आर एस राणा
नई दिल्ली। पेराई सीजन समाप्त हुए लगभग महीनाभर बीतने के बावजूद भी उत्तर प्रदेश की चीनी मिलों पर गन्ना किसानों का बकाया 9,216 करोड़ रुपये बचा हुआ है। सबसे ज्यादा बकाया राज्य की 92 प्राइवेट चीनी पर करीब 8,734 करोड़ रुपये है। गन्ने का बकाया भुगतान होने के कारण किसानों को आर्थिक दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है।
यूपी शुगर मिल्स एसोसिएशन के अनुसार राज्य की चीनी मिलों ने पहली अक्टूबर 2018 से शुरू हुए चालू पेराई सीजन 2018-19 (अक्टूबर-सितंबर) के दौरान 33,036 करोड़ रुपये का गन्ना किसानों से खरीदा है जिसमें से 12 जुलाई तक भुगतान केवल 23,819 करोड़ रुपये का ही किया है। अत: राज्य की चीनी मिलों पर चालू पेराई सीजन का किसानों का बकाया 9,216 करोड़ रुपये बचा हुआ है जबकि इसके पेराई सीजन 2017-18 का भी 46.23 करोड़ रुपये और पेराई सीजन 2016-17 का 22.29 करोड़ रुपये अभी भी चीनी मिलों पर बकाया है।
बकाया भुगतान नहीं होने से किसान परेशान
राज्य में चालू पेराई सीजन में 119 चीनी मिलों में पेराई चल रही थी जिनमें से 92 प्राइवेट चीनी मिलों पर किसानों का बकाया 8,734 करोड़ रुपये और राज्य की 24 को-ऑपरेटिव चीनी मिलों पर 435 करोड़ रुपये और तीन कॉरपोरेशन मिलों पर बकाया की राशि 46 करोड़ रुपये है। उत्तर प्रदेश के अमरोह जिले के देहराचक गांव के गन्ना किसान जोगिंद्र आर्य ने आउटलुक को बताया कि वेव शुगर मिल ने मार्च के बाद से किसानों को भुगतान नहीं किया है जबकि मिल ने 15 मई तक गन्ने की खरीद की थी। मेरा अपना चीनी मिल पर 75,000 रुपये बकाया है। बकाया नहीं मिलने के कारण बच्चे के स्कूल में एडमिशन नहीं करा पा रहे हैं, साथ ही खरीफ फसलों की बुवाई के लिए बीज, खाद भी नहीं खरीद पा रहे हैं। जिस कारण भारी आर्थिक परेशानी उठानी पड़ रही है।
गन्ने की बुवाई ज्यादा
चालू पेराई सीजन में राज्य में चीनी का 118.23 लाख टन का उत्पादन हुआ है जबकि पिछले पेराई सीजन में चीनी का उत्पादन 120.50 लाख टन का हुआ था। कृषि मंत्रालय के अनुसार चालू सीजन में उत्तर प्रदेश में गन्ने की बुआई 23.24 लाख हेक्टयेर में हो चुकी है जबकि पिछले साल की समान अवधि में 22.92 लाख हेक्टेयर में ही बुआई हो पाई थी।.............. आर एस राणा
नई दिल्ली। पेराई सीजन समाप्त हुए लगभग महीनाभर बीतने के बावजूद भी उत्तर प्रदेश की चीनी मिलों पर गन्ना किसानों का बकाया 9,216 करोड़ रुपये बचा हुआ है। सबसे ज्यादा बकाया राज्य की 92 प्राइवेट चीनी पर करीब 8,734 करोड़ रुपये है। गन्ने का बकाया भुगतान होने के कारण किसानों को आर्थिक दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है।
यूपी शुगर मिल्स एसोसिएशन के अनुसार राज्य की चीनी मिलों ने पहली अक्टूबर 2018 से शुरू हुए चालू पेराई सीजन 2018-19 (अक्टूबर-सितंबर) के दौरान 33,036 करोड़ रुपये का गन्ना किसानों से खरीदा है जिसमें से 12 जुलाई तक भुगतान केवल 23,819 करोड़ रुपये का ही किया है। अत: राज्य की चीनी मिलों पर चालू पेराई सीजन का किसानों का बकाया 9,216 करोड़ रुपये बचा हुआ है जबकि इसके पेराई सीजन 2017-18 का भी 46.23 करोड़ रुपये और पेराई सीजन 2016-17 का 22.29 करोड़ रुपये अभी भी चीनी मिलों पर बकाया है।
बकाया भुगतान नहीं होने से किसान परेशान
राज्य में चालू पेराई सीजन में 119 चीनी मिलों में पेराई चल रही थी जिनमें से 92 प्राइवेट चीनी मिलों पर किसानों का बकाया 8,734 करोड़ रुपये और राज्य की 24 को-ऑपरेटिव चीनी मिलों पर 435 करोड़ रुपये और तीन कॉरपोरेशन मिलों पर बकाया की राशि 46 करोड़ रुपये है। उत्तर प्रदेश के अमरोह जिले के देहराचक गांव के गन्ना किसान जोगिंद्र आर्य ने आउटलुक को बताया कि वेव शुगर मिल ने मार्च के बाद से किसानों को भुगतान नहीं किया है जबकि मिल ने 15 मई तक गन्ने की खरीद की थी। मेरा अपना चीनी मिल पर 75,000 रुपये बकाया है। बकाया नहीं मिलने के कारण बच्चे के स्कूल में एडमिशन नहीं करा पा रहे हैं, साथ ही खरीफ फसलों की बुवाई के लिए बीज, खाद भी नहीं खरीद पा रहे हैं। जिस कारण भारी आर्थिक परेशानी उठानी पड़ रही है।
गन्ने की बुवाई ज्यादा
चालू पेराई सीजन में राज्य में चीनी का 118.23 लाख टन का उत्पादन हुआ है जबकि पिछले पेराई सीजन में चीनी का उत्पादन 120.50 लाख टन का हुआ था। कृषि मंत्रालय के अनुसार चालू सीजन में उत्तर प्रदेश में गन्ने की बुआई 23.24 लाख हेक्टयेर में हो चुकी है जबकि पिछले साल की समान अवधि में 22.92 लाख हेक्टेयर में ही बुआई हो पाई थी।.............. आर एस राणा
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