आर एस राणा
नई
दिल्ली। चालू वित्त वर्ष 2018-19 के पहले दो महीनों अप्रैल-मई के दौरान
जहां गैर-बासमती चावल के निर्यात में 35 फीसदी की बढ़ोतरी होकर कुल निर्यात
14.35 लाख टन का हुआ है वहीं बासमती चावल का निर्यात घटकर इस दौरान 7.54
लाख टन का ही हुआ है।
कृषि और प्रसंस्कृत खाद्य उत्पाद निर्यात
विकास प्राधिकरण (एपीडा) के अनुसार चालू वित्त वर्ष के अप्रैल-मई में गैर
बासमती चावल का निर्यात बढ़कर 14.35 लाख टन का हो चुका है, जबकि पिछले
वित्त वर्ष 2017-18 की समान अवधि में इनका निर्यात केवल 10.66 लाख टन का ही
हुआ था। बासमती चावल का निर्यात चालू वित्त वर्ष के पहले दो महीनों
अप्रैल-मई में घटकर 7.54 लाख टन का ही हुआ है जबकि पिछले वित्त वर्ष
2017-18 के अप्रैल-मई में बासमती चावल का निर्यात 7.97 लाख टन का हुआ था।
एपीडा
के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि थाइलैंड और वियतनाम समेत अन्य देशों में
गैर-बासमती चावल का स्टॉक कम होने के कारण भारत से निर्यात में बढ़ोतरी
हुई है। रुपये के मुकाबले डॉलर की मजबूती से निर्यातकों को पड़ते भी अच्छे
लग रहे हैं। इसलिए आगे भी निर्यात मांग अच्छी रहने का अनुमान है।
वाणिज्य
एवं उद्योग मंत्रालय के अनुसार मूल्य के हिसाब से गैर बासमती चावल का
निर्यात बढ़कर चालू वित्त वर्ष 2018-19 के पहले दो महीनों अप्रैल-मई में
4,013 करोड़ रुपये का हुआ है जबकि पिछले वित्त वर्ष की समान अवधि में 2,772
करोड़ रुपये का ही निर्यात हुआ था। बासमती चावल का निर्यात भले ही मात्रा
में इस दौरान कम हुआ है लेकिन मूल्य के हिसाब से 6 फीसदी बढ़ा ही है। मूल्य
के हिसाब से चालू वित्त के अप्रैल-मई में बासमती चावल का निर्यात 5,427
करोड़ रुपये का हुआ है जबकि पिछले पिछले वित्त वर्ष की समान अवधि में 5,108
करोड़ रुपये मूल्य का ही निर्यात हुआ था।
चावल कारोबारी
रामनिवास खुरानिया ने बताया कि कैथल मंडी में पूसा 1,121 बासमती चावल सेला
का भाव 6,500 से 6,700 रुपये और पूसा 1,509 बासमती चावल सेला का भाव 6,000
से 6,200 रुपये प्रति क्विंटल है। पूसा 1,121 बासमती धान का भाव मंडी में
3,600 से 3,700 रुपये प्रति क्विंटल है। उन्होंने बताया कि बासमती चावल में
निर्यात मांग कम होने के कारण धान में मिलों की मांग भी कमजोर है। मौसम
विभाग ने चालू खरीफ में मानसूनी बारिश ज्यादा होने का अनुमान है।.............. आर एस राणा
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