12 अप्रैल 2014
बकाया स्टॉक ज्यादा होने से मेंथा तेल में और गिरावट की संभावना
नरमी का रुख
मांग कमजोर होने से मेंथा तेल के मूल्य में सुस्ती
नए सीजन में मेंथा का रकबा बढऩे की संभावना
चंदौसी में मेंथा तेल घटकर 973 रुपये प्रति किलो
क्रिस्टल बोल्ड "1,050-1,100 प्रति किलो रह गया
डॉलर के मुकाबले रुपये में आई मजबूती से मेंथा उत्पादों के निर्यातकों के मार्जिन पर दबाव पडऩे लगा है। निर्यातकों ने दिसंबर-जनवरी में मेंथा उत्पादों के अप्रैल-मई डिलीवरी के सौदे जिस समय किए, उस समय रुपये के मुकाबले डॉलर 64-65 के स्तर पर था जबकि इस समय डॉलर के मुकाबले रुपया मजबूत होकर 60 के स्तर पर आ गया है।
दूसरी ओर, चालू फसल सीजन में मेंथा की बुवाई बढऩे का अनुमान है जबकि उत्पादक मंडियों में बकाया स्टॉक भी बचा हुआ है। ऐसे में मेंथा तेल की मौजूदा कीमतों में मंदे की ही संभावना है।
एसेंशियल एसोसिएशन ऑफ इंडिया के पूर्व अध्यक्ष जुगल किशोर ने बिजनेस भास्कर को बताया कि डॉलर के मुकाबले रुपये की मजबूती से निर्यातकों को नुकसान उठाना पड़ रहा है।
निर्यातकों ने दिसंबर-जनवरी में अप्रैल-मई डिलीवरी के मेंथा उत्पादों के निर्यात सौदे 17-18 डॉलर प्रति किलो की दर से किए थे जबकि जनवरी में डॉलर के मुकाबले रुपया 64-65 के स्तर पर था। इस समय डॉलर के मुकाबले रुपया मजबूत होकर 60 के स्तर पर आ गया है तथा आगामी दिनों में रुपया और भी मजबूत होने की संभावना है।
उधर, आयातकों ने खरीद सौदे भी ज्यादा कर लिए थे, जिसकी वजह से इस समय मांग कमजोर है। अंतरराष्ट्रीय बाजार में कई बड़ी कंपनियों ने मेंथा तेल के बजाय सिंथेटिक तेल का उपयोग शुरू कर दिया है जिसका असर निर्यात पर पड़ रहा है।
ग्लोरियस केमिकल के प्रबंधक अनुराग रस्तोगी ने बताया कि चुनाव के साथ ही किसान गेहूं की कटाई में लगे हुए हैं इसीलिए उत्पादक मंडियों में मेंथा तेल की दैनिक आवक घटकर 250 से 300 ड्रम (एक ड्रम-180 किलो) की ही हो रही है। लेकिन इसके मुकाबले में निर्यात के साथ ही घरेलू मांग भी कमजोर है, जिससे कीमतों में गिरावट आई है।
उत्तर प्रदेश मेंथा उद्योग एसोसिएशन के अध्यक्ष फूल प्रकाश ने बताया कि मेंथा की नई फसल की आवक जून-जुलाई में बनेगी। पौध वाली फसल की रोपाई गेहूं की कटाई के बाद होगी, जबकि सीधी रोपाई वाली फसल लग चुकी है। चालू फसल सीजन में कुल बुवाई पिछले साल से ज्यादा ही होने का अनुमान है।
भारतीय मसाला बोर्ड के अनुसार वित्त वर्ष 2013-14 के पहले 9 महीनों (अप्रैल से दिसंबर) के दौरान 17,850 टन मेंथा उत्पादों का निर्यात हुआ है जबकि पिछले साल की समान अवधि में 9,210 टन मेंथा उत्पादों का निर्यात हुआ था (Business Bhaskar....R S Rana)
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