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02 जनवरी 2016

सरकार ने जब्त दालें खुदरा बाजार में बेचीं


सरकार ने जमाखोरों से जब्त की गई 1.12 लाख टन दालें खुदरा बाजार में उतारी हैं, जिसका मकसद बाजार में उपलब्धता में सुधार लाना और कीमतों को अंकुश में रखना है। सरकार के जमाखोरों के यहां भंडार को पकडऩे व उसे खुदरा बाजार में उतार देने सहित अनेक कदमों के कारण दालों की कीमत अक्टूबर महीने के 200 रुपये प्रति किलोग्राम तक के स्तर से घटकर फिलहाल 160 रुपये किलोग्राम पर आ गई है। कमजोर मॉनसून के कारण फसल वर्ष 2014-15 (जुलाई से जून) के दौरान दलहन उत्पादन में 20 लाख टन की कमी आने के बाद विशेषकर तुअर और उड़द जैसी प्रमुख दालों की कीमतें विगत कुछ महीनों में निर्बाध रूप से बढ़ीं हैं।
एक सरकारी बयान में कहा गया है कि राज्य सरकारों से प्राप्त रिपोर्ट के अनुसार कल तक जमाखोरी रोधी अभियान के तहत 1,12,545.96 टन दलहन जब्त किया गया और बाजार में उपलब्धता बढ़ाने के लिए इनकी नीलामी की गई अथवा किसी अन्य माध्यम से इन्हें बाजार में लाया गया। इससे कीमतों में आगे और कमी लाने में मदद मिलेगी। बयान में कहा गया है, 'राज्यों के द्वारा दलहनों का स्टॉक रखने की सीमा को लागू किए जाने के बाद अभी तक 1,31,029.55 टन दलहनों को जब्त किया गया है। बाकी राज्य सरकारों के द्वारा भी आवश्यक जिंस कानून के प्रावधानों के अनुरूप जब्त किए गए दलहनों को बाजार में उतारने की तैयारी की जा रही है।'
देश के 14 राज्यों और केन्द्र शासित प्रदेशों में करीब 14,726 छापे मारे गए हैं। आंकड़ों के अनुसार सर्वाधिक 86,709 टन दलहन को महाराष्ट्र में जब्त किया गया जिसमें से 81,473 टन दलहन को कल तक बाजार में उतार गया है। कर्नाटक में अभी तक जब्त किए गए 25,545 टन दलहनों  में से 22,421 टन दलहनों को बाजार में लाया गया है। जबकि छत्तीसगढ़ में बाजार में 4,138 टन दलहनों को बाजार में उतार है। इसमें कहा गया है कि बाकी राज्य भी जब्त किए गए दलहनों को बाजार में उतारने की प्रक्रिया में हैं।

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