आर एस राणा
नई
दिल्ली। चालू पेराई सीजन 2018-19 (अक्टूबर से सितंबर) की पहली तिमाही में
ही चीनी मिलों पर उत्तर प्रदेश के गन्ना किसानों का बकाया बढ़कर 4,922
करोड़ रुपये हो गया है जबकि राज्य के किसानों का पिछले पेराई सीजन का भी
1,564 करोड़ रुपये अभी भी बकाया बचा हुआ है। भुगतान में देरी से गन्ना
किसानों को भारी आर्थिक पेरशानी उठानी पड़ रही है।
उत्तर प्रदेश
की चीनी मिलों ने चालू पेराई सीजन में 11 जनवरी तक 11,465 करोड़ रुपये का
गन्ना खरीदा है जबकि इसमें से भुगतान केवल 3,691 करोड़ रुपये का ही किया
है। अत: 14 दिनो के तय समय के आधार पर चीनी मिलों पर गन्ना किसानों का पहली
अक्टूबर 2018 से 11 जनवरी 2019 तक बकाया बढ़कर 4,922 करोड़ रुपये हो गया
है। भुगतान में तेजी नहीं आई तो आगामी दिनों में बकाया में और बढ़ोतरी
होगी, जिसका खामियाजा राज्य के गन्ना किसानों को उठाना पड़ेगा।
भुगतान में देरी से किसान परेशान
अमरोहा
जिले के देहरा चक गांव के गन्ना किसान जोगिंद्र आर्य ने बताया कि वेव शुगर
मिल में उन्होंने चालू पेराई सीजन में अभी तक 500 क्विंटल गन्ना डाला है,
जबकि भुगतान केवल एक ही पर्ची यानि 20 क्विंटल का ही मिला है। उन्होंने
बताया कि भुगतान में देरी के साथ ही मिल द्वारा पर्ची भी कम जारी की जा रही
है जिससे दोहरी परेशानी उठानी पड़ रही है। उन्होंने बताया कि भुगतान में
देरी के कारण आर्थिक दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है।
मिलों में गन्ना पेराई की गति धीमी
यूपी
शुगर मिल्स एसोसिएशन (यूपीएसएमए) के अनुसार राज्य में 117 चीनी मिलों में
पेराई चल रही है तथा राज्य की चीनी मिलों ने अभी तक 3,586.23 लाख क्विंटल
गन्ने की पेराई ही की है जबकि पिछले पेराई सीजन की समान अवधि में 4,026.21
लाख क्विंटल गन्ने की पेराई की जा चुकी थी। चालू पेराई सीजन में गन्ने में
रिकवरी की दर औसतन बढ़कर 10.95 फीसदी की आ रही है जबकि पिछले पेराई सीजन की
समान अवधि में रिकवरी 10.19 फीसदी की आ रही थी।
चीनी का उत्पादन कम
चालू
पेराई सीजन में 11 जनवरी तक राज्य में चीनी का उत्पादन 4.29 फीसदी घटकर
39.25 लाख टन का ही हुआ है जबकि पिछले पेराई सीजन में इस समय तक 41.01 लाख
टन चीनी का उत्पादन हो चुका था।..... आर एस राणा
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