कुल पेज दृश्य

13 जनवरी 2019

गन्ना के बकाया भुगतान में तेजी लाने के लिए मिलों को एक और पैकेज देने की तैयारी

आर एस राणा
नई दिल्ली। केंद्र सरकार आम चुनाव से पहले किसानों की नाराजगी दूर करना चाहती है इसलिए गन्ना किसानों के बढ़ते बकाया भुगतान में तेजी लाने के लिए आम बजट से पहले चीनी मिलों को एक और राहत पैकेज दे सकती है। सूत्रों के अनुसार मिलों को लगभग 10 हजार करोड़ रुपये का सॉफ्ट लोन दे सकती है। इसके अलावा चीनी के न्यूनतम बिक्री भाव में भी बढ़ोतरी करने की तैयारी है।
खाद्य मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार केंद्र सरकार पांच साल के लिए 6 फीसदी ब्याज पर चीनी मिलों को कर्ज देगी। यह कर्ज चीनी मिलों को एथेनॉल उत्पादन की क्षमता बढ़ाने के साथ ही नए एथेनॉल प्लांट लगाने के लिए दिया जायेगा। इसके अलावा केंद्र सरकार चीनी के न्यूनतम बिक्री भाव को 29 रुपये से बढ़ाकर 32 रुपये प्रति किलोग्राम कर सकती है। सूत्रों के अनुसार आगामी कैबिनेट की बैठक में इस पर फैसला हो सकता है।
चालू पेराई सीजन में 11,000 करोड़ हो चुका है बकाया
गन्ना किसानों का बकाया दिन पर दिन बढ़ता ही जा रहा है। खासकर के उत्तर प्रदेश और महाराष्ट्र की चीनी मिलें गन्ना किसानों के बकाया का भुगतान समय से नहीं कर पा रहीं है। जिसकी वजह से चालू पेराई सीजन 2018-19 (अक्टूबर से सितंबर) में अभी तक बकाया बढ़कर करीब 11 हजार करोड़ के स्तर पर पहुंच गया है। माना जा रहा है कि स्थिति अगर ऐसे ही बनी रही तो अप्रैल तक बकाया बढ़कर 20,000 करोड़ रुपये तक पहुंच सकता है। उत्तर प्रदेश की चीनी मिलों पर पिछले पेराई सीजन का भी बकाया बचा हुआ है। 
सितंबर में चीनी मिलों को 5,500 करोड़ का दिया था पैकेज
केंद्र सरकार ने सितंबर 2018 में चीनी उद्योग को 5,500 करोड़ रुपये का पैकेज दिया था। इसके तहत चीनी मिलों को चालू पेराई सीजन 2018-19 में तय कोटा 50 लाख टन चीनी के निर्यात पर सहायता राशि के अलावा निर्यात करने के लिए चीनी मिलों को परिवहन लागत पर भी सब्सिडी दी जा रही है।
जून में दिया था 8,500 करोड़ का पैकेज
इससे पहले जून 2018 में भी केंद्र सरकार ने उद्योग के लिए 8,500 करोड़ रुपये का पैकेज घोषित किया था। इसमें 4,440 करोड़ रुपये मिलों को सस्ते कर्ज के रूप में एथेनॉल क्षमता बढ़ाने के लिए दिए गए थे। इसमें 1,332 करोड़ रुपये की ब्याज सहायता थी। इसके अलावा भी केंद्र सरकार ने चीनी मिलों को राहत देने के लिए एथेनॉल के खरीद मूल्य में तो बढ़ोतरी की ही थी, साथ ही चीनी पर आयात शुल्क दोगुना कर 100 फीसदी किया और इस पर निर्यात शुल्क समाप्त कर दिया था।
यूपी में राज्य सरकार ने भी दिया पैकेज
उधर गन्ना के सबसे बड़े उत्पादक राज्य उत्तर प्रदेश में भी योगी आदित्यनाथ सरकार ने किसानों का भुगतान करने के लिए चीनी मिलों के लिए 4,000 करोड़ रुपये के आसान ऋण कार्यक्रम की घोषणा की थी। राज्य ने भुगतान की स्थिति आसान बनाने के लिए अन्य लाभों की भी घोषणा की हुई है, इसके बावजूद भी बकाया भुगतान लगातार बढ़ता जा रहा है।
पहली तिमाही में बढ़ा चीनी उत्पादन
पहली अक्टूबर 2018 से शुरू हुए चालू पेराई सीजन की पहली तिमाही एक अक्टूबर से 31 दिसंबर 2018 तक चीनी का उत्पादन 5.72 फीसदी बढ़कर 110.52 लाख टन का हो चुका है जबकि पिछले पेराई सीजन की समान अवधि में 103.56 लाख टन चीनी का ही उत्पादन हुआ था। उद्योग के अनुसार चालू पेराई सीजन में महाराष्ट्र और कर्नाटक में चीनी मिलों में गन्ने की पेराई पहले आरंभ होने से चीनी का अभी तक उत्पादन बढ़ा है लेकिन महाराष्ट्र के कई जिलों में बारिश की कमी का असर गन्ने की फसल पर पड़ा है इसलिए चीनी का कुल उत्पादन चालू पेराई सीजन में पिछले साल की तुलना में कम होने का अनुमान है। देशभर में 501 चीनी मिलों में पेराई चल रही है जबकि पिछले साल इस समय 505 चीनी मिलों में पेराई चल रही थी।
चीनी के भाव में आ सकता है सुधार
मंगलवार को दिल्ली में चीनी के भाव 3,400 से 3,450 रुपये प्रति क्विंटल और उत्तर प्रदेश में एक्स फैक्ट्री भाव 3,100 से 3,225 रुपये प्रति क्विंटल रहे। केंद्र सरकार द्वारा उद्योग को राहत देने के लिए चीनी की कीमतों में 100 ससे 200 रुपये प्रति क्विंटल का सुधार आने की संभावना है। ............  आर एस राणा

कोई टिप्पणी नहीं: