आर एस राणा
नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना (पीएमएफबीवाई) को किसानों के लिए ज्यादा लाभकारी बनाने के लिए सांसदों से सुझाव मांगे हैं। कृषि मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर ने कहा कि सरकार प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना को प्रभावी एवं लाभप्रद बनाने के लिए कुछ बदलाव करने जा रही है।
लोकसभा में किसान कल्याण अनुदानों की मांग पर चर्चा का जवाब देते हुए कृषि मंत्री ने कहा कि किसानों को मजबूत सुरक्षा कवच प्रदान करना हमारी सरकार का लक्ष्य है। सरकार प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना को और प्रभावी एवं लाभप्रद बनाना चाहती है। हालांकि इस योजना में क्या बदलाव या सुधार हो सकता है, इसकी जानकारी सरकार ने अभी नहीं दी है। उन्होंने आगे बताया कि पीएम फसल बीमा योजना का पहले भी पुनर्गठन किया गया और यह प्रयास किया गया कि किसानों को कम प्रीमियम देना पड़े।
फसल बीमा योजना अभी पूर्ण नहीं
कृषि मंत्री ने कहा कि मैं और प्रधानमंत्री दोनों इस बीमा योजना को अभी पूर्ण नहीं मानते हैं। कई सदस्यों ने इस योजना के बारे में सुझाव दिए हैं। इस फसल योजना को और उपयोगी और लाभप्रद बनाया जाए, इस बारे में संसद सदस्य दो-चार दिनों में सुझाव दे सकते हैं। हम दखेंगे कि इस योजना को और सरल एवं प्रभावी कैसे बनाया जा सकता है। उन्होंने दावा किया कि 2014 से पहले की अवधि की तुलना में मोदी सरकार के पांच वर्षो के कार्यकाल में इस योजना के तहत अधिक किसानों को फसल बीमा योजना का लाभ मिला है और अधिक राशि जारी की गई है।
पांच वर्षो में किसानों को बड़े पैमाने पर ऋण दिये गए
किसानों को ऋण के संबंध में विपक्ष के आरोपों को खारिज करते हुए कृषि मंत्री ने कहा कि पिछले पांच वर्षो में किसानों को बड़े पैमाने पर ऋण दिये गए हैं। स्वामीनाथन आयोग के सुझावों को सरकार ने लागू किया है। कृषि मंत्री ने कहा कि मोदी सरकार ने स्वामिनाथन समिति के सुझाव के आधार पर किसानों को उनकी लागत का डेढ़ गुना मूल्य देने का निर्णय किया। 2014 के बाद समर्थन मूल्य के आधार पर फसलों की सर्वाधिक खरीद की गई। मंत्री ने कहा कि हमें रासायनिक उर्वरकों के उपयोग को कम करना होगा और इस उद्देश्य के लिये जैविक खेती और शून्य बजट कृषि की ओर बढ़ना होगा। भारत सरकार इस दिशा में प्रयास कर रही है।
किसानों का खेती की तरफ आकर्षण बढ़ा
उन्होंने कहा कि पिछले पांच वर्षो में कृषि क्षेत्र का सम्मान बढ़ा है और किसानों का खेती की तरफ आकर्षण बढ़ा है साथ ही खेती में प्रौद्योगिकी का उपयोग हो रहा है। मंत्री के जवाब के बाद आरएसपी के एन के प्रेमचंदन ने अपना कटौती प्रस्ताव वापस ले लिया और सदन ने मंत्रालय से संबंधित अनुदान मांगों को ध्वनिमत से पारित कर दिया।........... आर एस राणा
नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना (पीएमएफबीवाई) को किसानों के लिए ज्यादा लाभकारी बनाने के लिए सांसदों से सुझाव मांगे हैं। कृषि मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर ने कहा कि सरकार प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना को प्रभावी एवं लाभप्रद बनाने के लिए कुछ बदलाव करने जा रही है।
लोकसभा में किसान कल्याण अनुदानों की मांग पर चर्चा का जवाब देते हुए कृषि मंत्री ने कहा कि किसानों को मजबूत सुरक्षा कवच प्रदान करना हमारी सरकार का लक्ष्य है। सरकार प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना को और प्रभावी एवं लाभप्रद बनाना चाहती है। हालांकि इस योजना में क्या बदलाव या सुधार हो सकता है, इसकी जानकारी सरकार ने अभी नहीं दी है। उन्होंने आगे बताया कि पीएम फसल बीमा योजना का पहले भी पुनर्गठन किया गया और यह प्रयास किया गया कि किसानों को कम प्रीमियम देना पड़े।
फसल बीमा योजना अभी पूर्ण नहीं
कृषि मंत्री ने कहा कि मैं और प्रधानमंत्री दोनों इस बीमा योजना को अभी पूर्ण नहीं मानते हैं। कई सदस्यों ने इस योजना के बारे में सुझाव दिए हैं। इस फसल योजना को और उपयोगी और लाभप्रद बनाया जाए, इस बारे में संसद सदस्य दो-चार दिनों में सुझाव दे सकते हैं। हम दखेंगे कि इस योजना को और सरल एवं प्रभावी कैसे बनाया जा सकता है। उन्होंने दावा किया कि 2014 से पहले की अवधि की तुलना में मोदी सरकार के पांच वर्षो के कार्यकाल में इस योजना के तहत अधिक किसानों को फसल बीमा योजना का लाभ मिला है और अधिक राशि जारी की गई है।
पांच वर्षो में किसानों को बड़े पैमाने पर ऋण दिये गए
किसानों को ऋण के संबंध में विपक्ष के आरोपों को खारिज करते हुए कृषि मंत्री ने कहा कि पिछले पांच वर्षो में किसानों को बड़े पैमाने पर ऋण दिये गए हैं। स्वामीनाथन आयोग के सुझावों को सरकार ने लागू किया है। कृषि मंत्री ने कहा कि मोदी सरकार ने स्वामिनाथन समिति के सुझाव के आधार पर किसानों को उनकी लागत का डेढ़ गुना मूल्य देने का निर्णय किया। 2014 के बाद समर्थन मूल्य के आधार पर फसलों की सर्वाधिक खरीद की गई। मंत्री ने कहा कि हमें रासायनिक उर्वरकों के उपयोग को कम करना होगा और इस उद्देश्य के लिये जैविक खेती और शून्य बजट कृषि की ओर बढ़ना होगा। भारत सरकार इस दिशा में प्रयास कर रही है।
किसानों का खेती की तरफ आकर्षण बढ़ा
उन्होंने कहा कि पिछले पांच वर्षो में कृषि क्षेत्र का सम्मान बढ़ा है और किसानों का खेती की तरफ आकर्षण बढ़ा है साथ ही खेती में प्रौद्योगिकी का उपयोग हो रहा है। मंत्री के जवाब के बाद आरएसपी के एन के प्रेमचंदन ने अपना कटौती प्रस्ताव वापस ले लिया और सदन ने मंत्रालय से संबंधित अनुदान मांगों को ध्वनिमत से पारित कर दिया।........... आर एस राणा
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें