आर एस राणा
नई दिल्ली। विश्व बाजार में भाव कम होने के कारण मई महीने में वनस्पति तेलों के आयात में 35 फीसदी की बढ़ोतरी होकर कुल आयात 1,384,439 टन का हुआ है जबकि पिछले साल मई महीने में इनका आयात 1,024,878 टन का ही हुआ था। चालू फसल सीजन में तिलहनों की पैदावार ज्यादा होने से घरेलू बाजार में खाद्य तेलों की उपलब्धता ज्यादा है, साथ ही पिछले दो महीनों अप्रैल-मई में आयात भी बढ़ा है, ऐसे में घरेलू बाजार में अभी खाद्य तेलों की कीमतों में तेजी की उम्मीद नहीं है।
साल्वेंट एक्सट्रेक्टर्स एसोसिएशन आफ इंडिया (एसईए) के अनुसार चालू तेल वर्ष (नवंबर-16 से अक्टूबर-17) के पहले 7 महीनों नवंबर से मई के दौरान कुल आयात 8,518,704 टन का हुआ है जबकि पिछले तेल वर्ष की समान अवधि में वनस्पति तेलों का आयात 8,593,587 टन का ही हुआ था। एसईए के अनुसार तिलहनी फसलों सोयाबीन, सरसों और मूंगफली के दाम न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) से नीचे बने हुए हैं, इसलिए किसानों की बिकवाली कम आ रही है। तिलहनों के भाव उत्पादक मंडियों में नीचे होने के कारण चालू खरीफ में सोयाबीन और मूंगफली की बुवाई में भी कमी आने की आशंका है, इसीलिए एसईए ने केंद्र सरकार से क्रुड तेलों के आयात पर शुल्क बढ़ाकर 20 फीसदी और रिफाइंड तेलों पर 35 फीसदी करने की मांग की है।
क्रुड पॉम तेल और रिफाइंड तेलों के आयातित भाव में अंतर काफी कम हो गया है, जिस वजह से आयातक रिफाइंड तेलों का आयात ज्यादा मात्रा में कर रहे हैं। आरबीडी पॉमोलन का भाव मई में भारतीय बंदरगाह पर 727 डॉलर प्रति टन रहा, जबकि क्रुड पॉम तेल का भाव 725 डॉलर प्रति टन रहा। अप्रैल के मुकाबले मई में आयातित खाद्य तेलों के भाव भारतीय बंदगाह पर बढ़े हैं, लेकिन मार्च के मुकाबले भाव में कमी आई है। .......आर एस राणा
नई दिल्ली। विश्व बाजार में भाव कम होने के कारण मई महीने में वनस्पति तेलों के आयात में 35 फीसदी की बढ़ोतरी होकर कुल आयात 1,384,439 टन का हुआ है जबकि पिछले साल मई महीने में इनका आयात 1,024,878 टन का ही हुआ था। चालू फसल सीजन में तिलहनों की पैदावार ज्यादा होने से घरेलू बाजार में खाद्य तेलों की उपलब्धता ज्यादा है, साथ ही पिछले दो महीनों अप्रैल-मई में आयात भी बढ़ा है, ऐसे में घरेलू बाजार में अभी खाद्य तेलों की कीमतों में तेजी की उम्मीद नहीं है।
साल्वेंट एक्सट्रेक्टर्स एसोसिएशन आफ इंडिया (एसईए) के अनुसार चालू तेल वर्ष (नवंबर-16 से अक्टूबर-17) के पहले 7 महीनों नवंबर से मई के दौरान कुल आयात 8,518,704 टन का हुआ है जबकि पिछले तेल वर्ष की समान अवधि में वनस्पति तेलों का आयात 8,593,587 टन का ही हुआ था। एसईए के अनुसार तिलहनी फसलों सोयाबीन, सरसों और मूंगफली के दाम न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) से नीचे बने हुए हैं, इसलिए किसानों की बिकवाली कम आ रही है। तिलहनों के भाव उत्पादक मंडियों में नीचे होने के कारण चालू खरीफ में सोयाबीन और मूंगफली की बुवाई में भी कमी आने की आशंका है, इसीलिए एसईए ने केंद्र सरकार से क्रुड तेलों के आयात पर शुल्क बढ़ाकर 20 फीसदी और रिफाइंड तेलों पर 35 फीसदी करने की मांग की है।
क्रुड पॉम तेल और रिफाइंड तेलों के आयातित भाव में अंतर काफी कम हो गया है, जिस वजह से आयातक रिफाइंड तेलों का आयात ज्यादा मात्रा में कर रहे हैं। आरबीडी पॉमोलन का भाव मई में भारतीय बंदरगाह पर 727 डॉलर प्रति टन रहा, जबकि क्रुड पॉम तेल का भाव 725 डॉलर प्रति टन रहा। अप्रैल के मुकाबले मई में आयातित खाद्य तेलों के भाव भारतीय बंदगाह पर बढ़े हैं, लेकिन मार्च के मुकाबले भाव में कमी आई है। .......आर एस राणा
15 जून 2017 का मौसम पूर्वानुमान
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