादा है। ........ आर एस राणा
नई दिल्ली। जुलाई का पहला सप्ताह बीतने के बावजूद भी उत्तर भारत के प्रमुख धान उत्पादक राज्यों पंजाब, हरियाणा के साथ ही उत्तर प्रदेश में मानसूनी बारिश कम होने से धान किसानों को ट्यूबवैलों से रोपाई करनी पड़ रही है जिससे उनकी लागत बढ़ गई है। पहली जून से 7 जुलाई तक हरियाणा में मानसूनी बारिश सामान्य से 55 फीसदी, पंजाब में 50 फीसदी और उत्तर प्रदेश में 42 फीसदी कम हुई है।
भारतीय मौसम विभाग (आईएमडी) के अनुसार पंजाब, हरियाणा और उत्तर प्रदेश के कई हिस्सों में मानसून पहुंच चुका है लेकिन इन राज्यों में चालू सीजन में मानसूनी बारिश अभी तक सामान्य से कम हुई है। पंजाब में पहली जून से 7 जुलाई तक सामान्यत: 80 मिलीमीटर बारिश होती है जबकि चालू सीजन में अभी तक केवल 40.2 मिलीमीटर बारिश ही हुई है, इसी तरह से हरियाणा में इस दौरान 70.6 मिलीमीटर बारिश होती है जबकि अभी तक हुई है केवल 31.4 मिलीमीटर ही। इसी तरह से चालू मानसूनी सीजन में उत्तर प्रदेश में पहली जून से 7 जुलाई तक 80 मिलीमीटर बारिश ही हुई है जबकि सामान्य इस दौरान राज्य में 138.5 मिलीमीटर बारिश होती है।
बारिश नहीं होने से ट्यूबवैल चलाकर कर रहे हैं किसान धान की रोपाई
हरियाणा के सोनीपत जिले के गोहाना के किसान राजेश कुमार ने बताया कि जून के अंत तक बारिश हो जाती है, जिससे धान की रोपाई भी शुरू हो जाती है लेकिन इस बार जुलाई का पहला सप्ताह बीच चुका है लेकिन बारिश नहीं हुई है। पांच एकड़ में पूसा-1,121 की रोपाई के लिए धान की पौध तैयार कर रखी है, लेकिन बारिश नहीं होने के कारण अभी तक ट्यूबवैल से दो एकड़ में ही रोपाई की है। धान के खेत में पानी ज्यादा चाहिए, इसलिए ट्यूबवैल लगातार चलाना पड़ रहा है, जिससे डीजल खर्च बढ़ गया है। उत्तर प्रदेश के अमरोहा जिले के किसान जोगिंद्र आर्य ने बताया कि अभी बारिश नाममात्र की ही हुई है जबकि धान की नर्सरी तैयार हो चुकी है ऐसे में बारिश नहीं के कारण ट्यूबवैल से सिंचाई कर रोपाई की जा रही है।
हरियाणा और उत्तर प्रदेश में रोपाई पिछड़ी
कृषि मंत्रालय के अनुसार चालू खरीफ सीजन में हरियाणा में धान की रोपाई अभी तक केवल 2.51 लाख हेक्टेयर में ही हो पाई है जबकि पिछले साल इस समय तक 4.71 लाख हेक्टेयर में रोपाई हो चुकी थी। उत्तर प्रदेश में भी चालू सीजन में धान की रोपाई 3.15 लाख हेक्टेयर में ही हुई है जबकि पिछले साल की समान अवधि में 7.10 हेक्टेयर में हो चुकी थी। पंजाब में जरुर चालू सीजन में धान की रोपाई बढ़कर 21.07 लाख हेक्टेयर में हुई है जोकि पिछले साल की समान अवधि के 19.06 लाख हेक्टेयर से ज्यादा है। ........ आर एस राणा
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