आर एस राणा
नई दिल्ली। चीन की आयात मांग बढ़ने से 17 जनवरी को समाप्त हुए सप्ताह में केस्टर तेल के निर्यात में 21.71 फीसदी की बढ़ोतरी हुई। इस दौरान देष से 6,624.08 केस्टर तेल का निर्यात हुआ है। केस्टर तेल के निर्यात सौदे 1,308.28 डॉलर प्रति टन की दर हुए हैं। निर्यात की अच्छी मांग को देखते हुए चालू वित वर्ष में केस्टर तेल के निर्यात में 12 से 15 फीसदी की बढ़ोतरी होने का अनुमान है।
साल्वेंट एक्सट्रेक्टर्स एसोसिएषन ऑफ इंडिया (एसएई) के अनुसार चालू वित वर्ष 2015-16 के पहले आठ महीनों अप्रैल से नवंबर के दौरान केस्टर तेल का निर्यात बढ़कर 315,277 टन का हो चुका है जबकि पिछले वित वर्ष की समान अवधि में 279,461 टन तेल का निर्यात हुआ था। जानकारों के अनुसार दिसंबर से मार्च के महीनों में केस्टर तेल का निर्यात अन्य महीनों की तुलना में ज्यादा होता है।
वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय के अनुसार चालू वित वर्ष 2015-16 के पहले 8 महीनों अप्रैल से नवंबर के दौरान मूल्य के हिसाब से केस्टर तेल के निर्यात में 5.77 फीसदी की बढ़ोतरी होकर कुल 3,029.27 करोड़ रुपये मूल्य का निर्यात हुआ है जबकि पिछले वित वर्ष की समान अवधि में इसका निर्यात 2,863.92 करोड़ रुपये का हुआ था।
प्रमुख उत्पादक राज्य गुजरात और राजस्थान की मंडियों में केस्टर सीड की दैनिक आवक बढ़ रही है जबकि मिलों की मांग कम होने से भाव में गिरावट देखी जा रही है। हालांकि जानकारों का मानना है कि मौजूदा भाव में 100-150 रुपये प्रति क्विंटल की गिरावट तो आ सकती है लेकिन केस्टर तेल के अच्छी निर्यात मांग को देखते हुए आगामी दिनों में इसकी कीमतों में फिर तेजी आने का अनुमान है। उत्पादक मंडियों में केस्टर सी के भाव 3,400 से 3,500 रुपये प्रति क्विंटल चल रहे हैं।........आर एस राणा
नई दिल्ली। चीन की आयात मांग बढ़ने से 17 जनवरी को समाप्त हुए सप्ताह में केस्टर तेल के निर्यात में 21.71 फीसदी की बढ़ोतरी हुई। इस दौरान देष से 6,624.08 केस्टर तेल का निर्यात हुआ है। केस्टर तेल के निर्यात सौदे 1,308.28 डॉलर प्रति टन की दर हुए हैं। निर्यात की अच्छी मांग को देखते हुए चालू वित वर्ष में केस्टर तेल के निर्यात में 12 से 15 फीसदी की बढ़ोतरी होने का अनुमान है।
साल्वेंट एक्सट्रेक्टर्स एसोसिएषन ऑफ इंडिया (एसएई) के अनुसार चालू वित वर्ष 2015-16 के पहले आठ महीनों अप्रैल से नवंबर के दौरान केस्टर तेल का निर्यात बढ़कर 315,277 टन का हो चुका है जबकि पिछले वित वर्ष की समान अवधि में 279,461 टन तेल का निर्यात हुआ था। जानकारों के अनुसार दिसंबर से मार्च के महीनों में केस्टर तेल का निर्यात अन्य महीनों की तुलना में ज्यादा होता है।
वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय के अनुसार चालू वित वर्ष 2015-16 के पहले 8 महीनों अप्रैल से नवंबर के दौरान मूल्य के हिसाब से केस्टर तेल के निर्यात में 5.77 फीसदी की बढ़ोतरी होकर कुल 3,029.27 करोड़ रुपये मूल्य का निर्यात हुआ है जबकि पिछले वित वर्ष की समान अवधि में इसका निर्यात 2,863.92 करोड़ रुपये का हुआ था।
प्रमुख उत्पादक राज्य गुजरात और राजस्थान की मंडियों में केस्टर सीड की दैनिक आवक बढ़ रही है जबकि मिलों की मांग कम होने से भाव में गिरावट देखी जा रही है। हालांकि जानकारों का मानना है कि मौजूदा भाव में 100-150 रुपये प्रति क्विंटल की गिरावट तो आ सकती है लेकिन केस्टर तेल के अच्छी निर्यात मांग को देखते हुए आगामी दिनों में इसकी कीमतों में फिर तेजी आने का अनुमान है। उत्पादक मंडियों में केस्टर सी के भाव 3,400 से 3,500 रुपये प्रति क्विंटल चल रहे हैं।........आर एस राणा
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