आर एस राणा
नई दिल्ली। केंद्रीय पूल में दलहन का करीब 19.11 लाख टन दलहन का स्टॉक है, जिसकों बेचने के लिए केंद्रीय एजेंसियों को खरीददार नहीं मिल रहा है। राज्य सरकारें केंद्रीय पूल से दलहन की खरीद नहीं कर रही हैं जबकि मानसूनी बारिश के बाद दलहन की क्वालिटी प्रभावित होगी इसलिए केंद्रीय पूल से आगे दलहन की बिक्री बढ़ेगी। दलहन में मांग जुलाई से बढ़ेगी, जिससे भाव में हल्का सुधार तो आ सकता है लेकिन कुल उपलब्धता ज्यादा होने से बड़ी तेजी की उम्मीद नहीं है।
आयातित दालों की कीमतों में मंगलवार को हल्का सुधार देखा गया। मुंबई में लेमन अरहर के भाव बढ़कर 525 डॉलर और उड़द एफएक्यू का भाव 670 डॉलर तथा एसक्यू का भाव 855 डॉलर प्रति टन हो गया। आस्ट्रेलियाई चना का भाव मुंबई में बढ़कर 5,400 रुपये प्रति क्विंटल हो गए। व्यापारियों के अनुसार चना की कीमतों में जुलाई-अगस्त में 500 से 600 रुपये की तेजी आने का अनुमान जबकि अन्य दालों के भाव 150 से 200 रुपये प्रति क्विंटल का सुधार आ सकता है।
केंद्रीय एजेंसियों ने घरेलू मंडियों से 15.33 लाख टन दलहन की खरीद घरेलू मंडियों से की है, जिसमें सबसे ज्यादा अरहर की खरीद 11.62 लाख टन, मूंग की 2.19 लाख टन, उड़द की 89,000 टन, चना 49,000 टन और मसूर की खरीद 14,000 टन की है। इसके अलावा सार्वजनिक कंपनियों के माध्यम से 3.78 लाख टन दलहन का आयात किया है। केंद्रीय पूल में से अभी तक केवल 44,000 टन अरहर, 43,000 टन मूंग और 15,500 टन उड़द की ही बिक्री की है।
वित्त वर्ष 2016-17 में कुल 66.16 लाख टन दलहन का आयात किया है जोकि अभी तक का रिकार्ड आयात है जबकि इसके पिछले वित्त वर्ष 2015-16 में 57.97 लाख टन दलहन का आयात किया था। कृषि मंत्रालय के अनुसार वित्त वर्ष 2016-17 में अप्रैल से दिसंबर तक दलहन का आयात 54.20 लाख टन का हुआ था। इस दौरान कुल आयात में मटर की हिस्सेदारी 26.57 लाख टन, चना का आयात 4.21 लाख टन का, मूंग और उड़द का 4.68 लाख टन का तथा मसूर का 4.47 लाख टन और अरहर का आयात 5.73 लाख टन का हुआ था।
कृषि मंत्रालय के तीसरे आरंभिक अनुमान के अनुसार फसल सीजन 2016-17 में दलहन का उत्पादन बढ़कर 224 लाख टन होने का अनुमान है जबकि इसके पिछले साल 163.5 लाख टन का ही हुआ था। अतः एक तो दलहन के उत्पादन में बढ़ोतरी साथ ही आयात भी बढ़ने से घरेलू बाजार में दलहन की कुल उपलब्धता ज्यादा है। हालांकि चालू खरीफ में दलहन की बुवाई में कमी आने की आशंका है, इसके बावजूद भी अरहर, मूंग और उड़द के भाव में बड़ी तेजी की संभावना नहीं है।........... आर एस राणा
नई दिल्ली। केंद्रीय पूल में दलहन का करीब 19.11 लाख टन दलहन का स्टॉक है, जिसकों बेचने के लिए केंद्रीय एजेंसियों को खरीददार नहीं मिल रहा है। राज्य सरकारें केंद्रीय पूल से दलहन की खरीद नहीं कर रही हैं जबकि मानसूनी बारिश के बाद दलहन की क्वालिटी प्रभावित होगी इसलिए केंद्रीय पूल से आगे दलहन की बिक्री बढ़ेगी। दलहन में मांग जुलाई से बढ़ेगी, जिससे भाव में हल्का सुधार तो आ सकता है लेकिन कुल उपलब्धता ज्यादा होने से बड़ी तेजी की उम्मीद नहीं है।
आयातित दालों की कीमतों में मंगलवार को हल्का सुधार देखा गया। मुंबई में लेमन अरहर के भाव बढ़कर 525 डॉलर और उड़द एफएक्यू का भाव 670 डॉलर तथा एसक्यू का भाव 855 डॉलर प्रति टन हो गया। आस्ट्रेलियाई चना का भाव मुंबई में बढ़कर 5,400 रुपये प्रति क्विंटल हो गए। व्यापारियों के अनुसार चना की कीमतों में जुलाई-अगस्त में 500 से 600 रुपये की तेजी आने का अनुमान जबकि अन्य दालों के भाव 150 से 200 रुपये प्रति क्विंटल का सुधार आ सकता है।
केंद्रीय एजेंसियों ने घरेलू मंडियों से 15.33 लाख टन दलहन की खरीद घरेलू मंडियों से की है, जिसमें सबसे ज्यादा अरहर की खरीद 11.62 लाख टन, मूंग की 2.19 लाख टन, उड़द की 89,000 टन, चना 49,000 टन और मसूर की खरीद 14,000 टन की है। इसके अलावा सार्वजनिक कंपनियों के माध्यम से 3.78 लाख टन दलहन का आयात किया है। केंद्रीय पूल में से अभी तक केवल 44,000 टन अरहर, 43,000 टन मूंग और 15,500 टन उड़द की ही बिक्री की है।
वित्त वर्ष 2016-17 में कुल 66.16 लाख टन दलहन का आयात किया है जोकि अभी तक का रिकार्ड आयात है जबकि इसके पिछले वित्त वर्ष 2015-16 में 57.97 लाख टन दलहन का आयात किया था। कृषि मंत्रालय के अनुसार वित्त वर्ष 2016-17 में अप्रैल से दिसंबर तक दलहन का आयात 54.20 लाख टन का हुआ था। इस दौरान कुल आयात में मटर की हिस्सेदारी 26.57 लाख टन, चना का आयात 4.21 लाख टन का, मूंग और उड़द का 4.68 लाख टन का तथा मसूर का 4.47 लाख टन और अरहर का आयात 5.73 लाख टन का हुआ था।
कृषि मंत्रालय के तीसरे आरंभिक अनुमान के अनुसार फसल सीजन 2016-17 में दलहन का उत्पादन बढ़कर 224 लाख टन होने का अनुमान है जबकि इसके पिछले साल 163.5 लाख टन का ही हुआ था। अतः एक तो दलहन के उत्पादन में बढ़ोतरी साथ ही आयात भी बढ़ने से घरेलू बाजार में दलहन की कुल उपलब्धता ज्यादा है। हालांकि चालू खरीफ में दलहन की बुवाई में कमी आने की आशंका है, इसके बावजूद भी अरहर, मूंग और उड़द के भाव में बड़ी तेजी की संभावना नहीं है।........... आर एस राणा
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