मिलरों की मांग से बासमती धान की कीमतों में सुधार आने का अनुमान
आर एस राणा
नई दिल्ली। ईरान, साउदी अरब के साथ ही अन्य खाड़ी देषों की आयात मांग अच्छी होने से चालू वित वर्ष 2015-16 के पहले आठ महीनों अप्रैल से नवंबर के दौरान देष से बासमती चावल का निर्यात तो बढ़ा है लेकिन गैर-बासमती चावल के निर्यात में गिरावट देखी गई है।
एपिडा के अनुसार चालू वित वर्ष 2015-16 के पहले आठ महीनों अप्रैल से नवंबर के दौरान देष से बासमती चावल का निर्यात बढ़कर 26.90 लाख टन होने गया जबकि पिछले वित वर्ष की समान अवधि में इसका निर्यात 21.89 लाख टन का हुआ था। इस दौरान देष से गैर-बासमती चावल का निर्यात घटकर 42.92 लाख टन ही हो पाया है जबकि पिछले वित वर्ष की समान अवधि में इसका निर्यात 53.44 लाख टन का हुआ था। एपीडा के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि बासमती चावल में ईरान के साथ साउदी अरब तथा अन्य खाड़ी देषों की आयात मांग अच्छी बनी हुई है जिससे निर्यात में बढ़ोतरी बनी हुई है। उन्होंने बताया कि चालू वित वर्ष में बासमती चावल के निर्यात में करीब 10 से 12 फीसदी की बढ़ोतरी होने का अनुमान है।
ईरान द्वारा परमिट आधार पर आयात करने से देष से वित वर्ष 2014-15 में बासमती चावल के निर्यात में गिरावट दर्ज की गई थी। वित वर्ष 2014-15 में देष से कुल निर्यात 37 लाख टन का ही हुआ था जबकि इसके पिछले वित वर्ष 2013-14 में निर्यात 37.5 लाख टन का हुआ था। उत्पादक मंडियों में बासमती धान की दैनिक आवक कम हो रही है जबकि अच्छी निर्यात मांग को देखते हुए आगामी दिनों में मिलरों की मांग बढ़ सकती है, जिससे धान के साथ ही चावल की कीमतों में भी सुधार आया है तथा और भी तेजी आने का अनुमान है।
हरियाणा की करनाल मंडी में पूसा-1,121 बासमती धान का भाव 75 रुपये बढ़कर मंगलवार को 2,350 रुपये, पूसा-1,509 बासमती धान का भाव 100 रुपये बढ़कर 1,825 रुपये, डूप्लीकेट बासमती का 50 रुपये बढ़कर 2,010 रुपये, सुबंधा का भाव 1,600 रुपये, षरबती धान का भाव 1,550 रुपये और परमल धान का भाव 1,450 रुपये प्रति क्विंटल हो गया। धान की कीमतों में आए सुधार का असर चावल की कीमतों पर भी देखा गया तथा बासमती चावल की कीमतों में 200 रुपये प्रति क्विंटल की तेजी दर्ज की गई। मंडी में पूसा-1,121 बासमती चावल सेला का भाव बढ़कर 4,300 रुपये, डुप्लीकेट बासमती का सेला 3,800 रुपये और सरबती का सेले का भाव 2,800 रुपये प्रति क्विंटल हो गया। विदेष में छुट्टियां समाप्त हो गई है इसलिए आगामी दिनों में बासमती चावल की निर्यात मांग में और सुधार आने का अनुमान है।........आर एस राणा
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