12 अप्रैल 2014
कड़ाई करके सरकार सोने-चांदी का आयात घटाने में कामयाब
सख्ती का असर
40' कम हो गया सोने-चांदी का आयात मूल्य के लिहाज से
33.46 अरब डॉलर का आयात हुआ वर्ष 2013-14 में
2.76 अरब का आयात रहा मार्च में 3.33 अरब डॉलर से घटकर
सोने और चांदी के आयात पर अंकुश रखने के लिए सरकार द्वारा किए गए कड़े उपाय खासे असरकारी साबित हुए हैं। बीते वित्त वर्ष 2013-14 के दौरान मूल्य के लिहाज से इन कीमती धातुओं का आयात 40 फीसदी घट गया। इस अवधि में 33.46 अरब डॉलर मूल्य के सोने व चांदी का आयात किया गया। इससे सरकार को करेंट एकाउंट डेफिशिट (सीएडी) नियंत्रित करने में मदद मिली।
पिछले वित्त वर्ष 2012-13 के दौरान देश में 55.79 अरब डॉलर मूल्य का सोना-चांदी आयात किया गया था। पिछले मार्च में आयात 17.27 फीसदी घटकर 2.76 अरब डॉलर रह गया। पिछले साल मार्च में इसका आयात 3.33 अरब डॉलर रहा था। सोने का आयात कम होने से सीएडी घटकर 138.59 अरब डॉलर रह गया।
वर्ष 2012-13 में सीएडी बढ़कर रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गया था। जीडीपी के मुकाबले सीएडी बढ़कर 4.8 फीसदी के स्तर पर पहुंच गया। विदेशी मुद्रा की आय और व्यय का अंतर प्रतिकूल रहता है तो सीएडी होने लगता है।
इसका आशय है कि विदेशी मुद्रा का व्यय के मुकाबले आय से कहीं ज्यादा हो जाता है। सीएडी बढऩे से मुद्रा बाजार में भारतीय रुपया पर दबाव बढ़ता है और महंगाई बढ़ती है। सोना-चांदी और क्रूड ऑयल के आयात में विदेशी मुद्रा का अत्यधिक व्यय होने से सीएडी बढ़ रहा था।
सोने व चांदी के आयात पर अंकुश लगाने के लिए सरकार और भारतीय रिजर्व बैंक ने कई कदम उठाए थे। इनमें सबसे प्रमुख आयात शुल्क में बढ़ोतरी का था। शुल्क में कई बार की बढ़ोतरी के बाद यह 10 फीसदी पर पहुंच गया। सोने के मेडल और सिक्कों के आयात पर रोक लगा दी गई।
रिजर्व बैंक ने सोने के आयात को निर्यात से जोड़ दिया। भारत दुनिया का सबसे बड़ा आयातक देश है। यहां सोने की मांग ज्वैलरी के अलावा निवेश के लिए होती है। वित्त वर्ष 2012-13 में 830 टन सोने का आयात किया गया था।
वाणिज्य मंत्रालय सोने के आयात पर लगी पाबंदियों में हटवाने का प्रयास कर रहा है, जिससे जेम्स व ज्वैलरी का निर्यात बढ़ सके। वर्ष 2013-14 में जेम्स व ज्वैलरी का आयात 8.82' गिरकर 39.52 अरब डॉलर रह गया। (Business Bhaskar)
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