आर एस राणा
नई दिल्ली। विष्व बाजार में कीमतें कम होने से देष से खली के निर्यात में भारी गिरावट देखी जा रही है। दिसंबर महीने में खली के निर्यात में 85 फीसदी की भारी गिरावट आकर कुल निर्यात 59,818 टन का ही हुआ है जबकि चालू वित वर्ष 2015-16 के पहले 9 महीनों में 48 फीसदी की गिरावट आकर कुल निर्यात 963,442 टन का ही हो पाया है।
साल्वेंट एक्सट्रेक्टर्स एसोसिएषन ऑफ इंडिया (एसईए) के अनुसार देष में तिलहनों की पैदावार में कमी के कारण कच्चे माल की उपलब्धता कम होने का असर खली के निर्यात पर पड़ रहा है। दिसंबर महीने में देष से केवल 59,818 टन खली का ही निर्यात हो पाया है जबकि पिछले साल दिसंबर महीने में 410,178 टन खली का निर्यात हुआ था। चालू वित वर्ष के पहले 9 महीनों अप्रैल से दिसंबर के दौरान कुल निर्यात घटकर 963,442 टन का ही हुआ है जबकि पिछले वित वर्ष की समान अवधि में 1,862,283 टन खली का निर्यात हुआ था।
भारतीय बंदरगाह पर सोयाखली का भाव दिसंबर में घटकर 487 डॉलर प्रति टन रह गया जबकि अक्टूबर में इसका भाव 511 डॉलर प्रति टन था। इसी तरह से सरसों खली का भाव इस दौरान 302 डॉलर प्रति टन से घटकर 295 डॉलर प्रति टन रह गया। मूंगफली की खली का भाव दिसंबर में 444 डॉलर और राइसब्रान खली का 157 डॉलर प्रति टन रह गया।----------------आर एस राणा
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