आर एस राणा
नई दिल्ली। कई राज्यों में चुनाव साल होने के
कारण केंद्र सरकार ने रबी में गेहूं, दलहन और तिलहन की समर्थन मूल्य पर
बंपर खरीद की है, लेकिन भंडारण की कमी के कारण कई राज्यों में अभी भी अनाज
खुले में पड़ा हुआ है। बारिश शुरू होने से कई मंडियों में अनाज भीग गया है,
इससे चिंतित केंद्र सरकार ने राज्यों से खाद्यान्न के भंडारण की रिपोर्ट
मांगी है।
खाद्य मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार सभी
राज्यों को पत्र लिखकर खाद्यान्न के भंडारण की विस्तृत जानकारी देने को कहा
गया है। रबी सीजन 2018-19 में भारतीय खाद्य निगम (एफसीआई) ने न्यूनतम
समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर 355.12 लाख टन गेहूं की बंपर खरीद की है।
केंद्रीय पूल में पहली जून को ही 680.25 लाख टन खाद्यान्न का स्टॉक है जोकि
पिछले साल की समान अवधि के 555.40 लाख टन से ज्यादा हैं। खाद्यान्न के कुल
स्टॉक में जून में हुई खरीद भी जोड़ दे तो स्टॉक और बढ़ जायेगा।
एफसीआई
ने रबी में एसएसपी पर 355.12 लाख टन गेहूं खरीदा है जोकि तय लक्ष्य 320
लाख टन से ज्यादा है। प्रमुख उत्पादक राज्यों पंजाब, हरियाणा, उत्तर
प्रदेश, मध्य प्रदेश और राजस्थान से चालू रबी में खरीद पिछले साल की तुलना
में बढ़ी है। हरियाणा और उत्तर प्रदेश से तो गेहूं की रिकार्ड खरीद क्रमश:
87.39 और 50.88 लाख टन की हुई है।
नेफेड ने चालू रबी में रिकार्ड
27.16 लाख टन चना, 2.40 लाख टन मसूर और 8.72 लाख टन सरसों के अलावा
मूंगफली और सनफ्लावर की खरीद भी की है। नेफेड के पास खरीफ में खरीदी हुई
दालों का बकाया स्टॉक भी बचा हुआ है जबकि भंडारण की कमी के कारण कई राज्यों
की मंडियों से खरीदे गए खाद्यान्न का उठाव ही नहीं हो पाया है। मानसूनी
बारिश शुरू हो चुकी है इसलिए खुले में रखे अनाज के भीगने का डर बना हुआ है।..... आर एस राणा
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