आर एस राणा
नई
दिल्ली। चालू फसल सीजन में 64 लाख गांठ (एक गांठ-170 किलो) कपास का
निर्यात हो चुका है जबकि कुल निर्यात 70 लाख गांठ होने का अनुमान है। उधर
आयात घटकर 10 लाख गांठ का ही हुआ है जबकि विश्व बाजार में भारतीय कपास अभी
भी सबसे सस्ती है, इसलिए घरेलू बाजार में कपास की कीमतों में तेजी बनी रहने
का अनुमान है।
कॉटन एसोसिएशन आॅफ इंडिया (सीएआई) के अनुसार चालू
फसल सीजन में 64 लाख गांठ की शिपमेंट हो चुकी है तथा कुल निर्यात बढ़कर 70
लाख गांठ का होने का अनुमान है जबकि पिछले सीजन में केवल 58.21 लाख गांठ
का ही निर्यात हुआ था। अंतरराष्ट्रीय बाजार में कपास के दाम उंचे होने के
कारण चालू सीजन में कपास का आयात भी घटकर 15 लाख गांठ का ही होने का अनुमान
है जबकि पिछले सीजन में 30.94 लाख गांठ का आयात हुआ था।
सीएआई
के अनुसार पहली अक्टूबर से शुरू हुए चालू सीजन में कपास का उत्पादन 365 लाख
गांठ के साथ ही नई फसल के समय बकाया 36 लाख गांठ के अलावा 15 लाख गांठ
आयात को मिलाकर कुल उपलब्धता 416 लाख गांठ की बैठेगी। पिछले साल कपास का
उत्पादन 337.25 लाख गांठ का ही हुआ था जबकि आयात और बकाया स्टॉक को मिलाकर
कुल उपलब्धता 404.69 लाख गांठ की ही बैठी थी।
उद्योग के सूत्रों
के अनुसार चालू सीजन में उत्पादन तो पिछले साल से ज्यादा होने का अनुमान है
लेकिन जहां आयात कम होगा, वहीं निर्यात भी बढ़ेगा। इसलिए आगामी सीजन के
आरंभ में बकाया स्टॉक कम रहेगा। चालू सीजन में अभी तक बुवाई भी पिछे चल रही
है। इसलिए आगामी दिनों में घरेलू बाजार में कपास की कीमतों में और तेजी
आने का अनुमान है।
कपास की बुवाई चालू खरीफ सीजन में घटकर अभी तक
केवल 32.20 लाख हैक्टेयर में ही हो पाई है जबकि पिछले साल इस समय तक कपास
की बुवाई 46.10 लाख हैक्टेयर में हो चुकी थी। ............ आर एस राणा
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