आर एस राणा
नई
दिल्ली। पहली अक्टूबर 2018 से शुरू होने वाले गन्ना पेराई सीजन 2018-19 के
लिए गन्ने का उचित एवं लाभकारी मूल्य (एफआरपी) में 20 रुपये की बढ़ोतरी कर
भाव 275 रुपये प्रति क्विंटल तय करने की सिफारिश की गई है। सीएसीपी ने
आगामी पेराई सीजन के लिए रिकवरी की दर को 9.5 फीसदी से बढ़ाकर 10 फीसदी कर
दिया है।
कृषि मंत्रालय के एक वरिष्ष्ठ अधिकारी के अनुसार
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में 18 जुलाई को होने वाली आर्थिक
मामलों की मंत्रीमंडलीय समिति (सीसीआई) की बैठक में आगामी पेराई सीजन के
लिए गन्ने का एफआरपरी घोषित होने की उम्मीद है। उन्होंने बताया कि कृषि
लागत एवं मूल्य आयोग (सीएसीपी) ने आगामी पेराई सीजन के लिए गन्ने के
एफएफआरपी में 20 रुपये की बढ़ोतरी कर भाव 275 रुपये प्रति क्विंटल तय करने
की सिफारिश की है, इसमें गन्ने में रिकवरी की दर को बढ़ाकर 10 फीसदी कर
दिया है। पिछले पेराई सीजन में गन्ने का एफआरपी 255 रुपये प्रति क्विंटल था
तथा रिकवरी की औसत दर 9.5 फीसदी थी।
राष्ट्रीय किसान मजदूर
संगठन के संयोजक वी एम सिंह ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी अपने आप को
ऐतिहासिक फैसले लेने वाली पार्टी बता रही है जबकि गन्ने के एफआरपी में 20
रुपये की बढ़ोतरी में से किसान को केवल 7 से 8 रुपये प्रति क्विंटल का ही
लाभ होगा। उन्होंने बताया कि चालू पेराई सीजन में गन्ने का एफआरपी 255
रुपये प्रति क्विंटल है, तथा रिकवरी की दर 9.5 फीसदी है। इस आधार पर 10
फीसदी की रिकवरी पर किसानों को 267 से 268 रुपये प्रति क्विंटल का दाम मिला
है, जबकि आगामी पेराई सीजन में 10 फीसदी की रिकवरी पर किसान को 275 रुपये
प्रति क्विंटल मिलेगा। ऐसे में केंद्र सरकार द्वारा जो 20 रुपये की बढ़ोतरी
की गई है, उसमें किसान को केवल 7-8 रुपये प्रति क्विंटल ही चालू पेराई
सीजन से ज्यादा मिलेंगे जोकि 3 फीसदी से भी कम है।
केंद्र सरकार
गन्ने का एफआरपी तय करती है, जबकि उत्तर प्रदेश, पंजाब और हरियाणा में
राज्य सरकारें राज्य समर्थित मूल्य (एसएपी) भी तय करती है जोकि आमतौर पर
एफआरपी से ज्यादा होता है।
कृषि मंत्रालय के अनुसार चालू खरीफ
सीजन में गन्ने की बुवाई बढ़कर 50.52 लाख हैक्टेयर में हो चुकी है जबकि
पिछले पेराई सीजन में इसकी बुवाई 49.72 लाख हैक्टेयर में ही हुई थी। पहली
अक्टूबर से शुरू हुए चालू पेराई सीजन में चीनी का रिकार्ड उत्पादन 321 लाख
टन से ज्यादा का हो चुका है, जबकि बुवाई में हुई बढ़ोतरी को देखते हुए
उद्योग ने आगामी पेराई सीजन में 350 से 355 लाख टन चीनी के उत्पादन का
अनुमान लगाया है। बंपर उत्पादन अनुमान से आगामी पेराई सीजन में गन्ना
किसानों की मुश्किल और बढ़ सकती है। चालू पेराई सीजन में गन्ना की पेराई
बंद हो चुकी है जबकि किसानों का चीनी मिलों पर बकाया अभी भी 19,000 करोड़
से ज्यादा का बचा हुआ है।............ आर एस राणा
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