आर एस राणा
नई दिल्ली। चालू खरीफ में मक्का के साथ ही ज्वार की बुवाई में बढ़ोतरी हुई है। कृषि मंत्रालय के अनुसार चालू खरीफ में मक्का की बुवाई बढ़कर 3.07 लाख हैक्टेयर में हो चुकी है जबकि पिछले साल की समान अवधि में इसकी बुवाई 2.52 लाख हैक्टेयर में ही हुई थी।
अन्य मोटे अनाजों में ज्वार की बुवाई चालू खरीफ में बढ़कर 84,000 हैक्टेयर में हो चुकी है जबकि पिछले साल इस समय तक 72,000 हैक्टेयर में ही हुई थी। बाजारा का बुवाई चालू खरीफ में पिछले साल के लगभग के बराबर 21 हजार हैक्टेयर में ही हुई है।
मोटे अनाजों की कुल बुवाई चालू खरीफ में बढ़कर अभी तक 4.59 लाख हैक्टेयर में हो चुकी है जबकि पिछले साल इस समय तक 3.89 लाख हैक्टेयर में ही मोटे अनाजों की बुवाई हुई थी।
रबी में भी मक्का की पैदावार हुई थी, जबकि विश्व बाजार में भाव कम होने के कारण भारत से निर्यात नहीं हो पा रहा है। गर्मी के कारण मक्का में पोल्ट्री उद्योग की मांग भी कमजोर है इसीलिए उत्तर भारत के राज्यों के साथ ही बिहार की मंडियों में मक्का के भाव नरम बने हुए हैं। दक्षिण भारत के राज्यों में मानसूनी बारिश शुरु हो गई है इसलिए आगामी दिनों में दक्षिण भारत में मक्का की मांग में बढ़ोतरी होगी, इसलिए आगे इसके भाव में सुधार आने का अनुमान है।
बाजरा का स्टॉक उत्पादक मंडियों में ज्यादा होने के कारण इसके भाव में मंदा आया है, जुलाई-अगस्त में इसमें कुछ मांग बढ़ेगी, उसके भाव में भाव में हल्का सुधार तो आ सकता है लेकिन बड़ी तेजी की उम्मीद नहीं है।............. आर एस राणा
नई दिल्ली। चालू खरीफ में मक्का के साथ ही ज्वार की बुवाई में बढ़ोतरी हुई है। कृषि मंत्रालय के अनुसार चालू खरीफ में मक्का की बुवाई बढ़कर 3.07 लाख हैक्टेयर में हो चुकी है जबकि पिछले साल की समान अवधि में इसकी बुवाई 2.52 लाख हैक्टेयर में ही हुई थी।
अन्य मोटे अनाजों में ज्वार की बुवाई चालू खरीफ में बढ़कर 84,000 हैक्टेयर में हो चुकी है जबकि पिछले साल इस समय तक 72,000 हैक्टेयर में ही हुई थी। बाजारा का बुवाई चालू खरीफ में पिछले साल के लगभग के बराबर 21 हजार हैक्टेयर में ही हुई है।
मोटे अनाजों की कुल बुवाई चालू खरीफ में बढ़कर अभी तक 4.59 लाख हैक्टेयर में हो चुकी है जबकि पिछले साल इस समय तक 3.89 लाख हैक्टेयर में ही मोटे अनाजों की बुवाई हुई थी।
रबी में भी मक्का की पैदावार हुई थी, जबकि विश्व बाजार में भाव कम होने के कारण भारत से निर्यात नहीं हो पा रहा है। गर्मी के कारण मक्का में पोल्ट्री उद्योग की मांग भी कमजोर है इसीलिए उत्तर भारत के राज्यों के साथ ही बिहार की मंडियों में मक्का के भाव नरम बने हुए हैं। दक्षिण भारत के राज्यों में मानसूनी बारिश शुरु हो गई है इसलिए आगामी दिनों में दक्षिण भारत में मक्का की मांग में बढ़ोतरी होगी, इसलिए आगे इसके भाव में सुधार आने का अनुमान है।
बाजरा का स्टॉक उत्पादक मंडियों में ज्यादा होने के कारण इसके भाव में मंदा आया है, जुलाई-अगस्त में इसमें कुछ मांग बढ़ेगी, उसके भाव में भाव में हल्का सुधार तो आ सकता है लेकिन बड़ी तेजी की उम्मीद नहीं है।............. आर एस राणा
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