आर एस राणा
नई दिल्ली। तमिलनाडु सरकार ने केंद्र सरकार से राज्य के मुर्गीपालकों के लिए शून्य शुल्क पर मक्का के आयात की अनुमति मांगी है। दक्षिण भारत के राज्यों में फाल आर्मी वर्म कीट के प्रकोप से मक्का की फसल को नुकसान हुआ था जिसकी वजह से उपलब्धता कम है।
राज्य के मुख्यमंत्री के पलानीस्वामी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखा है कि तमिलनाडु, आंध्रप्रदेश, तेलंगाना और कर्नाटक में फाल आर्मी वर्म कीट के प्रकोप से मक्का की फसल को भारी नुकसान हुआ था जिस कारण पोल्ट्री किसानों को कठिनाईयों का सामना करना पड़ रहा है। उन्होंने लिखा है कि सरकार शून्य शुल्क पर मक्का के आयात की अनुमति दे।
तमिलनाडु में अगले पांच महीनों में 20 लाख टन की होगी जरुरत
उन्होंने पत्र में लिखा है कि मक्का की कीमतें तेज होने के कारण मूर्गी और अंडे की कीमतों में भी तेजी आई है, अत: कीमतों को काबू में रखने के लिए आयात की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार ने 15 फीसदी आयात शुल्क की दर से एक लाख टन मक्का के आयात की अनुमति दी है, यह मात्रा पर्याप्त नहीं है क्योंकि तमिलनाडु में अगले पांच महीनों में मांग और आपूर्ति का अंतर 10 लाख टन है। तमिलनाडु एक प्रमुख पोल्ट्री उत्पादक राज्य है, यहां के पश्चिम भाग में नमक्कल बेल्ड अंडे का प्रमुख आपूर्ति केंद्र है। राज्य में मक्का की उलब्धता कम होने के कारण पोल्ट्री किसानों को उंचे दामों पर खरीद करनी पड़ रही है।
केंद्र सरकार दे चुकी है पांच लाख टन मक्का आयात की अनुमति
केंद्र सरकार ने हाल ही में चार लाख टन मक्का का आयात करने की अनुमति दी गई थी, इसका आयात 15 फीसदी शुल्क पर किया जाना है, साथ ही आयात केवल पोल्ट्री कंपनियों द्वारा ही किया जायेगा। डीजीएफटी के अनुसार व्यापार के लिए मक्का का आयात नहीं किया जायेगा। आयात करने के लिए कपंनियों को 31 अगस्त 2019 तक आवेदन करना होगा। इससे पहले जून 2019 में केंद्र सरकार ने एक लाख टन मक्का के आयात की अनुमति दी थी। सरकार ने कहा था कि अनुसार कर्नाटक सरकार की मुर्गी दाना मक्का की मांग को देखते हुए आयात कोटा बढ़ाये जाने की मांग की थी।
रबी में उत्पादन अनुमान कम
कृषि मंत्रालय के तीसरे आरंभिक अनुमान के अनुसार फसल सीजन 2018-19 में रबी सीजन में मक्का का उत्पादन घटकर 70.19 लाख टन ही होने का अनुमान है जबकि पिछले साल रबी में 80.63 लाख टन का उत्पादन हुआ था। देश में खरीफ में मक्का का ज्यादा उत्पादन होता है। फसल सीजन 2018-19 में खरीफ और रबी सीजन को मिलाकर कुल उत्पादन 278.2 लाख टन होने का अनुमान है जबकि पिछले साल 287.5 लाख टन का उत्पादन हुआ था।....... आर एस राणा
नई दिल्ली। तमिलनाडु सरकार ने केंद्र सरकार से राज्य के मुर्गीपालकों के लिए शून्य शुल्क पर मक्का के आयात की अनुमति मांगी है। दक्षिण भारत के राज्यों में फाल आर्मी वर्म कीट के प्रकोप से मक्का की फसल को नुकसान हुआ था जिसकी वजह से उपलब्धता कम है।
राज्य के मुख्यमंत्री के पलानीस्वामी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखा है कि तमिलनाडु, आंध्रप्रदेश, तेलंगाना और कर्नाटक में फाल आर्मी वर्म कीट के प्रकोप से मक्का की फसल को भारी नुकसान हुआ था जिस कारण पोल्ट्री किसानों को कठिनाईयों का सामना करना पड़ रहा है। उन्होंने लिखा है कि सरकार शून्य शुल्क पर मक्का के आयात की अनुमति दे।
तमिलनाडु में अगले पांच महीनों में 20 लाख टन की होगी जरुरत
उन्होंने पत्र में लिखा है कि मक्का की कीमतें तेज होने के कारण मूर्गी और अंडे की कीमतों में भी तेजी आई है, अत: कीमतों को काबू में रखने के लिए आयात की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार ने 15 फीसदी आयात शुल्क की दर से एक लाख टन मक्का के आयात की अनुमति दी है, यह मात्रा पर्याप्त नहीं है क्योंकि तमिलनाडु में अगले पांच महीनों में मांग और आपूर्ति का अंतर 10 लाख टन है। तमिलनाडु एक प्रमुख पोल्ट्री उत्पादक राज्य है, यहां के पश्चिम भाग में नमक्कल बेल्ड अंडे का प्रमुख आपूर्ति केंद्र है। राज्य में मक्का की उलब्धता कम होने के कारण पोल्ट्री किसानों को उंचे दामों पर खरीद करनी पड़ रही है।
केंद्र सरकार दे चुकी है पांच लाख टन मक्का आयात की अनुमति
केंद्र सरकार ने हाल ही में चार लाख टन मक्का का आयात करने की अनुमति दी गई थी, इसका आयात 15 फीसदी शुल्क पर किया जाना है, साथ ही आयात केवल पोल्ट्री कंपनियों द्वारा ही किया जायेगा। डीजीएफटी के अनुसार व्यापार के लिए मक्का का आयात नहीं किया जायेगा। आयात करने के लिए कपंनियों को 31 अगस्त 2019 तक आवेदन करना होगा। इससे पहले जून 2019 में केंद्र सरकार ने एक लाख टन मक्का के आयात की अनुमति दी थी। सरकार ने कहा था कि अनुसार कर्नाटक सरकार की मुर्गी दाना मक्का की मांग को देखते हुए आयात कोटा बढ़ाये जाने की मांग की थी।
रबी में उत्पादन अनुमान कम
कृषि मंत्रालय के तीसरे आरंभिक अनुमान के अनुसार फसल सीजन 2018-19 में रबी सीजन में मक्का का उत्पादन घटकर 70.19 लाख टन ही होने का अनुमान है जबकि पिछले साल रबी में 80.63 लाख टन का उत्पादन हुआ था। देश में खरीफ में मक्का का ज्यादा उत्पादन होता है। फसल सीजन 2018-19 में खरीफ और रबी सीजन को मिलाकर कुल उत्पादन 278.2 लाख टन होने का अनुमान है जबकि पिछले साल 287.5 लाख टन का उत्पादन हुआ था।....... आर एस राणा
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