आर एस राणा
नई
दिल्ली। बिहार के करीब 36 जिलों के सूखे की चपेट में आने के कारण संपूर्ण
राज्य को सूखाग्रस्त क्षेत्र घोषित करने की मांग आज विधानसभा से लोकसभा तक
उठी।
राज्य के 36 जिलों पटना, सिवान, औरंगाबाद, वैशाली,
अरवाल, भौजपूर आदि में चालू खरीफ में बारिश नहीं होने से सूखे जैसे हालात
बन गए हैं। सूखे के कारण किसान खरीफ फसलों की बुवाई ही नहीं कर पा रहे हैं।
विधानसभा में सूखाग्रस्त घोषित करने की मांग
बिहार
विधानसभा में विपक्ष के नेता तेजस्वी प्रसाद यादव ने राज्य को सूखाग्रस्त
क्षेत्र घोषित करने की मांग की। तेजस्वी ने सूखे की स्थिति से निपटने को
लेकर सरकार पर समय रहते काम नहीं करने का आरोप लगाया। तेजस्वी ने कहा कि
अगर इस आशंका को लेकर सरकार सजग रहती तो राज्य में आज किसानो के लिए यह
स्थिति उत्पन्न नहीं होती।
विधानसभा में 'राज्य में सूखे के कारण
उत्पन्न स्थिति' पर विशेष चर्चा में तेजस्वी ने सरकार पर निशाना साधते हुए
कहा, मानसून की बारिश समय पर नहीं होने से किसानों की हालत खराब है और इसे
लेकर सरकार बिल्कुल भी गम्भीर नहीं है।
लोकसभा में भी उठा मामला
उधार
कांग्रेस के रंजीत रंजन ने बुधवार को लोकसभा में शून्यकाल के दौरान यह
मुद्दा उठाया। उन्होंने कह कि राज्य के 36 जिलों में सूखे के हालात बने हुए
है इसलिए राज्य को सूखाग्रस्त घोषित किया जाये।
पिछले एक—दो दिनों में कुछ जगह हुई बारिश
बिहार
के कृषि मंत्री प्रेम कुमार ने बुधवार को विधानसभा में कहा कि बिहार सरकार
सूखे की स्थिति से निपटने के लिए पूरी तरह तैयार है। राज्य सरकार स्थिति
पर पूरी तरह नजर बनाए हुए हैं। उन्होंने कहा कि अगर 31 जुलाई तक बारिश नहीं
होती है तो राज्य सरकार सूखाग्रस्त क्षेत्र भी घोषित करेगी। सरकार की ओर
से जवाब देते हुए मंत्री ने कहा कि पिछले एक-दो दिनों में राज्य में मौसम
ने करवट ली है और कई जिलों में अच्छी बारिश हुई है। वैसे सरकार सुखे से
निपटने की तैयारी कर चुकी है।
किसानों को डीजल पर 50 रुपये प्रति लीटर का अनुदान
उन्होंने
कहा कि किसानों को किसी प्रकार की परेशानी नहीं हो इसके लिए सरकार सजग है।
सरकार राज्य के किसानों को पहली बार डीजल पर 50 रुपये प्रति लीटर की दर से
अनुदान दे रही है। सरकार ने व्यवस्था को पारदर्शी बनाने के लिए डीजल
अनुदान की राशि 21 दिनों के अंदर सीधे उनके खाते में भेज रही है। उन्होंने
बताया कि डीजल अनुदान के लिए अब तक 20,082 आवेदन प्राप्त हो चुके हैं।
उच्चस्तरीय बैठक 31 जुलाई को
उन्होंने
कहा कि 31 जुलाई को उच्चस्तरीय बैठक बुलाई गई है, जिसमें स्थिति की
समीक्षा की जाएगी और अगर आवश्यकता होगी तो सुखा क्षेत्र घोषित करेगी।
राज्य में अभी तक 42 फीसदी बारिश कम
भारतीय
मौसम विभाग (आईएमडी) के अनुसार चालू खरीफ सीजन में पहली जून से 25 जुलाई
तक राज्य में सामान्य के मुकाबले 42 फीसदी बारिश कम हुई है। ............. आर एस राणा
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