आर एस राणा
नई दिल्ली। पहली जुलाई से जीएसटी लागू हो रहा है तथा जीएसटी काउंसिल ने तिलहनों के साथ तेलों पर भी 5 फीसदी जीएसटी लगाने की सिफारिश की है। साल्वेंट एक्सट्रेक्टर्स एसोसिएषन आफ इंडिया (एसईए) ने जीएसटी काउंसिल को पत्र लिखकर अनुरोध किया है कि जिस तरह गेहूं, दलहन और चावल को जीएसटी से दूर रखा गया है उसी तरह से तिलहनों पर भी जीएसटी नहीं लगाया जाये।
इस संबंध में उद्योग के एक प्रतिनिधिमंडल ने वित्त राज्य मंत्री संतोष गंगवार तथा उच्चअधिकारियों से हाल ही में मुलाकात की थी, जिसमें बलैंडीड तेलों पर जीएसटी की दर को 18 फीसदी के बजाए 5 फीसदी रखने का अनुरोध किया था।
एसईए के अनुसार घरेलू बाजार में सोयाबीन, मूंगफली तथा सरसों के भाव न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) से नीचे बने हुए हैं, इसका प्रमुख कारण खाद्य तेलों के आयात में हुई बढ़ोतरी है। मई महीने में खाद्य तेलों के आयात में 30 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है, जबकि चालू फसल सीजन 2016-17 में देश में रिकार्ड तिलहनों का उत्पादन होने से खाद्य तेलों की उपलब्धता भी ज्यादा है। इसीलिए घरेलू मंडियों में तिलहनों के भाव एमएसपी से नीचे बने हुए हैं। ऐसे में केंद्र सरकार आयातित क्रुड पॉम तेल के साथ ही रिफाइंड तेलों के आयात पर आयात शुल्क में बढ़ोतरी करें, जिससे आयात में कमी लाई जा सके। ..................आर एस राणा
नई दिल्ली। पहली जुलाई से जीएसटी लागू हो रहा है तथा जीएसटी काउंसिल ने तिलहनों के साथ तेलों पर भी 5 फीसदी जीएसटी लगाने की सिफारिश की है। साल्वेंट एक्सट्रेक्टर्स एसोसिएषन आफ इंडिया (एसईए) ने जीएसटी काउंसिल को पत्र लिखकर अनुरोध किया है कि जिस तरह गेहूं, दलहन और चावल को जीएसटी से दूर रखा गया है उसी तरह से तिलहनों पर भी जीएसटी नहीं लगाया जाये।
इस संबंध में उद्योग के एक प्रतिनिधिमंडल ने वित्त राज्य मंत्री संतोष गंगवार तथा उच्चअधिकारियों से हाल ही में मुलाकात की थी, जिसमें बलैंडीड तेलों पर जीएसटी की दर को 18 फीसदी के बजाए 5 फीसदी रखने का अनुरोध किया था।
एसईए के अनुसार घरेलू बाजार में सोयाबीन, मूंगफली तथा सरसों के भाव न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) से नीचे बने हुए हैं, इसका प्रमुख कारण खाद्य तेलों के आयात में हुई बढ़ोतरी है। मई महीने में खाद्य तेलों के आयात में 30 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है, जबकि चालू फसल सीजन 2016-17 में देश में रिकार्ड तिलहनों का उत्पादन होने से खाद्य तेलों की उपलब्धता भी ज्यादा है। इसीलिए घरेलू मंडियों में तिलहनों के भाव एमएसपी से नीचे बने हुए हैं। ऐसे में केंद्र सरकार आयातित क्रुड पॉम तेल के साथ ही रिफाइंड तेलों के आयात पर आयात शुल्क में बढ़ोतरी करें, जिससे आयात में कमी लाई जा सके। ..................आर एस राणा
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