आर एस राणा
नई
दिल्ली। चालू सीजन में पहली जून से 13 जुलाई तक देशभर में मानसूनी बारशि 6
फीसदी कम होने से खरीफ फसलों की बुवाई 10.1 फीसदी पिछे चल रही है। देशभर
में अभी तक 501.67 लाख हैक्टेयर में ही खरीफ फसलों की बुवाई हो पाई है जबकि
पिछले साल की समान अवधि में इनकी बुवाई 557.49 लाख हैक्टेयर में हो चुकी
थी।
कृषि मंत्रालय के अनुसार खरीफ की प्रमुख फसल धान की रोपाई
चालू खरीफ में अभी तक केवल 116.72 लाख हैक्टेयर में ही हो पाई है जबकि
पिछले साल इस समय तक इसकी रोपाई 126.92 लाख हैक्टेयर में हो चुकी थी। इसी
तरह से चालू खरीफ सीजन में दालों की बुवाई घटकर 60.56 लाख हैक्टेयर में ही
हुई है जबकि पिछले साल इस समय तक 66.97 लाख हैक्टेयर में दालों की बुवाई हो
चुकी थी। खरीफ दलहन की प्रमुख फसलों अरहर और मूंग की बुवाई पिछे चल रही है
जबकि उड़द की बुवाई में पिछले साल की तुलना में बढ़ोतरी हुई है।
मोटे
अनाजों की बुवाई भी पिछड़ कर चालू खरीफ में अभी तक 92.46 लाख हैक्टेयर में
ही हो पाई है जबकि पिछले साल इस समय तक मोटे अनाजों की बुवाई 110.76 लाख
हैक्टेयर में हो चुकी थी। मोटे अनाजों में मक्का की बुवाई जरुर चालू सीजन
में बढ़कर 51.05 लाख हैक्टेयर में हो चुकी है जबकि पिछले साल इस समय तक
इसकी बुवाई 50.80 लाख हैक्टेयर में ही हुई थी। बाजरा की बुवाई चालू सीजन
में घटकर अभी तक केवल 27.39 लाख हैक्टेयर में ही हुई है जबकि पिछले साल इस
समय तक 47 लाख हैक्टेयर में बाजरा की बुवाई हो चुकी थी।
खरीफ
तिलहनों की बुवाई भी चालू खरीफ में घटकर अभी तक केवल 96.96 लाख हैक्टेयर
में ही हो पाई है जबकि पिछले साल इस समय तक इनकी बुवाई 105.26 लाख हैक्टेयर
में हो चुकी थी। हालांकि सोयाबीन की बुवाई जरुर चालू सीजन में बढ़कर 76.50
लाख हैक्टेयर में हो चुकी है जबकि पिछले साल इस समय तक सोयाबीन की बुवाई
केवल 73.87 लाख हैक्टेयर में ही हो पाई थी। मूंगफली की बुवाई घटकर चालू
सीजन में अभी तक केवल 15.90 लाख हैक्टेयर में ही हो पाई है जबकि पिछले साल
की समान अवधि में मूंगफली की बुवाई 25 लाख हैक्टेयर में हो चुकी थी।
कपास
की बुवाई भी चालू खरीफ सीजन में 14.72 फीसदी पिछे चल रही है। अभी तक देशभर
में कपास की बुवाई केवल 77.50 लाख हैक्टेयर में ही हो पाई है जबकि पिछले
साल इस समय तक इसकी बुवाई 90.88 लाख हैक्टेयर में हो चुकी थी। गन्ने की
बुवाई चालू खरीफ सीजन में बढ़कर 50.52 लाख हैक्टेयर में हो चुकी है जबकि
पिछले साल इस समय तक गन्ने की बुवाई 49.72 लाख हैक्टेयर में ही हो पाई थी।........... आर एस राणा
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