आर एस राणा
नई
दिल्ली। विश्व बाजार में भाव नीचे होने के कारण देश से दिसंबर में डीओसी
के निर्यात में 23 फीसदी की भारी गिरावट आकर कुल निर्यात 3,03,115 टन का ही
हुआ है जबकि पिछले साल दिसंबर में इनका निर्यात 3,91,431 टन का हुआ था।
डीओसी के निर्यात में ईरान की मांग ज्यादा रही
साल्वेंट
एक्सट्रेक्टर्स एसोसिएशन आफ इंडिया (एसईए) के अनुसार दक्षिण कोरिया के साथ
ही वियतनाम की मांग में चालू वित्त वर्ष में कमी आई है। हालांकि इस दौरान
थाईलैंड की आयात मांग बढ़ी है, साथ ही डीओसी में ईरान एक बड़ा आयातक बनकर
उभरा है। अप्रैल से दिसंबर के दौरान ईरान ने करीब 3 लाख डीओसी का आयात किया
है जबकि पिछले वित्त वर्ष की समान अवधि में केवल 23,000 टन का ही आयात
किया था।
पहले 9 महीनों में कुल निर्यात 6 फीसदी ज्यादा
एसईए
के अनुसार चालू वित्त वर्ष 2018-19 के पहले 9 महीनों अप्रैल से दिसंबर के
दौरान डीओसी का कुल निर्यात 6 फीसदी बढ़कर 23,87,028 टन का हुआ है जबकि
पिछले वित्त वर्ष 2017-18 की समान अवधि में इनका निर्यात 22,46,989 टन का
ही हुआ था। चालू वित्त वर्ष के पहले 9 महीनों में जहां सोया डीओसी,
राईसब्रान डीओसी और केस्टर डीओसी के निर्यात में कमी आई है, वहीं सरसों
डीओसी का निर्यात बढ़ा है। सरसों डीओसी का निर्यात चालू वित्त वर्ष के
अप्रैल से दिसंबर के दौरान बढ़कर 8,21,777 टन का हो गया जबकि पिछले वित्त
वर्ष की समान अवधि में इसका निर्यात 4,61,937 टन का ही हुआ था।
कीमतों में आई गिरावट
भारतीय
बंदरगाह पर दिसंबर में सोया डीओसी का औसत भाव 364 डॉलर प्रति टन रहा जबकि
नवंबर में इसका भाव 365 डॉलर प्रति टन था। सरसों डीओसी का भाव नवंबर के 230
डॉलर प्रति टन से घटकर औसतन 222 डॉलर डॉलर प्रति टन रहा। केस्टर डीओसी का
भाव भी नवंबर के 95 डॉलर से घटकर दिसंबर में 82 डॉलर प्रति टन रहे।.......... आर एस राणा
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