09 अप्रैल 2014
माल्ट कंपनियों की मांग निकलने पर जौ के मूल्य में तेजी संभव
सुस्ती : पैदावार ज्यादा होने के अनुमान और मांग की कमी से फिलहाल नरमी
मंडियों में हलचल
माल में नमी होने से कंपनियां अभी खरीद नहीं कर रहीं
निर्यातकों के सौदे 1,400-1,410 रुपये प्रति क्विंटल पर
अप्रैल अंत तक माल्ट उद्योग की मांग से तेजी संभव
राजस्थान की मंडियों में आवक 65,000-70,000 बोरी
चालू रबी में जौ की पैदावार पिछले साल से ज्यादा होने का अनुमान है तथा उत्पादक मंडियों में नई फसल की दैनिक आवक बढऩे से जौ की कीमतों में सप्ताहभर में करीब 100 रुपये की गिरावट आकर मंगलवार को भाव 1,050-1,100 रुपये प्रति क्विंटल रह गए हैं।
इस समय जौ में निर्यातकों की मांग तो अच्छी बनी हुई है लेकिन माल्ट कंपनियां अभी खरीद नहीं कर रही है। ऐसे में जैसे ही माल्ट कंपनियों की मांग निकलने पर ही मूल्य को समर्थन मिल सकेगा।
इम्पीरियल माल्ट लिमिटेड के डायरेक्टर संजय यादव ने बिजनेस भास्कर को बताया कि चालू सीजन में जौ की पैदावार पिछले साल से ज्यादा होने का अनुमान है।
उत्पादक मंडियों में नए मालों में नमी की मात्रा ज्यादा आ रही है इसीलिए माल्ट कंपनियां अभी खरीद नहीं कर रही है। हालांकि निर्यातक कांडला-मुंदड़ा बंदरगाह पहुंच 1,400 से 1,410 रुपये प्रति क्विंटल की दर से खरीद कर रहे हैं। चालू माह के आखिर तक माल्ट कंपनियों की मांग निकलनी शुरू हो जायेगी, जिससे आगामी दिनों में मौजूदा कीमतों में तेजी ही आने की संभावना है।
श्री गिरीराज ट्रेडिंग कॉरपोरेशन के प्रबंधक सीताराम शर्मा ने बताया कि राजस्थान की उत्पादक मंडियों में जौ की दैनिक आवक बढ़कर 65,000 से 70,000 बोरी (एक बोरी-75 किलो) की हो गई है। उधर, हरियाणा और उत्तर प्रदेश की मंडियों में भी 40,000 से 50,000 बोरी की दैनिक आवक हो रही है।
इस समय निर्यातकों की खरीद तो बनी हुई है लेकिन माल्ट कंपनियों ने खरीद शुरू नहीं की है। इसीलिए सप्ताह भर में जौ की कीमतों में करीब 100 रुपये की गिरावट आकर सोमवार को भाव 1,050-1,100 रुपये प्रति क्विंटल रह गए। उन्होंने बताया कि प्रमुख उत्पादक राज्यों में असमय की बारिश से फसल की क्वालिटी जरूर प्रभावित हुई है।
कुंदन लाल परसराम एंड कंपनी के प्रबंधक राजीव बंसल ने बताया कि माल्ट कंपनियों के पास पुराना स्टॉक बचा हुआ है, साथ ही चालू सीजन में पैदावार ज्यादा होने का अनुमान है। इसीलिए माल्ट कंपनियां अभी इंतजार करो और देखो की नीति अपना रही हैं। एनसीडीईएक्स पर मई महीने के वायदा अनुबंध में चालू महीने में जौ की कीमतों में करीब 3.98 फीसदी की गिरावट आ चुकी है।
31 मार्च को मई महीने के वायदा अनुबंध में जौ का भाव 1,355 रुपये प्रति क्विंटल था जबकि सोमवार को भाव घटकर 1,255 रुपये प्रति क्विंटल रह गया।
कृषि मंत्रालय के दूसरे आरंभिक अनुमान के अनुसार वर्ष 2013-14 में जौ की पैदावार 19.2 लाख टन होने का अनुमान है जबकि वर्ष 2012-13 में पैदावार 17.5 लाख टन की हुई थी। (Business Bhaskar....R S Rana)
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