आर एस राणा
नई
दिल्ली। चीनी के बंपर उत्पादन के साथ ही किसानों के बढ़ते बकाया से हलकान
केंद्र सरकार चीनी का निर्यात बढ़ाने के लिए प्रयास कर रही है। इसी प्रयास
के तहत इंडोनेशिया और मलेशिया ने भारत से चीनी आयात करने की रुचि तो दिखाई
है लेकिन इसके लिए पॉम तेल केे आयात पर शुल्क घटाने की शर्त रख दी है।
सूत्रों
के अनुसार इंडोनेशिया और मलेशिया लगभग 11 से 13 लाख टन चीनी का आयात कर
सकते हैं, अत: पॉम तेल आयात पर शुल्क में कटौती पर खाद्य मंत्रालय, विदेश
मंत्रालय और वाणिज्य मंत्रालय बातचीत कर रहे हैं।
केंद्र सरकार
चीन, बांग्लादेश, श्रीलंका, इंडोनेशिया और मलेशिया को चीनी निर्यात की
संभावनाएं तलाश रही है इसके लिए इन देशों में टीमें भी भेजी गई थी तथा भारत
से चीन ने पहले भी चीनी का आयात किया है। सूत्रों के अनुसार बांग्लादेश और
श्रीलंका भी भारत से चीन का आयात कर रहे हैं।
चीनी निर्यात की
संभावनाओं के लिए मलेशिया गए प्रतिनिधिमंडल के एक सदस्य ने आउटलुक को बताया
कि मलेशिया 3 से 4 लाख टन चीनी का आयात करता है जबकि इंडोनेशिया 8 से 9
लाख टन का आयात करता है। इंडोनेशिया इस समय आस्ट्रेलिया और ब्राजील से चीनी
का आयात करता है, तथा इंडोनेशिया ने आस्ट्रेलिया और ब्राजील के मुकाबले
भारत से चीनी आयात पर शुल्क 5 फीसदी ज्यादा लगा रखा है।
चीनी की कुल उपलब्धता ज्यादा
इंडियन
शुगर मिल्स एसोसिएशन (इस्मा) के अनुसार चालू पेराई सीजन 2018-19 (अक्टूबर
से सितंबर) की पहली तिमाही पहली अक्टूबर 2018 से 31 दिसंबर 2019 तक चीनी का
उत्पादन 110.52 लाख टन का हो चुका है जबकि कुल उत्पादन 320 लाख टन होने का
अनुमान है। चालू पेराई सीजन में पहली अक्टूबर 2018 को 107 लाख टन चीनी का
बकाया स्टॉक बचा हुआ था। अत: कुल उपलब्धता 427 लाख टन की बैठेगी। देश में
चीनी की सालाना खपत 255 से 260 लाख टन की होती है। ऐसे में घरेलू बाजार में
चीनी की बंपर उपलब्धता है जबकि विश्व बाजार में कीमतें कम होने के कारण
केंद्र सरकार द्वारा रियायतें देने के बावजूद भी सीमित मात्रा में ही
निर्यात सौदे हुए हैं।
विश्व बाजार में भाव कम होने से निर्यात की गति धीमी
विश्व
बाजार में व्हाईट चीनी के भाव 350 डॉलर प्रति टन है, जबकि इन भाव में
निर्यात सौदे सीमित मात्रा में ही हो रहे हैं। सूत्रों के अनुसार चालू
पेराई सीजन में अभी तक केवल 6.5 लाख टन चीनी निर्यात के सौदे ही हुए हैं
जबकि केंद्र सरकार ने 50 लाख टन निर्यात की अनुमति दी हुई है। शुक्रवार को
उत्तर प्रदेश में चीनी के एक्स फैक्ट्री भाव 3,200 से 3,250 रुपये और
दिल्ली में भाव 3,500 रुपये प्रति क्विंटल रहे।
सरकार ने 31 दिसंबर को घटाया था शुल्क
केंद्र
सरकार ने 31 दिसंबर 2018 को मलेशिया से आयातित क्रुड पॉम तेल पर आयात
शुल्क को 44 फीसदी से घटाकर 40 फीसदी और रिफाइंड तेल पर आयात शुल्क को 54
फीसदी से घटाकर 45 फीसदी कर दिया था। इसके अलावा इंडोनेशिया से आयातित
क्रुड पॉम तेल के आयात पर शुल्क को 44 फीसदी से घटाकर 40 फीसदी और रिफाइंड
तेल के आयात पर शुल्क को 54 से घटाकर 50 फीसदी कर दिया था।
पॉम पर आयात शुल्क घटाया तो तिलहन के भाव पर पड़ेगा असर
गन्ना
किसानों के हितों को देखते हुए अगर पॉम तेल के आयात पर शुल्क में और कटौती
की गई तो, फिर तिलहन किसानों का हित प्रभावित हो सकता है। इससे घरेलू
बाजार में तिलहन की कीमतों में कमी आने की आशंका है। वैसे भी सरसों और
मूंगफली के भाव पहले ही न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) से नीचे बने हुए
हैं। उत्पादक मंडियों में सरसों के भाव 3,800 से 3,900 रुपये प्रति क्विंटल
चल रहे हैं जबकि केंद्र सरकार ने रबी विपणन सीजन 2018-19 के लिए सरसों का
एमएसपी 4,200 रुपये प्रति क्विंटल है।..... आर एस राणा
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