आर एस राणा
नई दिल्ली। मानसूनी सीजन का पहला महीना बीत चुका है, लेकिन अभी भी देशभर में बारिश सामान्य से 34 फीसदी कम हुई है जिस कारण देश के 29 राज्य एवं केंद्र शासित प्रदेशों के किसान प्रभावित हुए हैं। भारतीय मौसम विभाग के अनुसार जून में केवल 6 राज्यों में ही सामान्य बारिश दर्ज की गई है जबकि इस दौरान केवल एक राज्य में सामान्य से ज्यादा बारिश हुई है।
मौसम विभाग के अनुसार पहली जून से 29 जून तक देशभर में सामान्यत: 159 फीसदी बारिश होती है लेकिन चालू खरीफ में इस दौरान केवल 104.3 फीसदी बारिश ही हुई है। उत्तर भारत के राज्यों में मानसून का आगमन 29 जून तक हो जाता है लेकिन इस बार सप्ताहभर की देरी होने की आशंका है। उत्तर भारत में प्री-मानसून की बारिश भी सामान्य से कम हुई थी। उत्तर भारत के राज्यों सात राज्यों में बारिश सामान्य से काफी कम हुई है जबकि मध्य भारत के छह राज्यों गुजरात, महाराष्ट्र, छत्तीसगढ़, ओडिशा, मध्य प्रदेश एवं दादर एडं नगर हेवेली में बारिश सामान्य से कम हुई है। दक्षिण भारत के राज्यों में मानसून के आगमन के बावजूद भी सात राज्यों में बारिश सामान्य से कम दर्ज की गई है। पूर्वी एवं पूर्वोत्तर भारत के राज्यों में भी अभी तक बारिश सामान्य से कम हुई है।
बंगाल की खाड़ी में एक निम्न दबाव का बना हुआ है क्षेत्र
मौसम की निजी जानकारी देने वाली स्काईमेट के अनुसार पंजाब से हरियाणा, उत्तरी उत्तर प्रदेश, बिहार के निचले इलाकों, उप-हिमालयी पश्चिम बंगाल, सिक्किम और असम होते हुए अरुणाचल प्रदेश तक एक ट्रफ रेखा फैली हुई है। साथ ही एक अन्य ट्रफ रेखा उप-हिमालयी पश्चिम बंगाल और सिक्किम से बांग्लादेश होते हुए बंगाल की खाड़ी के उत्तरी भागों तक भी फैली हुई है। इसके साथ ही बंगाल की खाड़ी के भागों पर एक निम्न दबाव का क्षेत्र बना हुआ है।
महाराष्ट्र, दक्षिण-पश्चिमी मध्य प्रदेश और दक्षिणी गुजरात में तेज बारिश का अनुमान
अगले 24 घंटों के दौरान मुंबई, महाराष्ट्र, दक्षिण-पश्चिमी मध्य प्रदेश और दक्षिणी गुजरात समेत पश्चिमी तटीय भागों में भारी बारिश जारी रह सकती है। इसके अलावा उप-हिमालयी और सिक्किम समेत पूर्वोत्तर राज्यों में हल्की से मध्यम बारिश होने के आसार हैं। ओडिशा, चंडीगढ़, आंध्र प्रदेश और तेलंगाना में कुछ स्थानों पर हल्की से मध्यम बारिश होने की संभावना है।कर्नाटक, केरल और तमिलनाडु में अगले 24 घंटों में बारिश होने के आसार हैं। इसके अलावा जम्मू-कश्मीर पंजाब और राजस्थान के कुछ स्थानों में बारिश हो सकती है जबकि पूर्वी उत्तर प्रदेश और बिहार समेत पूर्वोत्तर राज्यों में मौसम शुष्क बने रहने की संभावना है।
बीते 24 घंटों के दौरान महाराष्ट्र, असम, त्रिपुरा, ओडिशा और झारखंड में बारिश
बीते 24 घंटों के दौरान पश्चिमी तटीय भागों में बेहद भारी वर्षा हुई है। वहीं महाराष्ट्र, असम, त्रिपुरा, ओडिशा और झारखंड में मध्यम से भारी बारिश देखने को मिली है। इसके अलावा मध्य प्रदेश, गुजरात, राजस्थान के कुछ स्थानों सहित गया, पश्चिम बंगाल, कर्नाटक, केरल, आंध्र प्रदेश और तेलंगाना में कुछ स्थानों पर हल्की से मध्यम बारिश हुई है। वहीं तमिलनाडु के एक-दो स्थानों में भी बारिश हुई है।
मुंबई में बारिश से सड़कों पर पानी, चैन्नई में पीने के पानी की किल्लत
मुंबई में मानसून की बारिश से मायानगरी की सड़कें समंदर में तब्दील हो गई। गुजरात के वलसाड में भी बारिश के चलते शहर की सड़कों से लेकर अस्पताल और ऑफिस पानी में डूब गए हैं। वहीं दूसरी ओर चेन्नई में लोग खाली घड़े लिए पानी के टैंकर्स का इंतज़ार करने को मजबूर हैं। टैंकर आते ही लोग उस पर टूट पड़ते हैं। कुछ को पानी मिलता है। तो कुछ खाली हाथ ही घर लौट जाते हैं। पानी के लिए इतनी मारामारी है कि लोग नलों में ताला लगाने लगे हैं।............ आर एस राणा
नई दिल्ली। मानसूनी सीजन का पहला महीना बीत चुका है, लेकिन अभी भी देशभर में बारिश सामान्य से 34 फीसदी कम हुई है जिस कारण देश के 29 राज्य एवं केंद्र शासित प्रदेशों के किसान प्रभावित हुए हैं। भारतीय मौसम विभाग के अनुसार जून में केवल 6 राज्यों में ही सामान्य बारिश दर्ज की गई है जबकि इस दौरान केवल एक राज्य में सामान्य से ज्यादा बारिश हुई है।
मौसम विभाग के अनुसार पहली जून से 29 जून तक देशभर में सामान्यत: 159 फीसदी बारिश होती है लेकिन चालू खरीफ में इस दौरान केवल 104.3 फीसदी बारिश ही हुई है। उत्तर भारत के राज्यों में मानसून का आगमन 29 जून तक हो जाता है लेकिन इस बार सप्ताहभर की देरी होने की आशंका है। उत्तर भारत में प्री-मानसून की बारिश भी सामान्य से कम हुई थी। उत्तर भारत के राज्यों सात राज्यों में बारिश सामान्य से काफी कम हुई है जबकि मध्य भारत के छह राज्यों गुजरात, महाराष्ट्र, छत्तीसगढ़, ओडिशा, मध्य प्रदेश एवं दादर एडं नगर हेवेली में बारिश सामान्य से कम हुई है। दक्षिण भारत के राज्यों में मानसून के आगमन के बावजूद भी सात राज्यों में बारिश सामान्य से कम दर्ज की गई है। पूर्वी एवं पूर्वोत्तर भारत के राज्यों में भी अभी तक बारिश सामान्य से कम हुई है।
बंगाल की खाड़ी में एक निम्न दबाव का बना हुआ है क्षेत्र
मौसम की निजी जानकारी देने वाली स्काईमेट के अनुसार पंजाब से हरियाणा, उत्तरी उत्तर प्रदेश, बिहार के निचले इलाकों, उप-हिमालयी पश्चिम बंगाल, सिक्किम और असम होते हुए अरुणाचल प्रदेश तक एक ट्रफ रेखा फैली हुई है। साथ ही एक अन्य ट्रफ रेखा उप-हिमालयी पश्चिम बंगाल और सिक्किम से बांग्लादेश होते हुए बंगाल की खाड़ी के उत्तरी भागों तक भी फैली हुई है। इसके साथ ही बंगाल की खाड़ी के भागों पर एक निम्न दबाव का क्षेत्र बना हुआ है।
महाराष्ट्र, दक्षिण-पश्चिमी मध्य प्रदेश और दक्षिणी गुजरात में तेज बारिश का अनुमान
अगले 24 घंटों के दौरान मुंबई, महाराष्ट्र, दक्षिण-पश्चिमी मध्य प्रदेश और दक्षिणी गुजरात समेत पश्चिमी तटीय भागों में भारी बारिश जारी रह सकती है। इसके अलावा उप-हिमालयी और सिक्किम समेत पूर्वोत्तर राज्यों में हल्की से मध्यम बारिश होने के आसार हैं। ओडिशा, चंडीगढ़, आंध्र प्रदेश और तेलंगाना में कुछ स्थानों पर हल्की से मध्यम बारिश होने की संभावना है।कर्नाटक, केरल और तमिलनाडु में अगले 24 घंटों में बारिश होने के आसार हैं। इसके अलावा जम्मू-कश्मीर पंजाब और राजस्थान के कुछ स्थानों में बारिश हो सकती है जबकि पूर्वी उत्तर प्रदेश और बिहार समेत पूर्वोत्तर राज्यों में मौसम शुष्क बने रहने की संभावना है।
बीते 24 घंटों के दौरान महाराष्ट्र, असम, त्रिपुरा, ओडिशा और झारखंड में बारिश
बीते 24 घंटों के दौरान पश्चिमी तटीय भागों में बेहद भारी वर्षा हुई है। वहीं महाराष्ट्र, असम, त्रिपुरा, ओडिशा और झारखंड में मध्यम से भारी बारिश देखने को मिली है। इसके अलावा मध्य प्रदेश, गुजरात, राजस्थान के कुछ स्थानों सहित गया, पश्चिम बंगाल, कर्नाटक, केरल, आंध्र प्रदेश और तेलंगाना में कुछ स्थानों पर हल्की से मध्यम बारिश हुई है। वहीं तमिलनाडु के एक-दो स्थानों में भी बारिश हुई है।
मुंबई में बारिश से सड़कों पर पानी, चैन्नई में पीने के पानी की किल्लत
मुंबई में मानसून की बारिश से मायानगरी की सड़कें समंदर में तब्दील हो गई। गुजरात के वलसाड में भी बारिश के चलते शहर की सड़कों से लेकर अस्पताल और ऑफिस पानी में डूब गए हैं। वहीं दूसरी ओर चेन्नई में लोग खाली घड़े लिए पानी के टैंकर्स का इंतज़ार करने को मजबूर हैं। टैंकर आते ही लोग उस पर टूट पड़ते हैं। कुछ को पानी मिलता है। तो कुछ खाली हाथ ही घर लौट जाते हैं। पानी के लिए इतनी मारामारी है कि लोग नलों में ताला लगाने लगे हैं।............ आर एस राणा