आर एस राणा
नई
दिल्ली। चालू पेराई सीजन शुरू हुए तीन महीने बीतने के बावजूद भी उत्तर
प्रदेश की चीनी मिलों पर पिछले पेराई सीजन का 1,875.19 करोड़ रुपया अभी भी
बकाया बचा हुआ है जबकि चालू पेराई सीजन 2018-19 में गन्ने पेराई की गति
धीमी होने के कारण किसानों को परेशानी उठानी पड़ रही है। समय पर खेत खाली
नहीं होने के कारण किसान गेहूं की बुवाई नहीं कर पा रहे हैं।
गेहूं की बुवाई नहीं कर पा रहे हैं किसान
उत्तर
प्रदेश के अमरोहा जिले के देहरा चक गांव निवासी किसान जोगिंद्र आर्य ने
बताया कि उन्होंने 6 एकड़ में गन्ना लगा रखा है जिसमें से दो एकड़ में
गेहूं की बुवाई करनी थी लेकिन वेव शुगर मिल द्वारा पर्ची कम जारी करने से
अभी तक केवल आधा एकड़ खेत ही खाली हो पाया है जबकि गेहूं की बुवाई का समय
निकल चुका है। उन्होंने बताया कि पिछले पेराई सीजन का बकाया पैमेंट भी अभी
पूरा नहीं मिला है जिस कारण आर्थिक दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है।
चालू पेराई सीजन में भी भुगतान में देरी
यूपी
शुगर मिल्स एसोसिएशन (यूपीएसएमए) के अनुसार पहली जनवरी 2019 को पेराई सीजन
2017-18 का चीनी मिलों पर किसानों का बकाया 1,875.19 करोड़ रुपये बचा हुआ
है जबकि चालू पेराई सीजन 2018-19 (अक्टूबर से सितंबर) में पहली जनवरी तक
राज्य की चीनी मिलों ने 9,364.33 करोड़ रुपये का गन्ना खरीदा है तथा इसमें
से अभी तक केवल 2,594.90 करोड़ रुपये का ही भुगतान किया है।
गन्ने की पेराई पिछले साल पेराई सीजन से कम
राज्य
में चालू पेराई सीजन में पहली जनवरी 2019 तक 31.82 लाख टन चीनी का उत्पादन
ही हुआ है जबकि पिछले पेराई सीजन की समान अवधि में 34.42 लाख टन चीनी का
उत्पादन हो चुका था। चालू पेराई सीजन में राज्य की चीनी मिलों ने 2,933.44
क्विंटल गन्ने की पेराई ही की है जबकि पिछले पेराई सीजन की समान अवधि में
3,391.82 टन गन्ने की पेराई की जा चुकी थी। चालू पेराई सीजन में गन्ने में
रिकवरी की औसतन 10.85 की दर आ रही है जबकि पेराई सीजन में इस समय केवल
10.15 फीसदी की औसतन रिकवरी आ रही थी। राज्य में 117 चीनी मिलों में पेराई
चल रही है।............ आर एस राणा
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